Movie Nurture: jayasimha

Jayasimha జయసింహ : क्लासिक तेलुगु फिल्म

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जयसिम्हा क्लासिक तेलुगु फिल्म ,जो दक्षिण भारतीय सिनेमा में 21 अक्टूबर ,1955 को रिलीज़ हुयी थी।  और इस फिल्म को निर्देशित  किया था डी योगानंद ने  राष्ट्रीय आर्ट थियेटर्स के बैनर तले।  फिल्म की सफलता के बाद इसको तमिल भाषा में डब  करके जयसिमन नाम से तमिल सिनेमा में रिलीज़ किया गया।

Movie Nurture: Jayasimha

Story Line – 

फिल्म की कहानी शुरू होती है उस भारतीय पृष्टभूमि से जहाँ पर मालवा का साम्राज्य हुआ करता था। जहाँ पर महाराजा अमरसिंह का राज चलता था मगर उनकी मृत्यु के बाद सब कुछ बदल जाता है। जब राजा का छोटा भाई रुद्रसिम्हा पूरे राज्य की बागड़ोर अपने हाथों में ले लेता है।

मगर राज्य का असली वारिस महाराजा अमरसिंह का बेटा जयसिम्हा है और रुद्रसिम्हा उसे राजा बनने नहीं देना चाहता है। जयसिम्हा को रोकने के लिए रुद्रसिम्हा उसकी दो बार हत्या करने का प्रयास भी कर चुका है।

Movie Nurture: JayaSimha

जब यह बात जयसिम्हा को पता चलती है तो वह एक दिन मौका पाकर राज्य से भाग जाता है। विजयसिम्हा जो रुद्रसिम्हा का पुत्र है उसको जब यह पता चलता है तो वह अपने पिता के खिलाफ हो जाता है।

वहीँ दूसरी तरफ पड़ोसी राज्य मगध में भी युद्ध चल रहा होता है और साम्राज्य के लालच में वहां का सेनापति महाराज और उसकी बेटी राजकुमारी पद्मिनी को बंदी बना लेता है। मगर मौका पाते ही महाराजा अपनी बेटी के साथ वहां से भाग जाते हैं।

जंगल में महाराज और राजकुमारी पर कुछ डाकुओं द्वारा हमला किया जाता है तब जयसिम्हा उन दोनों को डाकुओं से बचाता है। जयसिम्हा पास के गांव में रणधीर नामक एक किसान के घर भवानी बनकर रहता है। और वह पद्मिनी और उसके पिता के रहने का इंतज़ाम भी गांव में करवा देता है।

समय के साथ – साथ जयसिम्हा और पद्मिनी में प्रेम हो जाता है। वहीँ दूसरी तरफ रणधीर की बेटी कालिंदी भी मन ही मन में जयसिम्हा से प्रेम करती है। सेनापति दोनों को मारने के लिए हर जगह अपने सैनिकों को भेजता है। कुछ समय बाद उसको पता चलता है कि राजा और राजकुमारी जयसिम्हा के साथ एक गांव में रह रहे हैं।

Movie Nurture: Jayasimha

सेनापति को जब जयसिम्हा की असलियत पता चलती है तो वह रुद्रसिम्हा से संपर्क करते हैं और दोनों सभी को मारने की योजना बनाते हैं। उधर कालिंदी को पता चलता है कि जिस इंसान से वह प्रेम करती है वह राजकुमार जयसिम्हा हैं और वह कालिंदी को अपनी बहन मानते हैं।

एक दिन जयसिम्हा पर अचानक सेनापति और रुद्रसिम्हा के सैनिक हमला कर देते हैं और जयसिम्हा को बचाने के लिए कालिंदी अपनी जान की बाज़ी लगा देती है, जिसकी वजह से उसकी मृत्यु हो जाती है। उसी समय वहां पर विजयसिम्हा आ जाता है अपने भाई की रक्षा करने के लिए।

दोनों भाई मिलकर सभी को हरा देते हैं और विजयसिम्हा स्वंय अपने कपटी और धोखेबाज़ पिता को मौत के घाट उतार देता है। जयसिम्हा का विवाह पद्मिनी से हो जाता है और वह अपने साम्राज्य मालवा के साथ -साथ मगध का भी राजा बनता है।

Movie Nurture: JayaSimha

Songs & Cast – 

फिल्म में संगीत टी वी राजू ने दिया है और गेटों को समुद्राला जूनियर ने लिखा। इस फिल्म को बेहद खूबसूरत गीतों में पिरोया गया है जैसे – “नेला नदिमी वेनेला నేలా నాదిమి వెన్నెల “, “जीवनमिति జీవిటామింటెలే” , “जय जय श्रीराम జే జే శ్రీరామ ” , “मुरीप्यूमेरा మురిపెముమీరా ” , ” ईनाती इहायी ఈనాటి ఈహాయి “, “मनसैना चेली पिलुपु మనసైనా చెలి పిలుపు ” , “मडिलोनी मधुराभवम् మడిలోని మధురభవం “, “तंदना होई తాండనా హోయి “, “नादिरेई गादिचेन నాదిరేయి గాడిచేన్ “, “कोंडेमेडा కొండమీడ”

फिल्म में एन टी रामाराव ने राजकुमार जयसिम्हा और भवानी प्रसाद के किरदार को निभाया है और उनके साथ अंजलि देवी और वहीदा रहमान भी कालिंदी और राजकुमारी पद्मिनी के रूप में नज़र आयी। बाकी के कलाकारों में जैसे एस वी रंगा राव ने रुद्रसिम्हा, रशींद्रमणि ने माधवी, कांता राव ने विजयसिंह और राजनाला ने महावीर के किरदारों के परदे पर निभाया।

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