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Home Bollywood

Dil Apna Aur Preet Parai دل اپنا اور پریت پارائی – नफरत और जलन की कहानी

by Sonaley Jain
June 11, 2021
in Bollywood, Hindi, Movie Review, old Films, Top Stories
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Movie Nurture: dil apna aur preet parai
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कभी – कभी हमारी नफरत और जलन के चलते हम अपने जीवन को ही बर्बादी की राह पर ले जाते हैं। ऐसी ही मीना कुमारी और राज कुमार की एक फिल्म दिल अपना और प्रीत पराई دل اپنا اور پریت پارائی , जिसमे यही दिखाया गया है कि नफरत और जलन ने हमारी खुशहाल जिंदगी के साथ क्या किया।

दिल अपना और प्रीत पराई  دل اپنا اور پریت پارائی एक हिंदी बॉलीवुड रोमांटिक ड्रामा फिल्म है, जो 4 मार्च 1960 में रिलीज़ हुयी। इसका इंग्लिश अनुवाद “My Heart is Mine and My Love is for Someone Else’s“ है। इस फिल्म का निर्देशन किशोर साहू ने किया और इसकी कहानी भी उन्होंने ही लिखी थी।

Movie Nurture :dil apna aur preet parai

Story Line

कहानी शुरू होती ही एक युवा सर्जन डॉक्टर सुशील वर्मा से , जो शिमला के सबसे बड़े हॉस्पिटल में काम करता है। और वह अपनी माँ और बहन मुन्नी के साथ हॉस्पिटल के कम्पाउंड में डॉक्टर के लिए बने घर में रहता है।

सुशील के पिता की मृत्यु के बाद , उनके सबसे करीबी दोस्त ने सुशील की पढ़ाई का खर्चा उठाने के साथ साथ उसकी माँ और बहन का भी ध्यान रखा। जिसके चलते सुशील की माँ उसके डॉक्टर बनने के बाद वह सारा कर्ज़ सुशील की शादी अपने पति के दोस्त की बेटी से करके चुकाना चाहती हैं ।

कुछ दिनों बाद करुणा नाम की एक नर्स शिमला अस्पताल में आती है और एक आपातकालीन सर्जरी के दौरान सुशील से मिलती है। करुणा को सुशील से बहित कुछ सीखने को मिलता है और वह दोनों बहुत जल्द दोस्त बन जाते हैं फिर कुछ ही समय में यह दोस्ती प्यार में बदल जाती है ।

एक दिन एक यात्रा के दौरान मुन्नी घायल हो जाती है , करुणा भी वहीँ होती है और घायल मुन्नी को वह घर लेकर आती है , जहाँ पर मुन्नी के बिखरे हुए घर को द्वखकर वह उसकी मदद करने का सोच कर सारे काम खुद ही कर देती है। जब औहेल अपने घर वापस आता है तो करुणा को घर का काम करते देख बहुत ही खुश हो जाता है और वह करुणा के इस अलग ही रूप से और भी ज्यादा प्रेम करने लगता है।

MOvie Nurture :dil apna aur preet parai

सुशील की माँ घूमने के लिए कश्मीर जाने का प्लान बनाती है इस सोच से कि वह वहां अपने पति के मित्र की बेटी कुसुम का विवाह सुशील से करवा देंगी । और वह कश्मीर पहुँच कर क़र्ज़ का वास्ता देकर कुसुम के सर्च विवाह करने को मजबूर कर देती हैं । दोनों का विवाह हो जाता है और दोनों वापस शिमला आ जाते हैं ।

यह खबर सुनकर करुणा बुरी तरह से टूट जाती है, मगर वह अपना दर्द किसी को नहीं बताती। बहुत जल्द ही कुसुम को करुणा और सुशील के प्रेम के बारे में पता चल जाता है और उसको यह भी पता चलता है कि आज भी दोनों एक दूसरे से बहुत प्रेम करते हैं , यह विवाह तो महज एक समझौता है। नफरत और जलन में कुसुम सभी परिवार वालों के साथ बहुत ही बुरा व्यवहार करने लगती है। और हॉस्पिटल में अक्सर आकार करुणा की बेज़्ज़ती करती है ।

एक दिन कुसुम माँ और ननद पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाती है और वापस कश्मीर चली जाती है। यह सब देखकर सुशील की माँ को जिद से कुसुम को बहु बनाने का दुःख होता है, और उन्हें लगता है कि इससे तो वह सुशील और करुणा का विवाह करवा देती तो शायद सभी खुश रहते।

यह सब देखकर करुणा दूसरे हॉस्पिटल में नौकरी करने चली जाती है। मगर नफरत और जलन के चलते कुसुम करुणा से बदला लेना चाहती है। यह बात सुशील को पता चल जाती है, और वह करुणा को बचने आता है। कुसुसम करुणा को मारने के लिए आती है वैसे ही एक तेज़ रफ्कार की कार उसको टक्कर मार देती है और कुसुम की मृत्यु उसी समय हो जाती है। अंत में सुशील और करुणा एक हो जाते हैं।

Movie Nurture :dil apna aur preet parai

Songs & Cast 

फिल्म में संगीत शंकर जयकिशन की मशहूर जोड़ी ने दिया है और इसका एक गण तो आज भी बेहद पसंद किया जाता है – “अजीब दास्तान है ये, कहाँ शुरू कहाँ ख़तम , ये मंज़िलें है कौन सी ना तुम समझ सके ना हम “, “अंदाज़ मेरा मस्ताना”, “दिल अपना और प्रीत पराई”, “इतनी बड़ी महफिल”, “जाने कहाँ गयी”, “मेरा दिल अब तेरा हो सजना”, “शीशा-ए-दिल इतना ना उछालो ” और इन गानों को गया है शैलेंद्र, लता मंगेशकर,मोहम्मद रफी, हसरत जयपुरी और आशा भोसले ने।

राज कुमार , मीना कुमारी और नादिरा की मुख्या भूमिका वाली फिल्म में जहाँ राज कुमार ने डॉक्टर सुशील वर्मा के किरदार में दिखे तो उनकी प्रेमिका और साथी करुणा के किरदार में मीना कुमारी और नादिरा बनी डॉक्टर वर्मा की पत्नी कुसुम।

Movie Nurture :dil apna aur preet parai

Review

निर्देशक किशोर साहू ने भारतीय सिनेमा को बेहद खूबसूरत और बहुत अच्छी ब्लेक एंड व्हाइट फिल्मे दी हैं उन्ही में से दिल अपना और प्रीत परायी फिल्म भी है। 2 घंटे 35 मिनट्स की इस ब्लेक एन्ड व्हाइट फिल्म में कई तरह के इमोशंस देखने को मिलते हैं। इस फिल्म की पूरी शूटिंग कमल स्टूडियो, मुंबई में हुयी थी।

फिल्म में जहाँ राज कुमार ने अपनी संजीदा अदाकारी की है तो दूसरी तरफ ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी ने भी विरह की फीलिंग्स को जिया है। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस में आते ही कमाल कर दिया और इसकी अर्निंग ने कई रिकॉड्स तोड़े । इसका एक बहुत ही फेमस लता मंगेशकर द्वारा गाया गया गाना आज भी बेहद पसंद किया जाता है – अजीब दास्तान है ये, कहाँ शुरू कहाँ ख़तम , ये मंज़िलें है कौन सी ना तुम समझ सके ना हम।

Tags: BollywoodMeena kumariMovie Review
Sonaley Jain

Sonaley Jain

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