• About
  • Advertise
  • Careers
  • Contact
Tuesday, July 8, 2025
  • Login
No Result
View All Result
NEWSLETTER
Movie Nurture
  • Bollywood
  • Hollywood
  • Indian Cinema
    • Kannada
    • Telugu
    • Tamil
    • Malayalam
    • Bengali
    • Gujarati
  • Kids Zone
  • International Films
    • Korean
  • Super Star
  • Decade
    • 1920
    • 1930
    • 1940
    • 1950
    • 1960
    • 1970
  • Behind the Scenes
  • Genre
    • Action
    • Comedy
    • Drama
    • Epic
    • Horror
    • Inspirational
    • Romentic
  • Bollywood
  • Hollywood
  • Indian Cinema
    • Kannada
    • Telugu
    • Tamil
    • Malayalam
    • Bengali
    • Gujarati
  • Kids Zone
  • International Films
    • Korean
  • Super Star
  • Decade
    • 1920
    • 1930
    • 1940
    • 1950
    • 1960
    • 1970
  • Behind the Scenes
  • Genre
    • Action
    • Comedy
    • Drama
    • Epic
    • Horror
    • Inspirational
    • Romentic
No Result
View All Result
Movie Nurture
No Result
View All Result
Home Bollywood

भारत के सर्वश्रेष्ठ 5 हास्य कलाकार: एक दृष्टि हास्य की उत्कृष्टता पर

by Sonaley Jain
May 26, 2025
in Bollywood, Comedy, Films, Top Stories
0
Movie Nurture: Comedy
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

हँसी का जादू कुछ ऐसा है कि यह दिल के ताले को खोल देती है, और भारतीय सिनेमा व टेलीविज़न ने इस जादू को बिखेरने वाले कलाकारों की एक लंबी फेहरिस्त गढ़ी है। ये वो चेहरे हैं जिनकी एक अदा, एक डायलॉग, या एक मासूम सी भंगिमा ने दर्शकों को दशकों तक लोटपोट किया। चलिए, ऐसे ही पाँच दिग्गज हास्य कलाकारों की दुनिया में झाँकते हैं, जिन्होंने हँसी को सिर्फ़ एक इमोशन नहीं, बल्कि एक विरासत बना दिया।

Movie Nurture: Joney

1. जॉनी लीवर: वो शख़्स जिसने मिमिक्री को बनाया “आर्ट”

1980 के दशक में, मुंबई के एक छोटे से होटल में एक युवक ग्राहकों का मनोरंजन करता था। बॉलीवुड के सितारों की नकल उतारते हुए वह कभी अमिताभ बन जाता, तो कभी डैनी। यही युवक आगे चलकर “जॉनी लीवर” बना—भारतीय सिनेमा का वो हास्य राजा जिसने मिमिक्री को परदे पर ज़िंदा कर दिया।

जॉनी की खासियत उनकी स्पॉन्टेनिटी और फेस एक्सप्रेशन्स हैं। फिल्म बाज़ीगर में उनका किरदार “बंटी” हो या जुदाई में “कन्नू भैया”, उन्होंने हर रोल को अपने अंदाज़ से परिभाषित किया। 90 के दशक में तो उनकी हंसी की गूँज हर फिल्म में सुनाई देती थी। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “हँसाना सिर्फ़ टाइमपास नहीं, यह दर्द को भूलने का ज़रिया है।” आज भी, जब वे स्टेज पर बिना स्क्रिप्ट के मिमिक्री करते हैं, लोगों के पेट में बल पड़ जाते हैं।

Movie Nurture: Raju Shrivastava

2. राजू श्रीवास्तव: स्टैंड-अप कॉमेडी का “कॉमन मैन”

“अरे भई, ऑटो वाले भैया! पचास रुपये में चलोगे?”—यह लाइन सुनते ही दिमाग में राजू श्रीवास्तव की आवाज़ गूँज उठती है। राजू ने स्टैंड-अप कॉमेडी को भारत की गलियों तक पहुँचाया। उनकी शैली थी—आम आदमी की ज़िंदगी से जुड़े किस्से, जिनमें हर शख़्स अपने आप को ढूँढ लेता था।

टीवी शो द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज ने उन्हें घर-घर में पहचान दी। चाहे दिल्ली के ऑटो वाले की नकल हो या पत्नी के साथ बजट की टेंशन, राजू ने हर मुद्दे को हल्के-फुल्के अंदाज़ में पेश किया। उनकी मौत ने देश को झकझोर दिया, मगर उनकी कॉमेडी आज भी याद की जाती है। “हँसी कभी मरती नहीं,” यह कहते हुए वे हमेशा लोगों के दिलों में ज़िंदा रहेंगे।

MOvie Nurture: Kapil Sharma

3. कपिल शर्मा: टीवी का “कॉमेडी किंग”

एक समय था जब भारतीय टीवी पर सिर्फ़ सास-बहू के झगड़े ही दिखते थे। फिर 2013 में कॉमेडी नाइट्स विथ कपिल आया, और कपिल शर्मा ने परिवारों को एक साथ बैठाकर हँसाना शुरू किया। उनका शो सिर्फ़ कॉमेडी नहीं, एक पारिवारिक मेला था—जहाँ दादी-नानी की शिकायतें, पति-पत्नी के झगड़े, और सेलिब्रिटीज़ के साथ मस्ती सब कुछ था।

कपिल की ताकत उनकी स्पॉन्टेनियस टाइमिंग और दर्शकों से जुड़ाव है। चाहे “सरदारजी” का रोल हो या शो में आए मेहमानों को ट्रोल करना, उन्होंने हर बार दर्शकों को लोटपोट किया। आज, द कपिल शर्मा शो के बिना भारतीय टीवी अधूरा लगता है।

