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अनडेड ऑरिजिंस: जापान की अग्रणी हॉरर फिल्म “शिनिन नो सोसेई” की समीक्षा

Sonaley Jain by Sonaley Jain
June 5, 2024
in Films, Hindi, Horror, Movie Review, old Films, Top Stories
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Movie Nurture: शिनिन नो सोसेई
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जापान की फिल्म इंडस्ट्री हॉरर जॉनर में अपनी विशेष शैली और दृष्टिकोण के लिए जानी जाती है। “शिनिन नो सोसेई” (Shinin no Sosei) इस परंपरा का एक प्रमुख उदाहरण है, जिसने अपनी अनूठी कहानी, गहरे डरावने तत्वों और उत्कृष्ट निर्देशन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है। यह कॉमेडी और हॉरर फिल्म जापान में 2 जनवरी 1898 को रिलीज़ हुयी थी।

कथानक

“शिनिन नो सोसेई” का अर्थ है “मृतकों का पुनर्जन्म”। यह फिल्म एक छोटे से ग्रामीण गांव में सेट है, जहां रहस्यमय और भयानक घटनाओं की श्रृंखला शुरू होती है। कहानी का केंद्र एक पुरानी किंवदंती है, जो कहती है कि गांव में एक प्राचीन श्राप है जिससे मरे हुए लोग जीवित हो जाते हैं।

Movie Nurture: शिनिन नो सोसेई
Image Source: Google

कहानी की शुरुआत

अब तक की बनी दो सबसे पुरानी हॉरर फिल्मों में से एक। इस फिल्म को खोया हुआ माना जाता है। इस शॉर्ट ब्लैक एन्ड व्हाइट फिल्म में कहानी की शुरुवात एक छोटे से दृश्य, एक ताबूत टूटता है और उसमे से लाश बाहर गिरती है और एक झटके के साथ वह जीवित हो जाती है। ऐसे कुछ छोटे छोटे दृश्य बेहद डरावने हैं फिल्म में। साथ ही सड़क के दृश्य और नाचती हुई गीशा लड़कियाँ शुरुआती निप्पॉन सिनेमा के मुख्य विषय हुआ करते थे।

अज्ञात तथ्य

प्रेरणा: फिल्म की कहानी जापानी लोककथाओं और किंवदंतियों से प्रेरित है, जो इसे और भी रहस्यमय और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाती है।
लोकेशन: फिल्म की शूटिंग जापान के एक वास्तविक गांव में की गई है, जिससे फिल्म में वास्तविकता और भयावहता का एहसास बढ़ गया है।
डायरेक्टर का डेब्यू: “शिनिन नो सोसेई” निर्देशक असनो की पहली फिल्म है, जिन्होंने अपनी पहली ही फिल्म से दर्शकों और आलोचकों का दिल जीत लिया है।
प्राकृतिक प्रभाव: फिल्म में विशेष प्रभावों का कम से कम उपयोग किया गया है। ज्यादातर डरावनी और रहस्यमय घटनाओं को प्राकृतिक और व्यावहारिक प्रभावों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।
साउंडट्रैक: फिल्म का साउंडट्रैक जापान के प्रसिद्ध संगीतकार ने तैयार किया है, जो फिल्म के डरावने माहौल को और भी प्रभावी बनाता है।

निर्देशन

शिरो असनो ने “शिनिन नो सोसेई” में अपने निर्देशन कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने फिल्म की हर छोटी-बड़ी बारीकी पर ध्यान दिया है, जिससे फिल्म का हर दृश्य दर्शकों के मन में गहरी छाप छोड़ता है। असनो का निर्देशन स्टाइल जापानी हॉरर फिल्मों की परंपरा का पालन करता है, लेकिन उन्होंने इसमें अपने अद्वितीय तत्व भी जोड़े हैं, जिससे फिल्म और भी खास बन जाती है।

Movie Nurture: शिनिन नो सोसेई
IMage Source: Google

विशिष्टता

सस्पेंस बिल्डअप: असनो ने धीरे-धीरे सस्पेंस को बढ़ाते हुए दर्शकों को अंत तक बांधे रखा है।
विजुअल्स: फिल्म के विजुअल्स और सिनेमैटोग्राफी उत्कृष्ट हैं, जो दर्शकों को गांव की रहस्यमय और डरावनी दुनिया में खींच लेते हैं।
पात्र विकास: असनो ने पात्रों के विकास पर विशेष ध्यान दिया है, जिससे हर किरदार की कहानी में महत्वपूर्ण भूमिका है और वे दर्शकों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं।

निष्कर्ष

“शिनिन नो सोसेई” एक उत्कृष्ट हॉरर फिल्म है जो जापानी लोककथाओं, गहरे डरावने तत्वों और उत्कृष्ट अभिनय से समृद्ध है। कलाकारों के प्रभावशाली प्रदर्शन, असनो का अद्वितीय निर्देशन, और फिल्म की रहस्यमय कहानी ने इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बना दिया है। “शिनिन नो सोसेई” न केवल जापानी हॉरर फिल्मों की परंपरा को आगे बढ़ाती है बल्कि इसे नई ऊंचाइयों पर भी ले जाती है।

Tags: जापान की पहली फिल्मजापानी सिनेमाजापानी हॉरर फिल्मों का विकासहॉरर फिल्म
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