Movienurture :- Meena Kumari

Pakeezah – मासूम मोहब्बत की कहानी।

भारतीय सिनेमा ने पूरी दुनिया में अपना एक अलग ही रुतबा कायम किया हुआ है। हर दशक में कलाकारों ने अपनी अदाकारी से एक नया आयाम प्रस्तुत किया है।  हम समीक्षा करेंगे एक ऐसी ही अद्भुत फिल्म की, जिसने हिंदी सिनेमा को एक नयी सोच दी…… पाकीज़ा,  कभी ना कभी इस फिल्म का नाम सभी ने सुना […]

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Movienurture :- sunil ditt

Padosan – मेरे सामने वाली खिड़की में एक चाँद का टुकड़ा रहता है

कभी – कभी हास्य फिल्मे कुछ ऐसे संजीदा कलाकारों को लेकर बनती है, जिनके बारे में हम कभी सोच भी नहीं सकते हैं कि यह कलाकार कभी भी हास्य फिल्म कर सकते हैं।  पड़ोसन फिल्म ने यह बताया कि किस तरह से सुनील दत्त सबको हँसा भी सकते हैं।     पड़ोसन फिल्म 1968 में सिनेमा […]

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Purab Aur Paschim – विचारों में विभिन्नता का परिवेश

सिनेमा जगत की एक ऐसी फिल्म जिसने फिल्म के जरिये भारतीय संस्कृति को एक अलग पहचान देने की कोशिश की है। हम इंसान चाहे एक ही जैसे क्यों ना हो , मगर हमारी संस्कृति की भिन्नता ही हमें अलग पहचान  देती है।     पूरब और पश्चिम एक ऐसी ही फिल्म है जिसमे दो अलग – अलग संस्कृतियों […]

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Neramu Siksha (నేరము – శిక్ష) – एक हादसे ने बदला पूरा जीवन

जिम्मेदारी एक ऐसा शब्द है जो दिखने में शायद बहुत छोटा लगता होगा मगर उसका अहसास बहुत बड़ा होता है।  जिम्मेदार व्यक्ति पर आप भरोसा कर सकते हैं। निरामा शिक्शा एक तेलुगु शब्द है किसका अर्थ Crime and Punishment होता है।  यह फिल्म 1973 में तेलुगु सिनेमा की सुपरहिट फिल्मों में से एक है।  इस फिल्म का […]

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Faraar – मै प्यासा तुम सावन, मै दिल तू मेरी धड़कन

फरार हिंदी  फिल्म भारतीय सिनेमा में 11 नवम्बर 1975 को रिलीज़ हुयी थी। इसका निर्देशन शंकर मुखर्जी ने किया था और इसके सुपरहिट होने के बाद इस फिल्म को मलयालम में प्रियदर्शन द्वारा परायुंमवाय परायथिरिक्कुमवय्या के रूप में रीमेक किया गया था। फिल्म एक क्राइम बेस्ड ड्रामा है और इसमें क्राइम के साथ – साथ […]

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