ग्लोरिया मायरेना 1952 की स्पेनिश ड्रामा फिल्म है, जो लुइस लूसिया द्वारा निर्देशित है और इसमें जुआनिता रीना, एडुआर्डो फजार्डो और राफेल आर्कोस ने अभिनय किया है। इसे उस समय के स्पेन के अग्रणी स्टूडियो सिफ़ेसा द्वारा जारी किया गया था। फ़िल्म के सेट कला निर्देशक गिल पैरोनडो द्वारा डिज़ाइन किए गए थे। यह फिल्म सिर्फ 80 मिनट्स की थी और इसको सिनेमा घरों में 19 दिसंबर 1952 को रिलीज़ किया गया था।

यह फिल्म जॉर्ज और जोस डे ला कुएवा के एक नाटक पर आधारित है, और एक विधुर से कैथोलिक पादरी बने की कहानी बताती है, जो अपनी मृत पत्नी ग्लोरिया मैरेना की यादों से कभी भी उबर नहीं पाता है, जिसे लगता है कि उसकी पत्नी मरने के बाद भी हमेशा उसके साथ ही रहती है और उसे वह दिखती है और उसकी आवाज भी सुनाई देती है। इस जोड़े की बेटी भी है जिसका नाम उन्होंने ग्लोरिया ही रखा है, बड़ी होकर वह एक गायिका बनती है और उसे एक गिटार वादक से प्यार हो जाता है, लेकिन उसके पिता इसका विरोध करते हैं क्योंकि वह हमेशा उसे उसी तरह खोने से डरता है जैसे उसने अपनी पत्नी को खो दिया था। इस फिल्म में एक पिता के प्यार और उसके डर को बहुत ही सरलता से दिखाया गया है।

यह फिल्म एक संगीतमय मेलोड्रामा है जो स्पेनिश सिनेमा की सबसे लोकप्रिय गायिकाओं और अभिनेत्रियों में से एक जुआनिता रीना की प्रतिभा को प्रदर्शित करती है। वह एक मां और बेटी दोनों की भूमिका निभाती है, और फिल्म में कई गाने उन्ही के द्वारा गाये गए हैं, जैसे “अय, कारसेलेरो” और “ला लूना वाई एल टोरो”। फिल्म में मैनुअल लूना और राफेल कैल्वो रेविला जैसे अन्य प्रसिद्ध स्पेनिश कलाकारों की कैमियो भूमिकाएं भी शामिल हैं।
फिल्म को आलोचकों और जनता द्वारा खूब सराहा गया और यह स्पेन में साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक थी। इसे कई लैटिन अमेरिकी देशों में भी दिखाया गया, और जहां यह सफल भी रही। यह फिल्म स्पैनिश लोककथा शैली के सर्वोत्तम उदाहरणों में से एक मानी जाती है, और सेविले की संस्कृति और परंपराओं के लिए एक श्रद्धांजलि है।