Jagriti – आओ बच्चों तुम्हे दिखाये झाँकी हिंदुस्तान की

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 जागृति फिल्म एक भारतीय देशभक्ति फिल्म है यह 1954 में हिंदी सिनेमा में रिलीज़ हुयी थी,इस फिल्म का निर्देशन सत्येन बोस ने किया था और यह फिल्म 1949 की बंगाली फिल्म परिबारतन पर आधारित है। इस फिल्म के गानें इतने प्रसिद्ध हैं कि यह हर पीढ़ी द्वारा आज भी गाये जाते हैं – हम लाये हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के  और आओ बच्चों तुम्हे दिखाये झाँकी हिंदुस्तान की। 

जागृति फिल्म को उस साल सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरुस्कार भी मिला। यह फिल्म एक अध्यापक द्वारा उसके छात्रों को दिए गए नैतिक मूल्यों पर आधारित है और इस फिल्म का हर गीत देशभक्ति से परिपूर्ण है। 

Story –  फिल्म की कहानी शुरू होती है शहर के एक अमीर घराने के बिगड़ैल बेटे अजय से, वह एक जिद्दी और किसी की ना सुनने वाला और सभी को बहुत परेशान करने वाला बच्चा है। उसकी परेशानी से तंग आकर उसके चाचा उसे बोर्डिंग स्कूल में भर्ती करवा देते हैं और वह बॉर्डिंग स्कूल होता है शेखर नामक एक देशप्रेमी युवक का। 

वह अपने बॉडिंग स्कूल में सभी बच्चो को देश का एक मॉडल नागरिक बनाने की कोशिश करता है, और वह अपरंपरागत शिक्षण विधियों से छात्रों में अच्छे मूल्यों को स्थापित करने की कोशिश करता है। वह सभी छात्रों को देश के इतिहास के बारे में बताता है कि किस तरह देश की आज़ादी के लिए सभी ने संघर्ष किया। मगर अजय को इन सब बातों का कोई भी फर्क नहीं पड़ता था और वह वहां भी अपने ही तरीके से जीवन जी रहा है। 

कुछ समय बाद वहां एक छात्र शक्ति का दाखिला होता है जो अपंग होने के साथ अजय के बिलकुल विपरीत है, एक आज्ञाकारी और समझदार छात्र। शक्ति और अजय की दोस्ती होती है शक्ति बहुत कोशिश करता है अपनी तरह से अजय को समझाने की, मगर अजय अपने जिद्दी स्वाभाव के कारण उसकी किसी भी बात को समझने के लिए तैयार नहीं होता है। 

एक दिन मौका पाकर अजय स्कूल से भाग जाता है और शक्ति यह देखकर उसको रोकने के लिए उसके पीछे जाता है मगर अपनी अपंगता के कारण वह अजय तक नहीं पहुँच पाता और नगर में चलती हुयी गाड़ियों में फस जाता है जहाँ एक गाड़ी उसको टक्कर मारकर चली जाती है और उसकी वहीँ मृत्यु हो जाती है। यह हादसा अजय को पूरी तरह बदल देता है क्योकि उसको यह लगता है कि उसके परम मित्र शक्ति की मृत्यु की वजह वह खुद है। 

इसके बाद अजय में ऐसा परिवर्तन आता है कि वह शिक्षाविदों और खेलों में उत्कृष्टता हासिल करता है। यह देखकर सभी बहुत प्रसन्न होते हैं।  इसी बीच शेखर के पढ़ाने का तरीका शिक्षा बोर्ड को बेहद पसंद आता है और अपने अपरंपरागत लेकिन सफल तरीकों से अपना संदेश सभी जगह फैलाने के लिए वह बोर्डिंग स्कूल छोड़ने का फैसला करता है और इसी के साथ फिल्म का अंत हो जाता है। 

Songs & Cast – जाग्रति फिल्म में संगीत हेमंत कुमार ने दिया है और उन्होंने 5 गानों का संगम इसमें रखा है जिनको लिखा है कवि प्रदीप ने  – “आओ बच्चों तुम्हे दिखाये झाँकी हिंदुस्तान की”, “चलो चले माँ “, “दे दी हमें आज़ादी बिना खटक बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल “, हम लाये हैं तूफ़ान से कश्ती निकालकर “, और यह गाने गाये हैं कवि प्रदीप , आशा भोंसले और मोहम्मद रफ़ी ने। 

अभि भट्टाचार्य ने इस फिल्म में शेखर का किरदार निभाया है और उनका साथ दिया है  प्राणोति घोष, बिपिन गुप्ता, मुमताज बेगम, राजकुमार गुप्ता (अजय), रतन कुमार ( शक्ति), चंदन कुमार, दिलीप,राजा, मोहन चोती, घनश्याम, नवनीत, गिरीश और नंदा ने। 

इस फिल्म की अवधि 2 घंटे 20 मिनट्स है और इसका निर्माण एस मुखर्जी ने किया था। 

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