पिनोच्चियो एक हॉलीवुड फिल्म है, जो कि पहली कॉम्पिटेटिव अकेडमी पुरुस्कार विजेता एनिमेटेड फिल्म बनी। यह फिल्म 23 फरवरी 1940 को अमेरिकन सिनेमा घरों में रिलीज़ हुयी। यह एनिमेटेड म्यूजिकल फैंटेसी ड्रामा वॉल्ट डिज्नी प्रोडक्शंस द्वारा बनायीं गयी फिल्म है।
यह फिल्म 1883 में आयी कार्लो कोलोडी के एक इटेलियन बच्चों के उपन्यास “द एडवेंचर्स ऑफ पिनोचियो” पर आधारित है। यह डिज़नी द्वारा बनायीं गयी दूसरी एनिमेटेड फिल्म थी, जिसे स्नो व्हाइट और सेवन ड्वार्फ्स (1937) के बाद बनाया गया था।इस फिल्म की सबसे अच्छी सीख बहादुरी, ईमानदारी, और निस्वार्थता के लक्षण जो पिनोच्चियो को मानव बनाते हैं, जिन्हें हम हमेशा अपने बच्चों में देखना चाहते हैं।
Story –
फिल्म की कहानी शुरू होती है जिप्पेट्टो से जो एक वुडकार्वर है। छोटे -छोटे खिलोने बनाकर अपनी जीविका चला रहा होता है। एक दिन उसके मन में एक बेटा होने का ख्याल आता है। वह सोचता है किलकड़ी का एक ऐसा खिलौना बनाया जाये जो उसके बेटे की सोच से मिलता जुलता हो। इसके बाद वह जंगल में लकड़ी की खोज में जाता है और एक अलग किस्म की लकड़ी पाकर बहुत खुश होता है।
इसके बाद वह एक बहुत ही अच्छी सी लकड़ी का खिलौना बनाता है और उसका नाम पिनाको रखता है, और जिप्पेट्टो उससे अपने बेटे की तरह प्यार करता है। एक दिन रात में एक परी वहां पर आती है और जिप्पेट्टो के काम से खुश होकर अपने मैजिक से पिनाको में जान डाल देती है। परी पिनाको से कहती है कि अगर वह अपने पिता को दुःख दिए बिना जीवन बहादुरी, ईमानदारी, और निस्वार्थता भावना से जीता है तो भविष्य में वह पूर्णतया मानव बन जायेगा।
पिनाको का मानव बनने का सफर –
पिनाको अपने पिता केस साथ बहुत खुश रहता है। एक दिन वह अपने पिता से कहता है कि वह अब बड़ा हो रहा है और उसको स्कूल जाना है पढने जाने के लिए। पिता अपना कोट बेचकर उसको किताबे खरीदने के लिए पैसे देते हैं। पिनाको बाजार जाता है किताबे खरीदने के लिए और देखता है कि एक जगह सर्कस लगा है और उसको देखने के लिए वह पिता द्वारा दिए गए पैसों से टिकट खरीद लेता है।
सर्कस का मास्टर एक बोलती हुयी कठपुतली को देखकर अपने साथ रखने का सोचता है, मगर पिनाको अपने पिता के पास जाने कि बात करता है। मास्टर उसको 5 सिक्के देकर कहता है कि इससे किताब खरीदों और अपने पिता को कभी दुःख मत देना। 5 सोने के सिक्कों के लालच में एक बिल्ली द्वारा पिनाको गद्दे में गिर जाता है। परी आकर उसको बचाती है और झूठबोलने के चक्कर में पिनाको कि नाक लम्बी हो जाती है। परी कहती है कि जब भी तुम झूठ बोलेगे तो तुम्हारी नाक लम्बी हो जाएगी, पिनाको भविष्य में सच बोलने का आश्वासन देता है। इसके बाद पिनाको अपने दोस्त के बहकावे में आकर एक ऐसी दुनिया में प्रवेश करता है जहाँ पर एक आदमी बच्चों को गधा बनाकर बेचता है।
वहां से उसको फिर से परी ही निकालती है और जब वह अपने घर आता है तो पिनाको को पता चलता है कि उसके पिता उसकी खोज में गए थे और समुन्द्र में डूब गए। यह सुनकर पिनाको को बहुत दुःख होता है और बिना सोचे वह भी समुन्द्र में छलांग लगा लेता है। लकड़ी का बना होने की वजह से वह तैरने लगता है। कुछ समय बाद एक व्हेल उसको निगल जाती है। व्हेल के अंदर वह भगवन से अपने पिता के मिलने की प्रार्थना करता है।
इसी समय उसको अपने पिता की आवाज़ सुनाई देती है वह भी इसी व्हेल के पेट के अंदर होते हैं। पिनाको एक आईडिया से खुद को और अपने पिता को बचा लेता है और उसी समय परी भी आ जाती है। पिनाको की बहादुरी, ईमानदारी और निस्वार्थ भावना देखकर वह उसको मानव बना देती है। पिता और बेटे बहुत खुश होते हैं।
Songs & Cast – फिल्म का संगीत लेह हारिन और पॉल जे स्मिथ ने दिया है – “When You Wish Upon a Star“, “Little Wooden Head“, “Give A Little Whistle“, “Hi-Diddle-Dee-Dee”
इस फिल्म में डिक जोन्स ने पिनोकियो के कैरेक्टर को आवाज़ दी है और क्रिश्चियन रब ने क्रिस्प का और क्लिफ एडवर्ड्स ने जिमी क्रिकेट को आवाज़ दी है।
इस फिल्म की अवधि 1 घंटे और 28 मिनट्स है।
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