मुग्गुरू मरातिलु (थ्री ब्रदर्स) 1946 की तेलुगु भाषा की ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्माण और निर्देशन प्रतिभा प्रोडक्शंस के बैनर के तहत घंटासला बलरामय्या ने किया है। इसमें अक्किनेनी नागेश्वर राव, सी. एच. नारायण राव, बेजवाड़ा राजरत्नम और कन्नम्बा हैं, और इस फिल्म का संगीत ओगिराला रामचंद्र राव ने दिया है। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई और इसने अक्किनेनी नागेश्वर राव को तेलुगु फिल्म उद्योग में स्थापित किया था।
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फिल्म राजनीतिक साज़िश और पारिवारिक झगड़े के इर्द-गिर्द घूमती है, जो तब होता है जब बडेगांव के मराठा शासक सिद्धोजी अपनी पत्नी रुक्कुबाई की साजिशों के कारण अपने तीन भतीजों सोमोजी, सुबंधी और फ़िरोजी को अपने राज्य से निर्वासित कर देते हैं और पथिकोंडा पर शासन करने भेज देता है। तीनों भाइयों को अपने निर्वासन में कई कठिनाइयों और खतरों का सामना करना पड़ता है, साथ ही उन्हें प्यार और दोस्ती भी मिलती है। मगर रुक्कुबाई इन तीनो को मरवाने की एक साज़िश रचती है अपने महल में तीनों को बुलवाकर उनके विवाह की बात करके।
रघुबाई उन तीनों भाइयों को भागने में मदद करती है। उसी समय राजा सिद्धोजी पथिकोंडा पर आक्रमण कर देता है और उनके महल को जला देता है। तीनों भाई एक राज्य में शरण लेते हैं और उनकी मदद से अपना बदला लेने का प्रत्न करते हैं। फिल्म का समापन सिद्धोजी और उनके भतीजों के बीच एक चरम लड़ाई में होता है, जहां भाग्य उनके भाग्य का फैसला करता है।
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फिल्म को आलोचकों से सकारात्मक समीक्षा मिली, जिन्होंने बालारामय्या के निर्देशन, बालिजेपल्ली लक्ष्मीकांतम की कहानी और संवाद और कलाकारों के प्रदर्शन की प्रशंसा की। फिल्म के संगीत की भी सराहना की गई, जिसमें अक्किनेनी, कन्नम्बा, टी.जी. कमला देवी, कस्तूरी शिव राव, बेजवाड़ा राजरत्नम और प्रयाग नरसिम्हा शास्त्री द्वारा गाए गए गाने थे।
मुग्गुरू मराटिलु एक ऐसी फिल्म है जो ऐतिहासिक सेटिंग में वफादारी, साहस, प्रेम, न्याय और बदले की थीम को दर्शाती है। यह एक ऐसी फिल्म है जो अक्किनेनी नागेश्वर राव की प्रतिभा और करिश्मा को दर्शाती है, जो आगे चलकर तेलुगु सिनेमा के सबसे प्रसिद्ध अभिनेताओं में से एक बने।
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