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Home 1960

कादेड्‌लू एकरम नेला :किसानों का ख्वाब

Sonaley Jain by Sonaley Jain
November 7, 2023
in 1960, Films, Hindi, Movie Review, old Films, South India, Telugu, Top Stories
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Movie Nurture: Kadeddulu Ekaram Nela
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कडेद्दुलु एकराम नेला (दो बैल और एक एकड़ भूमि) 1960 की तेलुगु ड्रामा फिल्म है, जो जम्पना द्वारा निर्देशित और पोन्नालुरु वसंतकुमार रेड्डी द्वारा निर्मित है। इसमें एन. टी. रामा राव और सोवकर जानकी ने रामुडु और सीता की भूमिका निभाई है, जो एक युवा जोड़े हैं जो शवुकर वेंकैया (रेलंगी) नामक एक लालची साहूकार से अपनी जमीन वापस पाने के लिए संघर्ष करते हैं। फिल्म में गांव में किसानों की कठिनाइयों और साहूकारों के भ्रष्टाचार को दर्शाया गया है। यह रामुडु के साहस और दृढ़ संकल्प को भी दर्शाता है, जो अपने अधिकारों और अपने साथी ग्रामीणों के कल्याण के लिए लड़ता है।

Movie Nurture: Kadeddulu Ekaram Nela
Image Source: Google

स्टोरी लाइन

फिल्म रामुडु (एन. टी. रामा राव) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक युवा और ऊर्जावान व्यक्ति है जो अपनी एक एकड़ जमीन और दो बैलों के साथ खुशी से रहता है। उसका दिल उसके मामा सुरैया (पेरुमल्लू) की बेटी सीता (सोवकर जानकी) धड़कता है। गांव में शवुकर वेंकैया नाम का एक कंजूस साहूकार है, जो अक्सर गांव वालों को उधार देकर उनकी जमीन पर कब्ज़ा कर लेता है। रामुडु हमेशा साहूकार की सोच से विपरीत रहता है। मगर जरुरत उसको उधार लेने पर मजबूर और यही सब कुछ वह रामुडु के साथ भी करता है।

रामुडु अपनी जमीन को वापस पाने के लिए अपने भाई के साथ शहर जाता है हुए उसके पीछे पीछे सीता भी पहुँच जाती है। रामुडु के ऊपर एक हत्या का आरोप भी लगता है मगर सीता और रामुडु का भाई अपनी सूझ बूझ से उसको बचा लेते हैं और गांव वापस आकर अपनी जमीन को भी बचा लेते हैं।

फ़िल्म की अवधि 112 मिनट है और यह 6 अक्टूबर, 1960 को रिलीज़ हुई थी। इसका संगीत सी.एम. राजू ने दिया है और छायांकन बी.जे. रेड्डी ने किया है। फिल्म को आलोचकों और दर्शकों से सकारात्मक समीक्षा मिली और ग्रामीण जीवन और उस समय के सामाजिक मुद्दों के यथार्थवादी चित्रण के लिए इसकी प्रशंसा की गई। फिल्म में एन. टी. रामा राव और सॉवकर जानकी के अभिनय कौशल का भी प्रदर्शन हुआ, जिन्होंने मुख्य जोड़ी के रूप में शक्तिशाली प्रदर्शन किया। इस फिल्म को तेलुगु सिनेमा की क्लासिक फिल्मों में से एक और एन. टी. रामा राव के करियर में एक मील का पत्थर माना जाता है।

Tags: 1960Movie Reviewold filmTollywood
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