शी हुई: चीनी सिनेमा की वो दुखद सितारा जो आज भी चमकती है

Movie Nurture:शी हुई: चीनी सिनेमा की वो दुखद सितारा जो आज भी चमकती है

नमस्कार दोस्तों! कल रात मैं एक पुरानी, ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म देख रहा था – ‘द गॉडडेस’। स्क्रीन पर एक युवती अपने बच्चे के लिए संघर्ष कर रही थी। उसकी आँखों में दर्द था, लेकिन संघर्ष की एक अदम्य ज्वाला भी। वो अभिनेत्री थीं शी हुई। फिल्म खत्म होने के बाद भी उनका चेहरा मेरी आँखों में तैरता रहा। क्या आप जानते हैं कि जिस शख्सियत ने यह कमाल किया, उसकी अपनी जिंदगी एक बड़ी त्रासदी बनकर रह गई?

आज हम बात करने वाले हैं चीनी सिनेमा की उस अनकही कहानी के बारे में, जिसका नाम है शी हुई। वो सितारा जो सिर्फ 42 साल की उम्र में ही डूब गया, लेकिन अपने पीछे छोड़ गया एक ऐसा निशान जो आज तक मिटा नहीं है।

Movie Nurture:शी हुई: चीनी सिनेमा की वो दुखद सितारा जो आज भी चमकती है

एक साधारण लड़की जिसने बदल दिया सिनेमा का इतिहास

1915 की बात है। चीन के जियांग्सू प्रांत के चांगशू में एक मध्यमवर्गीय परिवार में शी युताओ 石毓涛 का जन्म हुआ। कोई नहीं जानता था कि यही लड़की आगे चलकर शी हुई बनेगी और चीनी सिनेमा पर अपनी अनमिट छाप छोड़ेगी।

उस जमाने में लड़कियों के लिए नौकरी के विकल्प बहुत सीमित थे। लेकिन शी हुई ने कला को अपना सहारा बनाया। उनकी कला के प्रति ललक ने उन्हें शंघाई खींच लिया, जो उस समय एशिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र हुआ करता था।

शंघाई की गलियों में एक युवा लड़की का सपना… सिनेमा में अपनी जगह बनाने का सपना। और उन्होंने बना भी ली। मिंगशिंग फिल्म कंपनी में उन्हें अपना पहला मौका मिला। वो सिर्फ एक सुंदर चेहरा नहीं थीं – उनमें वो आग थी जो उन्हें एक असाधारण कलाकार बनाती थी।

वो भूमिकाएँ जिन्होंने बदल दिया सिनेमा की दुनिया

1930 और 1940 का दशक शी हुई के करियर का स्वर्णिम काल था। उन्होंने ऐसी फिल्में कीं जो आज भी चीनी सिनेमा की नींव मानी जाती हैं।

‘द गॉडडेस’ (1934) में उन्होंने एक वेश्या की भूमिका निभाई जो अपने बच्चे को बेहतर जीवन देने के लिए संघर्ष करती है। क्या आप सोच सकते हैं? 1934 में, जब समाज इतना रूढ़िवादी था, एक अभिनेत्री ने इतने साहसिक किरदार को न सिर्फ स्वीकार किया बल्कि उसे अमर बना दिया।

उनकी आँखें बोलती थीं। बिना एक शब्द बोले वो पूरी कहानी कह देती थीं। यही कारण है कि आज भी फिल्म स्कूलों में उनके अभिनय का अध्ययन कराया जाता है।

‘नई नारी’ (1935) में उन्होंने एक आधुनिक, शिक्षित महिला की भूमिका निभाई जो पुरुष-प्रधान समाज में अपनी पहचान बनाने की कोशिश करती है। यह फिल्म आज के संदर्भ में भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी उस समय थी।

