अक्किनेनी नागेश्वर राव (20 सितंबर 1923 – 22 जनवरी 2014), जिन्हें एएनआर के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय अभिनेता और निर्माता थे, जो मुख्य रूप से तेलुगु सिनेमा में अपने काम के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपने पचहत्तर साल के करियर में कई ऐतिहासिक फिल्मों में अभिनय किया और तेलुगु सिनेमा की सबसे प्रमुख हस्तियों में से एक बन गए। अक्किनेनी को सात राज्य नंदी पुरस्कार और पांच दक्षिण फिल्मफेयर पुरस्कार मिले। कला और सिनेमा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है।
शुरुआती ज़िंदगी और करियर
अक्किनेनी नागेश्वर राव का जन्म 20 सितंबर 1923 को वर्तमान आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के रामपुरम में एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। वह पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके माता-पिता अक्किनेनी वेंकटरत्नम और अक्किनेनी पुन्नम्मा कृषक समुदाय से थे। उनके माता-पिता की ख़राब आर्थिक स्थिति के कारण उनकी औपचारिक शिक्षा प्राथमिक स्कूली शिक्षा तक ही सीमित थी। उन्होंने 10 साल की उम्र में थिएटर में काम करना शुरू कर दिया था। वह एक स्टेज अभिनेता बन गए, जो महिला किरदार निभाने में माहिर थे, क्योंकि उस समय महिलाओं को अभिनय करने से ज्यादातर मनाही थी।
1941 में उन्होंने तेलुगु फिल्म धर्मपत्नी से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। उन्होंने 1940 और 1950 के दशक में कई सफल फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें मायालोकम (1945), मिसम्मा (1955), और गुंडम्मा कथा (1962) शामिल हैं। उन्होंने कई तमिल फिल्मों में भी अभिनय किया, जिनमें वीरपांडिया कट्टाबोम्मन (1959) और कर्णन (1963) शामिल हैं।
उपलब्धियाँ
अक्किनेनी नागेश्वर राव के काम को आलोचकों और दर्शकों द्वारा समान रूप से सराहा गया। उन्होंने अपने प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कार जीते, जिनमें सात नंदी पुरस्कार, पांच फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें 1976 में पद्म भूषण और 2009 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।
लेगेसी
अक्किनेनी नागेश्वर राव को भारतीय सिनेमा के महानतम अभिनेताओं में से एक माना जाता है। उन्हें तेलुगु सिनेमा में क्रांति लाने और इसके मानकों को ऊपर उठाने का श्रेय दिया जाता है। उन्हें तेलुगु सिनेमा में पौराणिक और ऐतिहासिक शैलियों को लोकप्रिय बनाने का श्रेय भी दिया जाता है। उनके काम का तेलुगु सिनेमा पर गहरा प्रभाव पड़ा है और वह आज भी अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं के लिए प्रेरणा बने हुए हैं।
व्यक्तिगत जीवन
अक्किनेनी नागेश्वर राव की शादी 1949 में लक्ष्मी राज्यम से हुई थी। उनके तीन बच्चे थे: अक्किनेनी नागार्जुन, अक्किनेनी वेंकट और नागा सुशीला।
अक्किनेनी नागेश्वर राव का 22 जनवरी 2014 को 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके परिवार में उनकी पत्नी, बच्चे और पोते-पोतियां हैं।
अक्किनेनी नागेश्वर राव की विरासत उनकी फिल्मों और तेलुगु फिल्म उद्योग में उनके काम के माध्यम से जीवित है। उन्हें भारतीय सिनेमा के महानतम अभिनेताओं में से एक माना जाता है और उनका काम दुनिया भर के दर्शकों को प्रेरित और मनोरंजन करता रहता है।
अपने अभिनय करियर के अलावा, अक्किनेनी नागेश्वर राव एक सफल निर्माता भी थे। उन्होंने 1975 में अन्नपूर्णा स्टूडियो की स्थापना की, जो भारत में अग्रणी फिल्म निर्माण और वितरण कंपनियों में से एक है। वह एक परोपकारी भी थे और विभिन्न दान में उदारतापूर्वक दान देते थे।
अक्किनेनी नागेश्वर राव तेलुगु सिनेमा के सच्चे दिग्गज थे। उनके काम का उद्योग पर स्थायी प्रभाव पड़ा है और उन्हें सर्वकालिक महान अभिनेताओं में से एक के रूप में याद किया जाता रहेगा।
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