मराठी सिनेमा में बहुमुखी प्रतिभा और दिल को छू लेने वाले अभिनय के पर्याय किशोर नंदलास्कर ने इंडस्ट्री पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। यह हास्य कलाकार, हिंदी और मराठी सिनेमा में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। यह लेख उनके शुरुआती जीवन, करियर, निजी जीवन, उल्लेखनीय फ़िल्मों पर प्रकाश डालता है जो उनकी यात्रा को अद्वितीय और प्रेरणादायक बनाते हैं।

प्रारंभिक जीवन
किशोर नंदलास्कर का जन्म 1940 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। एक साधारण परिवार में पले-बढ़े, उन्होंने अभिनय में कम उम्र से ही रुचि विकसित कर ली थी। प्रदर्शन कला के प्रति उनके जुनून ने उन्हें स्थानीय थिएटर समूहों और स्कूल नाटकों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया, जहाँ उन्होंने अपने शिल्प को निखारा और अभिनय में करियर बनाने का सपना देखा।
प्रोफेशनल करियर
मनोरंजन उद्योग में नंदलास्कर की यात्रा थिएटर से शुरू हुई, जहाँ उन्हें अपने शक्तिशाली अभिनय के लिए पहचान मिली। उन्होंने 1989 में मराठी फ़िल्म “इना मीना डिका” से फ़िल्मी करियर की शुरुआत की। उनके स्वाभाविक अभिनय कौशल और विविध पात्रों को मूर्त रूप देने की क्षमता ने फ़िल्म निर्माताओं का ध्यान जल्दी ही आकर्षित कर लिया।
पिछले कुछ सालों में किशोर नंदलास्कर कई मराठी और हिंदी फिल्मों में नज़र आए हैं। उनकी कुछ सबसे उल्लेखनीय मराठी फिल्मों में “वास्तव”, “जिस देश में गंगा रहता है” और “सिंघम” शामिल हैं। हिंदी सिनेमा में, उन्हें “खाकी”, “वास्तव” और “जिस देश में गंगा रहता है” जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाओं के लिए जाना जाता था। कॉमेडी और गंभीर भूमिकाओं के बीच सहजता से बदलाव करने की उनकी क्षमता ने उन्हें दर्शकों के बीच पसंदीदा बना दिया।
निजी जीवन
अपनी ऑन-स्क्रीन सफलता के बावजूद, किशोर नंदलास्कर एक विनम्र और ज़मीनी व्यक्ति बने रहे। वह अपनी सादगी और अपने काम के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपने पेशेवर जीवन को अपनी व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के साथ संतुलित किया, हमेशा अपने परिवार को प्राथमिकता दी और कम प्रोफ़ाइल बनाए रखा।

उल्लेखनीय फ़िल्में
नंदलास्कर ने करीबन 40 नाटकों, 25 से अधिक मराठी और हिंदी फिल्मों और 20 से अधिक सीरियल में अभिनय किया था। ‘नाना करते प्यार’ रंगमंच में उनका आखिरी नाटक था।
मराठी फ़िल्में:
दे धक्का (1991)
सारिवर सारी (1993)
करमाटी कोट (1993)
धाग (1996)
पूर्ण सत्य (1997)
अस्तित्व (2000)
शुभ लग्न सावधान (2006)
येदयांची जात्रा (2012)
हंतश (2017)
मिस यू मिस (2020)
हिंदी फ़िल्में:
वास्तव: द रियलिटी (2000)
जिस देश में गंगा रहता है (2000)
चुप छुप के (2006)
इश्या (2006)
सिंघम (2011)
सिंघम रिटर्न्स (2014)
सिम्बा (2018)
अंतिम: द फाइनल ट्रुथ (2021)

अज्ञात तथ्य
रंगमंच की जड़ें: किशोर नंदलास्कर ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत थिएटर से की, जिसने उनके फ़िल्मी करियर की मज़बूत नींव रखी।
बहुमुखी प्रतिभा: वे हास्य और गंभीर भूमिकाओं के बीच सहजता से बदलाव करने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते थे, जिससे एक अभिनेता के रूप में उनकी क्षमता का पता चलता था।
विनम्रता: अपनी सफलता के बावजूद, वे विनम्र और मिलनसार बने रहे, जिससे वे प्रशंसकों और सहकर्मियों के बीच समान रूप से लोकप्रिय हुए।
मेंटरशिप: नंदलास्कर युवा अभिनेताओं को मेंटर करने, इंडस्ट्री में नए लोगों को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने के लिए जाने जाते थे।
स्थायी विरासत: अप्रैल 2021 में उनके निधन के बाद भी, उनका अभिनय दर्शकों को प्रेरित और मनोरंजन करता रहा, जो भारतीय सिनेमा पर उनके स्थायी प्रभाव को दर्शाता है।
निष्कर्ष
किशोर नंदलास्कर का एक भावुक थिएटर अभिनेता से मराठी और हिंदी सिनेमा में एक प्रिय व्यक्ति बनने का सफ़र उनकी प्रतिभा, कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है। हास्य और गंभीर दोनों भूमिकाओं में उनके यादगार अभिनय ने उनके प्रशंसकों के दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ी है। किशोर नंदलास्कर को हमेशा एक बहुमुखी अभिनेता के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने अपने द्वारा निभाई गई हर भूमिका में प्रामाणिकता और आकर्षण लाया, जिससे वे भारतीय सिनेमा की दुनिया में एक सच्चे लीजेंड बन गए।