वो कौन थी एक बॉलीवुड सुपरहिट क्लासिक मनोवैज्ञानिक रहस्य थ्रिलर फिल्म है। यह फिल्म भारतीय सिनेमा में 7 फरवरी 1964 को रिलीज़ हुयी थी। निर्देशक राज खोसला ने साधना को लेकर पहली बार एक थ्रिलर फिल्म बनायीं थी और वह दर्शकों के द्वारा बहुत ही पसंद की गयी। उसके बाद उन्होंने साधना को लेकर 2 फिल्मे और बनायीं, मेरा साया और अनीता।
Story Line –
इस थ्रिलर फिल्म की कहानी शुरू होती है डॉक्टर आनंद के साथ , एक दिन तेज़ बारिश में वह हॉस्पिटल से अपने घर जा रहा होता है तो उसको सड़क पर एक महिला दिखती है। जिसको वह अपनी कार में लिफ्ट देता है। मगर जैसे ही वह लड़की कार में बैठती है तो कार का वाइपर बंद हो जाता है। और वह आनंद को कब्रिस्तान ले जाती है, जहाँ पर उसको “नैना बरसे रिमझिम रिमझिम” गाना सुनाई देता है। उतने में ही वह लड़की वहां से गायब हो जाती है।
डॉक्टर आनंद की सहयोगी डॉलता उससे प्रेम करती है मगर आनंद की पहले से ही प्रेमिका सीमा होती है। मगर कहानी तब बदलती है जब सीमा की रहस्मय तरीके एक साइनाइड इंजेक्शन लगने से मृत्यु हो जाती है। आनंद का शक लता और पिता पर जाता है। सीमा की मोत से आनंद बहुत दुखी रहता है। मगर माँ के समझने पर वह संध्या से शादी कर लेता है।
शादी के बाद आनंद जब संध्या को पहली बार देखता है तो वह हैरान हो जाता है। संध्या वही लड़की होती है जिसे आनंद ने कब्रिस्तान में देखा था। आनंद सच जानने के लिए उसी जगह पर जाता है जहाँ पर वह लड़की गायब हुयी थी। आनंद वहां पर एक पुरानी हवेली देखता है और वहां जाता है फिर से उसको वही गाना “नैना बरसे रिमझिम रिमझिम सुनाई देता है। आनंद एक कमरे में जाता है जहाँ से एक साया गायब हो जाता है। काफी पता करने पर और पुलिस के द्वारा आनंद को पता चलता है कि उस लड़की की मोत तो एक रेल दुर्घटना से हो गयी थी।
जब जब आनंद को यह गाना सुनाई देता है तब तब हर बार उसको रहस्मयी तरीके से हर चीज़ दिखाई देती है। यह सारी बातें आनंद को बहुत परेशां करती हैं। और वह अपनी पत्नी संध्या को अपने माता पिता के यहाँ भिजवा देता है। मगर उसी रात आनंद को संध्या का साया दीखता है छत पर। आनंद बहुत ही परेशां हो जाता है, और वह डॉक्टर की सलाह पर कुछ दिनों के लिए शिमला चला जाता है।
शिमला में भी उसको यह गाना सुनाई देता है। परेशां आनंद एक दिन एक साधु से मिलता है जो उसको बताता है कि इस वादियों में एक प्रेमी जोड़ा था और जल्द ही लड़की कि मृत्यु हो जाती है। मगर उसकी आत्मा अपने प्रेमी से मिलने के लिए तड़पती रहती है और उसके प्रेमी की शक्ल हु बू हु आनंद से मिलती है और वह यह भी बताते हैं कि यह उस प्रेमी का आनंद के रूप में पुनर्जन्म है। आनंद को फिर से गाना सुनाई देता है और वह पहाड़ी से कूदने कि कोशिश करता है मगर लता के द्वारा उसको बचा लिया जाता है।
आनंद अपने घर वापस आ जाता है। जहाँ संध्या उसको समझती है कि वह जो उसको समझ रहा है वह वो नहीं है। आनंद इस गुत्थी को सुलझाने का प्रणलेता है और इसके बाद वह संध्या के साथ उसी हवेली में जाता है। जहाँ पर वह साया उसको छत पर ले जाता है। जहाँ पर आनंद को सच का पता चलता है कि यह लड़की ना तो संध्या है और ना ही कोई भूत। वह तो संध्या की जुड़वां बहन है, जिसके बारे में संध्या को भी नहीं पता होता है।
मगर यह बात आनंद के चचेरे भाई रमेश को पता होती है और उसी ने ही यह सब कुछ साज़िश रची थी क्योकि आनंद की वसीयत में लिखा था कि अगर आनंद का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है तो सारी विरासत रमेश के हिस्से में आ जाएगी। जायदाद के लालच में रमेश ही सन्धाय कि जुड़वां बहन को लेकर आया था। आनंद और रमेश में लड़ाई होती है और पुलिस रमेश को पकड़ कर ले जाती है। आनंद संध्या से माफ़ी मांगता है और दोनों ख़ुशी ख़ुशी एक साथ रहने लगते हैं।
Songs & Cast –
फिल्म में संगीत मदन मोहन ने दिया था और इसका संगीत बहुत ही ज्यादा पसंद किया गया था। “लग जा गले”, “आप क्यूं रोये”, “नैना बरसे रिमझिम”,”छोडकर तेरा प्यार का दामन”, “टिकी रिकी टिकी रिकी टकोरी, टिकी रिकी टिकी रिकी तुम”, और “शोख नज़र की बिजलियां” और इन गानों को अपनी सुरीली आवाज़ में पिरोया है लता मंगेशकर, आशा भोंसले, मदन कपूर और मोहम्मद रफ़ी ने।
वो कौन थी क्लासिक बॉलीवुड फिल्म में साधना और मनोज कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई थी। साधना ने संध्या दो जुड़वाँ बहनो का किरदार निभाया और मनोज कुमार ने डॉक्टर आनंद का। आनंद की प्रेमिका सीमा का किरदार हेलेन ने किया और आनंद के चहेरे भाई डॉ रमेश,को प्रेम चपड़ा ने निभाया। आनंद की सहकर्मी डॉ। लता के रूप में परवीन चौधरी आयी और उनके पिता और आनंद के बॉस को के.एन. सिंह ने निभाया।