• About
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
Wednesday, October 15, 2025
  • Login
Movie Nurture
  • Bollywood
  • Hollywood
  • Indian Cinema
    • Kannada
    • Telugu
    • Tamil
    • Malayalam
    • Bengali
    • Gujarati
  • Kids Zone
  • International Films
    • Korean
  • Super Star
  • Decade
    • 1920
    • 1930
    • 1940
    • 1950
    • 1960
    • 1970
  • Behind the Scenes
  • Genre
    • Action
    • Comedy
    • Drama
    • Epic
    • Horror
    • Inspirational
    • Romentic
No Result
View All Result
  • Bollywood
  • Hollywood
  • Indian Cinema
    • Kannada
    • Telugu
    • Tamil
    • Malayalam
    • Bengali
    • Gujarati
  • Kids Zone
  • International Films
    • Korean
  • Super Star
  • Decade
    • 1920
    • 1930
    • 1940
    • 1950
    • 1960
    • 1970
  • Behind the Scenes
  • Genre
    • Action
    • Comedy
    • Drama
    • Epic
    • Horror
    • Inspirational
    • Romentic
No Result
View All Result
Movie Nurture
No Result
View All Result
Home 1920

परदे पर ड्रैगन का सफर: चीनी सिनेमा का इतिहास

Sonaley Jain by Sonaley Jain
June 18, 2024
in 1920, Films, International Films, old Films, Top Stories
0
Movie NUrture: परदे पर ड्रैगन का सफर: चीनी सिनेमा का इतिहास
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

चीनी सिनेमा का इतिहास कई दशक पुराना है और यह एक विशाल सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। परदे पर ड्रैगन का सफर चीनी सिनेमा के विकास की कहानी को बयाँ करता है, जो आज विश्व सिनेमा के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में उभर चुका है।

चीनी सिनेमा का प्रारंभिक दौर

चीनी सिनेमा की शुरुआत 1905 में हुई, जब पहली साइलेंट फिल्म “द बैटल ऑफ डिंगजुनशान” बनाई गई थी। इस दौर में ज्यादातर फिल्में नाटकों पर आधारित थीं। साइलेंट फिल्मों का युग 1930 के दशक तक चला, जिसमें सांस्कृतिक और सामाजिक मुद्दों पर आधारित कई महत्वपूर्ण फिल्में बनीं।

Movie Nurture: परदे पर ड्रैगन का सफर: चीनी सिनेमा का इतिहास
Image Source: Google

1949 के बाद का युग: साम्यवादी चीन का उदय

1949 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना के बाद, चीनी सिनेमा पर सरकार का नियंत्रण बढ़ गया। माओत्से तुंग के नेतृत्व में, फिल्मों का इस्तेमाल साम्यवादी विचारधारा के प्रचार के लिए किया गया। इस दौर की प्रमुख फिल्में जैसे “द व्हाइट-हैयरड गर्ल” और “द रेड डेटाचमेंट ऑफ वीमेन” को राजनीतिक और सांस्कृतिक शिक्षाओं का माध्यम माना जाता था।

सांस्कृतिक क्रांति का प्रभाव (1966-1976)

सांस्कृतिक क्रांति के दौरान चीनी सिनेमा को भारी धक्का लगा। अधिकांश फिल्म निर्माण रुक गया और केवल वही फिल्में बनाई गईं जो सरकार की विचारधारा को समर्थन करती थीं। इस समय की फिल्मों में “ओपेरा फिल्म्स” का वर्चस्व रहा, जिनका उद्देश्य सांस्कृतिक पुनर्निर्माण था।

सुधार और खुलापन (1980 के बाद)

1980 के दशक में चीन ने आर्थिक सुधारों के साथ सांस्कृतिक सुधारों की भी शुरुआत की। इस दौर में चीनी सिनेमा में विविधता आई और नई पीढ़ी के फिल्म निर्माताओं ने अपनी पहचान बनाई। जिआंग यिमोउ, चेन काईगे, और जिया झांगके जैसे निर्देशक अंतरराष्ट्रीय मंच पर छा गए। उनकी फिल्मों ने चीनी समाज के विभिन्न पहलुओं को बारीकी से चित्रित किया।

प्रमुख फिल्में और उनके निर्देशक:

जिआंग यिमोउ: “रेड सोरघम” (1988), “जू डौ” (1990), और “हाउस ऑफ फ्लाइंग डैगर्स” (2004)
चेन काईगे: “फेयरवेल माई कन्स्युकुबाइन” (1993), “टोगेदर” (2002)
जिया झांगके: “स्टिल लाइफ” (2006), “अश इज प्योरिस्ट व्हाइट” (2018)

Movie Nurture: परदे पर ड्रैगन का सफर: चीनी सिनेमा का इतिहास
Image Source: Google

आधुनिक चीनी सिनेमा और वैश्विक प्रभाव

21वीं सदी में चीनी सिनेमा ने वैश्विक बाजार में अपनी जगह बनाई है। हॉलीवुड के साथ साझेदारी और बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन ने चीनी फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुँचाया। “क्राउचिंग टाइगर, हिडन ड्रैगन” (2000) और “हीरो” (2002) जैसी फिल्में वैश्विक बॉक्स ऑफिस पर सफल रहीं और चीनी सिनेमा को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया।

चीनी सिनेमा के आधुनिक नायक:

जैकी चान: “रश ऑवर” सीरीज, “कराटे किड” (2010)
जेट ली: “फियरलेस” (2006), “द एक्सपेंडेबल्स” (2010)
टॉनी लीउंग: “इन्फर्नल अफेयर्स” (2002), “द ग्रैंडमास्टर” (2013)

निष्कर्ष

चीनी सिनेमा का इतिहास विविधता और परिवर्तन का प्रतीक है। प्रारंभिक साइलेंट फिल्मों से लेकर आधुनिक ब्लॉकबस्टर्स तक, चीनी सिनेमा ने सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्यों को बखूबी दर्शाया है। आज, यह विश्व सिनेमा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो न केवल चीनी समाज को प्रतिबिंबित करता है बल्कि वैश्विक दर्शकों को भी प्रभावित करता है।

चीनी सिनेमा का यह सफर वास्तव में प्रेरणादायक है, जो दिखाता है कि कला और संस्कृति कैसे सीमाओं को पार कर सकती है और विश्वभर के लोगों को जोड़ सकती है।

Tags: चाइनीज़ फिल्म हिस्ट्रीफिल्म्ससाइलेंट फिल्म
Previous Post

बिना आवाज के कहानी कहने के 10 माहिर निर्देशक

Next Post

47 रोनिन्स (47 Ronin) : एक वीर गाथा का सिनेमाई चित्रण

Next Post
MOvie Nurture: 47 रोनिन्स (47 Ronin) : एक वीर गाथा का सिनेमाई चित्रण

47 रोनिन्स (47 Ronin) : एक वीर गाथा का सिनेमाई चित्रण

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Facebook Twitter

© 2020 Movie Nurture

No Result
View All Result
  • About
  • CONTENT BOXES
    • Responsive Magazine
  • Disclaimer
  • Home
  • Home Page
  • Magazine Blog and Articles
  • Privacy Policy

© 2020 Movie Nurture

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In
Copyright @2020 | Movie Nurture.