जापानी सिनेमा के इस दौर में, जहाँ एनीमे की चटकीली दुनिया और जीवंत पात्रों का बोलबाला है, वहीं एक वक्त वह भी था जब पर्दे […]
Category: Films
हाव-भाव की भाषा: हीरो-हीरोइन की प्रैक्टिस के अनसुने किस्से
क्या आपने कभी गौर किया है कि दिलीप कुमार की आँखों में एक अदद नजाकत क्यों दिखती है? या माधुरी दीक्षित की मुस्कुराहट में एक […]
साउंड रेकॉर्डिस्ट की कहानी – हर सांस रिकॉर्ड होती है
सुबह की पहली किरण ने अभी पेड़ों की पत्तियों को छुआ भी नहीं था। जंगल की उस गहरी शांति में, जहाँ हवा भी सांस रोके […]
द ममीज़ कर्स (1944): हॉलीवुड के श्राप और सस्पेंस की क्लासिक कहानी
यक़ीन मानिए, अगर आपने कभी भी किसी पुरानी, धूल भरी अलमारी में रखे फिल्मी पोस्टरों को पलटा हो, तो आपकी नज़र ज़रूर उस तस्वीर पर […]
सनसेट बुलेवार्ड: हॉलीवुड के सड़े हुए सपनों का कब्रिस्तान
सोचिए एक ऐसी दुनिया जहाँ समय रुक गया हो। जहाँ हवा में चमकते सितारों की बजाय बस धूल भरी यादें हों। जहाँ शीशे हर पल […]
हर फिल्म की एक अधूरी कहानी होती है
कभी सोचा है? आखिरी सीन खत्म होता है, थिएटर की लाइट्स जलती हैं, और आप उठकर चलने लगते हैं… पर मन में एक खलिश सी […]
नर्क का नृत्य: ‘सक्कुबस’ (1968) – स्पेन की वह अजीबो-ग़रीब हॉरर फिल्म जो आपको झकझोर देगी
सोचिए… एक अँधेरा थिएटर। स्क्रीन पर लाल रंग के पर्दे फड़फड़ाते हैं। एक ख़ूबसूरत औरत, लोर्ना, मंच पर है। उसकी आँखों में एक अजीब सी […]
क्रांति की चिंगारी, बर्फ़ की चादर: ‘ट्रैक्स इन द स्नोवी फॉरेस्ट’ (1960) की वह दमदार दास्तान
“Tracks in the Snowy Forest” (चीनी: 林海雪原, पिनयिन: Lín Hǎi Xuě Yuán), 1960 में रिलीज़ हुई एक क्लासिक चीनी फ़िल्म है, जो चीनी क्रांतिकारी सिनेमा […]
स्पॉटबॉय की नज़र से पूरी फ़िल्म
हर किसी की नजर में फिल्म सिर्फ एक मनोरंजन का माध्यम है — कहीं रोना, कहीं हँसी, कहीं रोमांच और कहीं सपनों की दुनिया। बड़े […]
स्टारडम से पहले का संघर्ष – मेकअप रूम की कहानियाँ
हर चमकदमक के पीछे एक अनदेखी और अनकही कहानी होती है – वह कहानी, जो आमतौर पर लाइमलाइट से कोसों दूर होती है। जैसे ही […]