Movie Nurture: Sunil Grover

4. सुनील ग्रोवर: किरदारों का “जादूगर”

गुट्टी, डॉ. मशहूर गुलाटी, या रिंकू भया—ये नाम सुनते ही सुनील ग्रोवर की छवि आँखों के सामने आ जाती है। सुनील ने कॉमेडी को “किरदारों की गहराई” दी। उनकी खासियत है—हर रोल को एक नई पहचान देना। कॉमेडी नाइट्स विथ कपिल में “गुट्टी” का किरदार इतना पॉपुलर हुआ कि लोग उन्हें असल ज़िंदगी में भी गुट्टी बुलाने लगे।

सुनील सिर्फ़ हँसाते नहीं, दिल को छू लेते हैं। उनका किरदार “रिंकू भया” जहाँ एक तरफ़ गुंडई दिखाता है, वहीं दूसरी तरफ़ उसमें एक मासूम बच्चे का दर्द भी छुपा होता है। आज वे टीवी और ओटीटी दोनों जगह अपना जलवा बिखेर रहे हैं।

Movie Nurture: PAresh Rawal

5. परेश रावल: हास्य में “गंभीरता” का स्ट्रोक

“बाबुराव, ये हमारी किस्मत है!”—फिल्म हेरा फेरी का यह डायलॉग सुनकर हर कोई ठहाका लगाए बिना नहीं रह पाता। परेश रावल ने हास्य को सिर्फ़ मज़ाक तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे किरदार की आत्मा बना दिया। चाहे चश्मेबद्दूर का डॉ. घुंगरू हो या मोहरा का मालिक, उनके रोल में हास्य और गंभीरता का अनोखा मेल है।

परेश की कॉमेडी का जादू उनकी डायलॉग डिलीवरी में है। वे शब्दों को इस तरह बोलते हैं कि वे दर्शकों के दिमाग में छप जाते हैं। उन्होंने साबित किया कि हास्य सिर्फ़ चुटकुले नहीं, बल्कि ज़िंदगी को देखने का एक नज़रिया है।

हास्य की विरासत: जहाँ हर मुस्कान एक कहानी है

इन कलाकारों ने हँसी को सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, बल्कि ज़िंदगी का हिस्सा बना दिया। जॉनी लीवर की मिमिक्री हो या राजू श्रीवास्तव की स्टैंड-अप, इन्होंने हर दौर में अपनी छाप छोड़ी। ये वो फनकार हैं जिन्होंने दर्द को हँसी में बदलना सिखाया। आज भी, जब ये परदे पर आते हैं, लोगों के चेहरों पर मुस्कान खिल जाती है—और यही तो असली कॉमेडी की ताकत है।

“हँसो तो हँसो पूरे दिल से, क्योंकि यही वो पल है जो कल को याद बन जाएगा…”

Tags: Best Comedians IndiaComedy IconsComic Legendsभारतीय कॉमेडीहास्य कलाकार
Sonaley Jain

Sonaley Jain

Lights, camera, words! We take you on a journey through the golden age of cinema with insightful reviews and witty commentary.

Next Post
Movie Nurture: आशीर्वाद (1968

आशीर्वाद (1968): एक पिता के वज्र की कहानी

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended

Movie Nurture: करपुक्करासी

करपुक्करासी: योद्धा महिला के जीवन का संघर्ष

1 year ago
Movie Nurture: Songs of Life

सॉन्ग ऑफ लाइफ: मराठी सिनेमा का एक शांत क्लासिक

2 years ago

Popular News

  • Movie Nurture: साइलेंट फिल्मों का जादू: बिना आवाज़ के बोलता था मेकअप! जानिए कैसे बनते थे वो कालजयी किरदार

    साइलेंट फिल्मों का जादू: बिना आवाज़ के बोलता था मेकअप! जानिए कैसे बनते थे वो कालजयी किरदार

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दिलीप कुमार: वो पांच फ़िल्में जहाँ उनकी आँखों ने कहानियाँ लिखीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • Bride of Frankenstein (1935): सिर्फ एक मॉन्स्टर मूवी नहीं, एक मास्टरपीस है ये फिल्म!

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • अगस्टिना ऑफ एरागॉन: मजबूत ऐतिहासिक जड़ों वाली एक महाकाव्य स्पेनिश फिल्म

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • क्लासिक जोड़ी: ऑनस्क्रीन रोमांस और ऑफस्क्रीन हकीकत

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • Kamal Haasan – A Universal Hero of Indian cinema

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ग्लैमर से परे: जब हॉलीवुड के सुनहरे सितारों की रोशनी में दिखी अकेलेपन की परछाइयाँ

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Connect with us

Newsletter

दुनिया की सबसे अनमोल फ़िल्में और उनके पीछे की कहानियाँ – सीधे आपके Inbox में!

हमारे न्यूज़लेटर से जुड़िए और पाइए क्लासिक सिनेमा, अनसुने किस्से, और फ़िल्म इतिहास की खास जानकारियाँ, हर दिन।


SUBSCRIBE

Category

Select Category

      About Us

      Movie Nurture एक ऐसा ब्लॉग है जहाँ आपको क्लासिक फिल्मों की अनसुनी कहानियाँ, सिनेमा इतिहास, महान कलाकारों की जीवनी और फिल्म समीक्षा हिंदी में पढ़ने को मिलती है।

      • About
      • Advertise
      • Careers
      • Contact

      © 2020 Movie Nurture

      No Result
      View All Result
      • Home

      © 2020 Movie Nurture

      Welcome Back!

      Login to your account below

      Forgotten Password?

      Retrieve your password

      Please enter your username or email address to reset your password.

      Log In
      Copyright @2020 | Movie Nurture.