• About
  • Advertise
  • Careers
  • Contact
Sunday, July 20, 2025
  • Login
No Result
View All Result
NEWSLETTER
Movie Nurture
  • Bollywood
  • Hollywood
  • Indian Cinema
    • Kannada
    • Telugu
    • Tamil
    • Malayalam
    • Bengali
    • Gujarati
  • Kids Zone
  • International Films
    • Korean
  • Super Star
  • Decade
    • 1920
    • 1930
    • 1940
    • 1950
    • 1960
    • 1970
  • Behind the Scenes
  • Genre
    • Action
    • Comedy
    • Drama
    • Epic
    • Horror
    • Inspirational
    • Romentic
  • Bollywood
  • Hollywood
  • Indian Cinema
    • Kannada
    • Telugu
    • Tamil
    • Malayalam
    • Bengali
    • Gujarati
  • Kids Zone
  • International Films
    • Korean
  • Super Star
  • Decade
    • 1920
    • 1930
    • 1940
    • 1950
    • 1960
    • 1970
  • Behind the Scenes
  • Genre
    • Action
    • Comedy
    • Drama
    • Epic
    • Horror
    • Inspirational
    • Romentic
No Result
View All Result
Movie Nurture
No Result
View All Result
Home Bollywood

Boot Polish: नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है

by Sonaley Jain
January 13, 2021
in Bollywood, Hindi, Movie Review, old Films, Top Stories
0
movienurture: boot polish
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

बूट पोलिश 1954 में बनीएक ऐसी पारिवारिक फिल्म थी, जो दो छोटे – छोटे बच्चों पर आधारित थी। यह फिल्म 24 मार्च को बॉलीवुड सिनेमा में रिलीज़ हुयी थी। इस फिल्म को उस वर्ष की बेस्ट फिल्म के लिए फिल्मफेयर अवार्ड से नवाज़ा गया था। फिल्म का बेहद लोकप्रिय गीत ” नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है” आज भी स्कूलों में गया जाता है।

फिल्म के निर्देशक प्रकाश अरोरा ने फिल्म में भोला और बेलु , जो कि बेहद ही छोटे हैं , बड़ी संजीदगी से उनके जीवन का संघर्ष दिखाया है। इस फिल्म के जरिये ये भी सन्देश दिया है कि चाहे जीवन में किसी भी परिस्थितिया आ जाये मगर जीवन में लिए गए अपने प्रण और वादों को नहीं भूलना चाहिए।

Movienurture: Boot Polish

Story –

फिल्म की कहानी शुरू होती है दो छोटे भाई -बहन भोला और बेलु से, जो अपनी माँ के मरने के बाद कमला मौसी के घर में शरण लेते हैं। इसके बाद शुरू होता है कमला का अत्याचार और वह बच्चों से कहती है कि अब से तुम दोनों भीख मांगकर लाओगे इसके बाद ही तुम्हे खाना मिलेगा। भोला और बेलु पड़ोस में रहने वाले जॉन चाचा के अधिक प्रिय होते हैं। जब उन्हें यह पता चलता है कि कमला ने भीख मांगने का कहा है तो वह दोनों बच्चों को समझाते हैं कि भीख नहीं मांगनी चाहिए बल्कि तुम दोनों को कुछ काम करना चाहिए।

दोनों बच्चे भोला और बेलु भविष्य में कभी भी भीख ना मांगने का प्रण लेते हैं। मगर शुरुवात में भीख मांगकर कुछ पैसे बचाकर रखते हैं और बहुत जल्द ही वह एक बूट पोलिश का किट खरीद लेते हैं। अब भोला बूट पोलिश करके अपना और अपनी बहन और कमला मौसी की जीविका को चलाता है। सब कुछ सही चल रहा होता है तभी बरसात का मौसम आ जाता है। और उस मौसम में बूट पोलिश कोई भी नहीं करवाता तो भोला की कमाई बंद हो जाती है फिर भी वह बहुत प्रयत्न करता है।

कमला मौसी दोनों को घर से बाहर निकल देती है। जॉन चाचा दोनों को पनाह देते हैं और जीविका के लिए शराब बेचने का फैसला लेते हैं। और कुछ दिनों बाद ही वह पुलिस द्वारा गिरफ्तार हो जाते हैं। अब भोला और बेलु दोनों अकेले रह जाते हैं। मगर फिर भी वह भीख नहीं मांगते और काम की तलाश में इधर उधर भटकते रहते हैं।

Movienurture: Boot Polish

 

एक दिन बेलु को गलतफहमी हो जाती है कि भोला ने भीख मांगी है और वह अपने भाई को एक थप्पड़ मारती है। पुलिस दोनों को चोर समझकर पीछे पड़ जाती है । दोनों भागते हैं और बेलु एक खड़ी ट्रेन में बैठ जाती है। भोला को पुलिस पकड़ लेती है और बेलु ट्रेन चलने के कारण अपने भाई से बिछड़ जाती है। ट्रेन में बेलु को रोता देख एक अमीर परिवार उसको अपना लेता है और अपने साथ बेटी बनाकर घर ले जाता है।

