1970

Movie Nurture:द रोड टू सम्पो

साल 1975, दक्षिण कोरिया पर सैन्य शासन की लोहे की मुट्ठी कसी हुई है। हवा में डर का सन्नाटा, आँखों में भविष्य की अनिश्चितता। ऐसे में आती है ली मान-हुई की फिल्म “द रोड टू सम्पो” (Sampo ganeun gil)। ये कोई साधारण सड़क यात्रा नहीं। ये तो उन तीन अजनबियोंContinue Reading

Movie Nurture: रॉबिन हुड

याद है वो बचपन की दोपहर? पंखे की आवाज़, खिड़की से आती गर्म हवा, और टीवी पर चलती कोई ऐसी फिल्म जिसके रंग, संगीत और किरदार आपकी आत्मा में घर कर जाते थे? डिज़्नी का “रॉबिन हुड” (1973) मेरे लिए वैसी ही एक जादुई याद है। ये कोई साधारण एनिमेटेडContinue Reading

Movie Nurture: राजेश खन्ना की १० सबसे बेहतरीन फ़िल्में: एक सदाबहार सफर

1970 का दशक हो या आज का समय, राजेश खन्ना का नाम सुनते ही दिल में एक अजीब सी धड़कन पैदा हो जाती है। वो अदाकार जिसने पहली बार “सुपरस्टार” शब्द को परिभाषित किया, जिसके लिए महिलाएं शादीशुदा होकर भी उसकी फिल्मों के पोस्टरों पर चूमा करती थीं, और जिसकीContinue Reading

MOvie Nurture: मार्च ऑफ़ द फूल्स (1975)

साल 1975, दक्षिण कोरिया में सैन्य तानाशाही का दौर। युवाओं के सपनों पर लोहे के जूते चल रहे हैं, विरोध की आवाज़ें जेल की सलाखों में दबती जा रही हैं, और ऐसे में एक फिल्म आई — “मार्च ऑफ़ द फूल्स”। यह फिल्म सिर्फ़ एक कहानी नहीं, बल्कि उस पीढ़ीContinue Reading

Movie Nurture: कलकत्ता 71 (1972): जब सिनेमा ने दिखाया समाज का आईना

1971 का साल, जब पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेश की मुक्ति संग्राम की आग भड़क चुकी थी, और पश्चिम बंगाल की सड़कों पर नक्सलवादी आंदोलन का तूफान था। ऐसे उथल-पुथल भरे माहौल में मृणाल सेन ने “कलकत्ता 71” बनाई—एक फिल्म जो सिनेमाई कहानी नहीं, बल्कि समाज के घावों पर एक ऐसीContinue Reading

Movie Nnurture: मयूरा (1975): कन्नड़ सिनेमा का वो ऐतिहासिक रत्न जिसने गढ़ी नई परंपरा

साल 1975 भारतीय सिनेमा में ऐतिहासिक फिल्मों का दौर चल रहा था। हिंदी में “शोले” का जलवा था, तो दक्षिण में कन्नड़ सिनेमा ने भी एक ऐसी फिल्म बनाई जिसने न सिर्फ़ इतिहास को ज़िंदा किया, बल्कि दर्शकों के दिल में “मयूरा” के नाम से अमर हो गई। यह फिल्मContinue Reading

Movie Nurture: Chinatown (1974): वह फ़िल्म जिसने हॉलीवुड को सिखाया 'अंधेरे में उजाला ढूंढना'

क्या कोई फ़िल्म आपकी ज़िंदगी को बदल सकती है? अगर हाँ, तो रोमन पोलांस्की की “Chinatown” उन चंद फ़िल्मों में से एक है जो आपको यह यकीन दिला देगी कि सिनेमा सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक सदमा है—एक ऐसा सदमा जो आपको समाज के उस आईने के सामने खड़ा करContinue Reading

Movie Nurture: घरौंदा: 1977 की एक सदाबहार बॉलीवुड क्लासिक

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री, जिसे अक्सर बॉलीवुड के नाम से जाना जाता है, सिनेमाई उत्कृष्टता का खजाना रही है। इसकी कई क्लासिक फिल्मों में से, “घरौंदा” (1977) एक मार्मिक कथा के रूप में उभर कर सामने आती है जो प्रेम, महत्वाकांक्षा और सामाजिक अपेक्षाओं की जटिलताओं को उजागर करती है। भीमसेनContinue Reading

Movie Nurture: "ಪ್ರೇಮದ ಕಾಣಿಕೆ"

कन्नड़ फिल्म उद्योग, जिसे सैंडलवुड के नाम से जाना जाता है, ने दुनिया को कई सिनेमाई रत्न दिए हैं। उनमें से, “प्रेमदा कनिके” 1970 के दशक की एक अविस्मरणीय कृति है। 1976 में रिलीज़ हुई यह फिल्म एक ट्रेंडसेटर थी और इसने कन्नड़ फिल्म प्रेमियों के दिलों पर एक अमिटContinue Reading

Movie Nurture: Old Bollywood Music

पुराना बॉलीवुड संगीत खूबसूरत गानों से भरा एक ख़ज़ाना है जो हमें समय में वापस ले जाता है। ये गाने आज भी दादा-दादी से लेकर बच्चों तक सभी उम्र के लोगों को पसंद आते हैं। ये हमें भारतीय सिनेमा के सुनहरे दिनों की याद दिलाते हैं, जब संगीत ने फ़िल्मोंContinue Reading