वाई. वी. राव द्वारा निर्देशित | वी. नागय्या, वाई. वी. राव, पुष्पावल्ली, गोहर मामाजीवाला, ललिता अभिनीत
“विश्व मोहिनी” (1940) एक तेलुगु भाषा की रोमांटिक थ्रिलर है जो हमें भारतीय चलचित्र जगत के पर्दे के पीछे ले जाती है। वाई. वी. राव द्वारा निर्देशित, यह फिल्म मनोरंजन उद्योग पर एक अनूठा दृष्टिकोण पेश करती है और प्यार, धोखे और साज़िश की कहानी बुनती है।
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स्टोरी लाइन
कहानी मोहन राव (वी. नागय्या द्वारा अभिनीत) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो मद्रास में एक लॉ फर्म के लिए काम करता है। पद्मनाभम के व्यापारिक प्रतिद्वंद्वी पुरूषोत्तम राव का बेटा मोहन राव, अपने प्रबंधक पद्मनाभम को धोखा देता है और अवैध तरीकों से कंपनी का मालिक बन जाता है। वही दूसरी तरफ पुरूषोत्तम अपने बेटे मोहन राव की शादी हेमलता से करने की योजना बनाते हैं, जो एक अमीर विधवा विशालाक्षी की बेटी है, लेकिन मोहन राव को उससे विवाह करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
मगर मोहन राव लोकप्रिय अभिनेत्री विश्वमोहिनी से प्रेम करता है। एक दिन उसका मित्र, पसुपति, जो एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता है, उसे एक फिल्म की शूटिंग के सेट पर ले जाता है जहाँ उसकी मुलाकात विश्वमोहिनी से होती है। विश्वमोहिनी पद्मनाभम की बेटी है। पद्मनाभम, इस तथ्य से अनजान हैं कि मोहन राव उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी पुरूषोत्तम के पुत्र हैं।
जैसे-जैसे कथानक आगे बड़ती है, रहस्य उजागर होते हैं, गठबंधन बदलते हैं, और अदृश्य मोहन राव को अपने आपराधिक कृत्यों और पसुपति के गुप्त उद्देश्यों का पता चलता है। फिल्म पहचान, नैतिकता और अदृश्यता के परिणामों के विषयों को दर्शाती है।
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फिल्म जगत के बारे में पहली भारतीय फिल्म
“विश्व मोहिनी” को फिल्म जगत में कदम रखने वाली पहली भारतीय फिल्म होने का गौरव प्राप्त है। यह हमें सिनेमा के ग्लैमरस पहलू के पीछे ले जाता है और अभिनेताओं, फिल्म निर्माताओं के सामने आने वाली चुनौतियों का पता लगाता है। फिल्म उद्योग अपने आप में एक चरित्र बन जाता है – सपनों, भ्रमों और कठोर वास्तविकताओं का स्थान।
फिल्म में वी. नागय्या ने बेहद उम्दा प्रदर्शन किया है और उन्होंने अपने अभिनय से फ़िल्मी दुनिया की ऐसे पहलुओं को दर्शाया है जो उस समय तक किसी को भी नहीं पता था। उनकी प्रेमिका के गोहर मामाजीवाला ने भी सहज प्रदर्शन किया है।
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