प्रेम एक ऐसा शब्द है, जिसको हो जाये उसका जीवन ही बदल जाता है, और जिसको न हो उसके लिए ये मात्रा एक शब्द ही होता है। जो इसकी इबादत करता है, उसके लिए हर गम भी ख़ुशी होती है। मोहब्बत के लिए लोगो ने सियासत तो क्या अपना जीवन भी कुर्बान किया है। यह एक वो अहसास है जिसको सिर्फ महसूस किया जाता है।
“Malliswari” एक तेलुगु रोमेंटिक फिल्म है जिसका इंग्लिश में अर्थ “Princess” से होता है। यह 2004 की एक बेहतरीन फिल्म मानी जाती है। बाद में इसको हिंदी और मलयालम में भी डब करके दिखाया गया। इस फिल्म का निर्देशन K. Vijay Bhaskar ने किया था।
Story – फिल्म की कहानी शुरू होती है मल्लीश्वरी से, जो मिर्ज़ापुर की राजकुमारी है और उसके माता पिता की मृत्यु के बाद और वसीयत के हिसाब से उसको 21 वर्ष के होने पर ही उत्तराधिकारी बनना है। इतने बड़े साम्रज्य की जिम्मेदारी एक लड़की के हाथों में यह बात बहुत से लोगों को नामंज़ूर थी।
भवानी शंकर मल्लीश्वरी को मारने की कोशिश करता है और उसके लिए वह एक महिला शूटर को बुलाता है, क्योकि अगर मल्लीश्वरी की मौत हो जाती है तो यह पूरी संपत्ति भवानी शंकर की हो जाएगी। मगर मल्लीश्वरी बच जाती है और उसके कुछ विश्वासपात्र लोग उस को छिपाकर विशाखापट्न्नम उसके अंकल मूर्ति के यहाँ भेज देते हैं।
मूर्ति एक लाइब्रेरी में काम करता है और यहाँ मल्लीश्वरी मूर्ति और उसकी पत्नी के साथ एक साधारण लड़की बनकर खुशी से रहने लगती है। वहीँ दूसरी तरफ प्रसाद पढ़ा -लिखा कुंवारा बैंकर ( बैंक में काम करने वाला ) है , जो पिछले 7 सालों से शादी करने की कोशिश कर रहा है पर शादी हो नहीं रही है। ऐसा कोई भी मैरिज ब्रोकर नहीं रहा शहर में जिसने प्रसाद के लिए लड़की ना देखी हो, मगर रिश्ता नहीं हुआ।
एक दिन प्रसाद जब घर जा रहा होता है तो उसकी नज़र मल्लीश्वरी पर पड़ती है और पहली ही नज़र में प्रसाद को उससे प्यार हो जाता है।प्रसाद मल्लीश्वरी से दोस्ती करने के लिए हर जगह उसको मिलता है कभी लाइब्रेरी में तो कभी सब्जी बाजार में। वही भवानी शंकर को मल्लीश्वरी के विशाखापत्तनम में होने का पता चल जाता है और वह अपने गुंडे भेजता है मल्लीश्वरी को मरवाने के लिए।
प्रसाद मल्लीश्वरी को बचाता है गुंडों से। फिर जब मूर्ति द्वारा प्रसाद को मल्लीश्वरी के मिर्ज़ापुर की राजकुमारी होने का पता चलता है तो वह यह निर्णय लेता है कि वह मल्लीश्वरी को सुरक्षित हैदराबाद पहुंचाएगा। हैदराबाद पहुँचने पर प्रसाद मल्लीश्वरी के साथ महल में ही रहने लगता है, उसे बचाता है हर आने वाली परेशानियों से।
जिस दिन मल्लीश्वरी 21 वर्ष की होती है और उसके नाम वसीयत होती है तो उसी समय उसको अपने प्रेम का अहसास होता है कि वह प्रसाद से कितना प्रेम करती है और वह सब कुछ छोड़ कर रेलवे स्टेशन जाती है प्रसाद को अपने दिल की बात बताने , अंत में दोनों की शादी हो जाती है और मल्लीश्वरी ख़ुशी ख़ुशी एक साधारण जीवन को अपना लेती है।
Songs & Cast –फिल्म में संगीत Koti ने दिया है। और इस फिल्म के 6 सुरीले गीतों को Karthik, Kumar sanu, Sunitha, K.K, Chithra , shreya ghoshal, shankr Mahadevan और S.P. Balu ने गाये हैं – “Nuvventa Andagattevaina ನೀವು ಎಷ್ಟು ಸುಂದರವಾಗಿದ್ದೀರಿ”, “Nee Navvule Vennelani ನಿಮ್ಮ ನಗು ಮತ್ತೆ ಬಂದಿದೆ”, “Gundello Gulabila ಹೃದಯದಲ್ಲಿ ಗುಲಾಬಿಗಳು”, “Cheli Soku ಚೆಲಿ ಸೊಕು”, “Janma Janmala ಜನನದ ಜನನ”, “Nuvu Evvari Edalo ನಿನ್ನ ಮಾತಿನ ಅರ್ಥವೇನು”
इस फिल्म में वेंकटेश, कैटरीना कैफ , ब्रह्मानन्द, नरेश, स्मिता , नेहा, चिट्टी बाबू और अन्य कलाकारों ने नायब अदाकारी की है।
Location – इस फिल्म को और भी खूबसूरत बनाने के लिए इसकी शूटिंग अलग -अलग जगहों पर की गयी है। Hongkong के कुछ बेहद खूबसूरत लोकेशंस पर फिल्माया गया है इस फिल्म को और Mysore के Lalitha Mahal Palace में।
Lights, camera, words! We take you on a journey through the golden age of cinema with insightful reviews and witty commentary.