Kanyasulkam (కన్యాశుల్కం) -समाज की कुरीतियों को इंगित करती एक फिल्म

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Kanyasulkam एक सुपर हिट तेलुगु फिल्म है जो दक्षिण भारतीय सिनेमा में 26 अगस्त 1955 में आयी थी, जिसका निर्माण डी एल नारायण ने किया था। यह फिल्म प्रसिद्ध तेलुगु नाटक कन्यासुक्कम पर आधारित है, जिसे गुरजादा अप्पा राव ने लिखा था। यह एक दार्शनिक फिल्म समाज में हो रहे बाल विवाह का विरोध करती है। 

समाज में बढ़ रहे बाल विवाह जैसी कुरीति  की और इंगित करके निर्देशक ने यह बताने का प्रयास  किया है कि किस तरह से एक बाल मन पर प्रभाव पड़ता है , जब उसे किसी भी सांसारिक बातों का ज्ञान ही नहीं होता है और बिना जाने और समझे उसके ऊपर कई सारी जिम्मेदारियां डाल दी जाती है। खिलौनों से खेलने की उम्र में वह समाज के हर नियम का पालन करते हैं। यह कुरीति बच्चों से बचपन छीनकर उन्हें समय से पहले ही बड़ा बना देती है।

Story –  फिल्म की कहानी शुरू होती है एक ऐसे युवक गिरीसम से, जिसका पालन पोषण एक महिला  पुटकुलम्मा करती है और गिरीसम भी उनका बहुत ध्यान रखता है। उसकी दोस्ती एक वेश्या लड़की मधुरवाणी से होती है जो उसको प्रोत्साहित करती है खुद काम करने के लिए और अपनी जीविका खुद चलाने के लिए। गिरीसम को यह बात अच्छी लगती है और वह अपने मित्र वेंकटेशम के साथ उसके गांव चला जाता है। 

गांव में पहुंचकर जीविका के लिए वह विद्यालय में अंग्रेजी पढ़ाना शुरू करता है। वेंकटेशम के द्वारा गिरीसम की मुलाकात उसकी विधवा बहन बुचम्मा से होती है और धीरे धीरे वह उसको पसंद करने लगता है। वेंकटेशम के पिता अग्निहोत्रवधनलु अपनी पत्नी के खिलाफ अपनी नौ साल की बेटी सुब्बम्मा का विवाह एक बुजुर्ग अमीर आदमी लब्धवधनुलु से तय कर देते हैं।

यह बात जब वेंकटेशम को पता चलती है तब वह गिरीसम की मदद का आग्रह करता है। गिरीसम इस बात के लिए अपनी दोस्त मधुरवाणी से मदद की बात करता है और वह मान जाती है और विवाह में शरीक होने के लिए गांव आ जाती है। और दूसरी तरफ सुब्बम्मा के चाचा भी इस विवाह को विफल करने के लिए अपने शिष्य के साथ मिलकर प्रयास करते हैं। 

छोटी सी सुब्बम्मा अपने परिवार के साथ बिना जाने और समझे सभी रीती रिवाजों को पूरा करती है। दोनों  गिरीशम और सुब्बम्मा के चाचा विवाह को रोकने के लिए अपना अपना प्रयास करते हैं, इस प्रयास में गिरीसम एक वकील और समाज सेवक सौजन्या राव  की मदद लेता है। सौजन्या राव इस विवाह को रोक लेते हैं और उसी मंडप पर गिरीसम और बुचम्मा का विवाह करवाते हैं। 

Songs & Cast –  फिल्म में संगीत घांटासाला ने दिया है और उन्होंने इस फिल्म को  8 बहुत खूबसूरत गीतों से सजाया है – “सरसुदा दरीचेरारा సరసుడా దరిచేర “, “बोमला पेली బొమ్మల పెల్లి“, “ कीचका वधा కీచక వధ “, “पूरनमा कथा పూర్ణమ్మ కథ “, “इल्लु इल्लनियावु ఇల్లు ఇలానియేవు “, “आनंदम् अर्नवमते ఆనందం అర్నవమైట్“, “चित्तरू कोमाकु చితారు కొమ్మకు“, “नागुला चविथि నాగుల చవితి “,

इस फिल्म में सावित्री ने मधुरवाणी का किरदार निभाया है और गिरीसम को निभाया है एन टी रामा राव ने और इन दोनों का साथ दिया है सूर्यकांतम  (मीनाक्षी), छाया देवी (पुटकुलम्मा), सीता राम अंजन्युलु चिलकलपुड़ी (रामप्पा पंतुलु), गोविंदराजुलु सुब्बा राव ,सुभद्रा (सुब्बी ), सोकार जानकी (बूचम्मा ), हेमलता (वेंकम्मा), 
इस फिल्म की अवधि 2 घंटे और 47 मिनट्स है और  इसका निर्माण हुआ है विनोदा पिक्चर्स के बैनर तले। 

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