भोला कुछ समय बाद जेल से छूटता है और बहन की खोज में इधर उधर भटकता रहता है मगर उसको बेलु नहीं मिलती। कुछ समय अनाथाश्रम में रहने के बाद वह वहां से भी भाग जाता है रेलवे स्टेशन में ही भटकता रहता है। और अंत में जाकर वह भीख मांगने के लिए रेलवे स्टेशन जाता है। भोला और बेलु का सामना होता है, बेलु अपने माता पिता के साथ छुट्टियां मनाने जा रही है। बेलु को सामने देखकर शर्मिंदगी से भोला भागने लगता है और बेलु उसके पीछे भगति है उसको रोकने के लिए। जॉन चाचा भी रेलवे स्टेशन पर दोनों को देख लेते हैं और उनके पीछे भागते हैं।

थोड़ी दूर भागते – भागते जॉन चाचा गिर जाते हैं तभी भोला रुक जाता है और दोनों भाई बहन फिर से मिल जाते है। और बेलु के माता पिता भोला को भी अडॉप्ट कर लेते हैं और सभी ख़ुशी से रहने लगते हैं।

Movie Nurture: Boot Polish

Songs & Cast – फिल्म में संगीत शंकर जयकिशन ने दिया है और इनको लिखा है शैलेन्द्र, दीपक और हसरत जयपुरिया ने – “में बहारों की नटखट रानी, सारी दुनिया है मुझपे दीवानी”, “नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है”, “तुम्हारे हैं, तुमसे दया मांगते हैं”, “चली कौन देस गुजरिया तू सज धजके”, “ठहर ज़रा ओ जानेवाले, बाबू मिस्टर गोरे काले”, “रात गयी, फिर दिन आया है”, “लपक झपक तू आ रे बदरवा”

रतन कुमार और कुमारी नाज़ ने इस फिल्म में दो ऐसे छोटे भाई बहनो का किरदार निभाया है, जिन पर पूरी कहानी बेस्ड है। जॉन चाचा (डेविड अब्राहम), चंद बुर्के ने कमला देवी का किरदार निभाया है।

इस फिल्म की अवधि 2 घंटे और 29 मिनट्स हैं।

Tags: Best Bollywood FilmMovie Reviewold movie
Sonaley Jain

Sonaley Jain

Lights, camera, words! We take you on a journey through the golden age of cinema with insightful reviews and witty commentary.

Next Post
Movienurture : Badavara Bandhu

Badavara Bandhu : क्लासिक मूवी कलेक्शन का एक अनोखा मोती

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended

Nargis نرگس : तुम्हारी छाया में मै कड़ी से कड़ी धूप सहन कर लूँगी

Nargis نرگس : तुम्हारी छाया में मै कड़ी से कड़ी धूप सहन कर लूँगी

4 years ago
Movie nurture:Mooga Manasulu

Mooga Manasulu (మూగా మనసులు) : पुनर्जन्म पर आधारित तेलुगु फिल्म

4 years ago

Popular News

  • Movie Nurture: ग्रेगोरी पेक

    ग्रेगोरी पेक: हॉलीवुड के इस क्लासिक अभिनेता की जंग और जीत की कहानी

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • क्लासिक स्टार्स की आखिरी फिल्में: वो अंतिम चित्र जहाँ रुक गया समय

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • इन गानों को ना भूल पाये हम – ना भूल पायेगी Bollywood!

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • Late Spring: ओज़ू की वो फिल्म जो दिल के किसी कोने में घर कर जाती है

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • जब तक फिल्म चुप थी, लोग दूर थे…जब बोली, सबके दिल से जुड़ गई!

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दिलीप कुमार: वो पांच फ़िल्में जहाँ उनकी आँखों ने कहानियाँ लिखीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • Bride of Frankenstein (1935): सिर्फ एक मॉन्स्टर मूवी नहीं, एक मास्टरपीस है ये फिल्म!

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Connect with us

Newsletter

दुनिया की सबसे अनमोल फ़िल्में और उनके पीछे की कहानियाँ – सीधे आपके Inbox में!

हमारे न्यूज़लेटर से जुड़िए और पाइए क्लासिक सिनेमा, अनसुने किस्से, और फ़िल्म इतिहास की खास जानकारियाँ, हर दिन।


SUBSCRIBE

Category

    About Us

    Movie Nurture एक ऐसा ब्लॉग है जहाँ आपको क्लासिक फिल्मों की अनसुनी कहानियाँ, सिनेमा इतिहास, महान कलाकारों की जीवनी और फिल्म समीक्षा हिंदी में पढ़ने को मिलती है।

    • About
    • Advertise
    • Careers
    • Contact

    © 2020 Movie Nurture

    No Result
    View All Result
    • Home

    © 2020 Movie Nurture

    Welcome Back!

    Login to your account below

    Forgotten Password?

    Retrieve your password

    Please enter your username or email address to reset your password.

    Log In
    Copyright @2020 | Movie Nurture.