1950 के दशक की कोरियाई अभिनेत्रियाँ: सौंदर्य, संघर्ष और सिनेमा की सुनहरी यादें
सियोल की एक ठंडी शाम, 1954, एक खाली पड़े सिनेमा हॉल में एक युवती अपनी आँखों में आँसू छुपाते हुए पर्दे पर चल रहे दृश्य को देख रही है। पर्दे पर वह खुद है—एक गरीब गाँव की लड़की, जो शहर आकर अपने सपनों को जीने की कोशिश करती है। यहContinue Reading