1950 में रिलीज हुई संसारम సంసారం एक तेलुगु फिल्म है जो समय की कसौटी पर खरी उतरी है। यह एक क्लासिक है जिसने तेलुगु फिल्म प्रेमियों की पीढ़ियों के दिलों पर राज किया है। यह फिल्म एक परिवार की कहानी और उनके दैनिक जीवन में आने वाली कठिनाइयों को बताती है। संसारम को आम आदमी के संघर्षों के चित्रण और कलाकारों द्वारा शानदार प्रदर्शन के लिए सराहा गया है।
219 मिनट्स की यह फिल्म 29 दिसंबर 1950 को सिनेमा घरों में रिलीज़ हुयी थी और यह उस समय की ब्लॉक बस्टर फिल्म रही। इस फिल्म का निर्देशन एल. वी. प्रसाद और निर्माण साधना प्रोडक्शंस बैनर के तहत के वी कृष्णा और सी वी रंगनाथ राव ने किया। फील की सफलता के बाद इसको इसी नाम से तमिल में बनाया और हिंदी में संसार और मलयालम में अयोध्या (1975) के नाम से रिलीज़ हुयी।
Story Line
संसारम एक साधारण मध्यवर्गीय परिवार की कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है। यह फिल्म आम आदमी के जीवन का एक सरल लेकिन शक्तिशाली प्रतिनिधित्व है। फिल्म का कथानक उन विभिन्न चुनौतियों पर केंद्रित है जिनका परिवार अपने दैनिक जीवन में सामना करता है। फिल्म का नायक, रघु अपनी पत्नी मंजुला और दो बच्चों के साथ रहता है। घर में उसकी माँ वेंकम्मा, बहन कामाक्षी, और उनके पति टाटा राव जीविका के लिए रघु पर ही निर्भर हैं।
वेंकम्मा और उसकी बेटी हमेशा मंजुला पर जुर्म करती रहती थी और उसको परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ती थीं। रघु का छोटा भाई वेणु अपनी पढ़ाई पूरी करके घर वापस आता है, तो अपनी भाभी पर हो रहे जुर्म का विरोध करता है, मगर माँ उसको समझा देती है और नौकरी के लिए दूसरे शहर भेज देती है। जहाँ पर वेणु को कमला मिलती है, जिसके पिताजी एक बहुत बड़े बिज़नेस मेन होते हैं , जिनकी वजह से वेणु को नौकरी मिल जाती है और धीरे – धीरे वेणु कमला से प्रेम करने लगता है।
अपने भाई रघु की मदद करने के लिए वेणु पैसे भेजता है मगर वेंकम्मा वह पैसे अपने पास रख लेती है किसी को नहीं देती। अपनी परेशानियों में घिरा रघु घर छोड़ देता है और इन सब का इल्ज़ाम वेंकम्मा और कामाक्षी मंजुला को देती हैं। वेणु विवाह करके कमला के साथ घर वापस आता है , जहाँ पर वेंकम्मा कमला के दिमाग में शक पैदा करती है कि वेणु का अफेयर मंजुला से चल रहा है। यह सब सुनकर मंजुला घर छोड़ देती है और वेणु कमला को। सच का पता चलने पर कमला वेणु से माफ़ी मांगती है और दोनों मिलकर रघु और मंजुला को मिलाने की कोशिश हैं।
फिल्म के अंत में कई मुश्किलों का सामना करते हुए वेणु अपने भाई और भाभी को मिला देता है और अपने जीजाजी की मदद से अपनी माँ और बहन को सबक सिखाता है।
संसारम को कलाकारों द्वारा शानदार प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। मुख्य भूमिका निभाने वाले एन.टी. रामा राव और अक्किनेनी नागेश्वर राव ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। रघु और वेणु के संघर्षों के उनके चित्रण और उनके परिवार के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता की समीक्षकों और दर्शकों ने समान रूप से प्रशंसा की।
संसारम ने अभिनेत्री लक्ष्मीराज्यम ने फिल्म में रघु की पत्नी मंजुला की भूमिका निभाई। फिल्म में उनके प्रदर्शन को व्यापक रूप से सराहा गया, और वह तेलुगु फिल्म उद्योग में सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक बन गईं।
संसारम अपनी तकनीकी उत्कृष्टता के लिए भी जाना जाता है। फिल्म का निर्देशन एल.वी. प्रसाद और के वी कृष्णा और सी वी रंगनाथ राव द्वारा निर्मित है। सुसरला दक्षिणामूर्ति द्वारा रचित फिल्म का संगीत एक क्लासिक माना जाता है और तेलुगु संगीत प्रेमियों के बीच अभी भी लोकप्रिय है।
बी सुब्बा राव और एम ए रहमान द्वारा फिल्म की सिनेमैटोग्राफी भी उल्लेखनीय है। यथार्थवादी और गहरे वातावरण बनाने के लिए प्रकाश और छाया का उपयोग उस समय उनका काम अभूतपूर्व था।
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