पर्दे के पीछे का दर्द

स्क्रीन पर शी हुई का जीवन चमकदार दिखता था, लेकिन असल जिंदगी में वो उतनी ही संघर्षपूर्ण थीं। उनके निजी जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए।

पहली शादी निर्देशक झांग शिचुआन से हुई, लेकिन यह रिश्ता टिक नहीं पाया। बाद में उन्होंने अभिनेता तांग हुआओशेंग से शादी की। लेकिन तब तक मीडिया और समाज की नजरें उनपर इतनी गड़ चुकी थीं कि उनकी निजी जिंदगी सार्वजनिक चर्चा का विषय बन गई।

Movie Nurture:शी हुई: चीनी सिनेमा की वो दुखद सितारा जो आज भी चमकती है

इतिहास के तूफान में फँसी एक कलाकार

शी हुई का पूरा जीवन चीन के सबसे उथल-पुथल भरे दौर से गुजरा। चीन-जापान युद्ध (1937-1945) और फिर चीनी गृहयुद्ध… इन सबने उनके जीवन और करियर को गहराई से प्रभावित किया।

1949 में जब चीन में कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में आई, तो पूरे सांस्कृतिक ढाँचे में बदलाव आया। फिल्में अब सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं रह गई थीं, बल्कि विचारधारा के प्रचार का माध्यम बन गई थीं।

पुरानी फिल्मों और उनमें काम करने वाले कलाकारों पर संदेह की नजर से देखा जाने लगा। शी हुई जैसी संवेदनशील कलाकार के लिए यह दौर बेहद मुश्किल भरा रहा होगा।

एक रहस्यमयी अंत जो आज भी पहेली बना हुआ है

1957 की एक सुबह… महज 42 साल की उम्र में शी हुई इस दुनिया को छोड़कर चली गईं। आधिकारिक तौर पर कहा गया कि यह आत्महत्या थी। लेकिन क्या सच में ऐसा था?

कई इतिहासकारों का मानना है कि उस समय के राजनीतिक दबाव, लगातार हो रही आलोचना और सार्वजनिक जीवन की माँगों ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया था। उन पर “अपर्याप्त क्रांतिकारी भावना” होने का आरोप लगाया जा रहा था।

एक प्रतिभाशाली कलाकार का इस तरह का अंत… सच में, यह चीनी सिनेमा के इतिहास का सबसे दुखद अध्यायों में से एक है।

मृत्यु के बाद जीवित हो उठी विरासत

शी हुई की मृत्यु के बाद के वर्षों में एक अद्भुत बात हुई। 1980 और 1990 के दशक में जब चीन ने फिर से अपने सांस्कृतिक इतिहास को खंगालना शुरू किया, तो शी हुई की प्रतिभा फिर से उभरकर सामने आई।

आज उन्हें चीनी सिनेमा की अमर विरासत का हिस्सा माना जाता है। ‘द गॉडडेस’ जैसी फिल्में न सिर्फ चीन बल्कि पूरी दुनिया में सिनेमा के छात्र पढ़ते हैं।

उनकी सबसे बड़ी विरासत शायद यह है कि उन्होंने उस जमाने में महिलाओं के संघर्षों और आकांक्षाओं को स्क्रीन पर जीवंत किया। वो आधुनिक चीनी महिला की प्रारंभिक प्रतीक बन गईं।

Movie Nurture:शी हुई: चीनी सिनेमा की वो दुखद सितारा जो आज भी चमकती है

एक सबक जो आज भी मायने रखता है

शी हुई की कहानी हमें एक बहुत बड़ा सबक देती है – कला और कलाकार अक्सर अपने समय से आगे की सोच रखते हैं, और कभी-कभी यही बात उनके लिए अभिशाप बन जाती है।

आज जब हम शी हुई के बारे में पढ़ते हैं, तो हमें सिर्फ एक अभिनेत्री की कहानी नहीं मिलती। हमें एक पूरे देश के सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल की झलक मिलती है। हमें एक ऐसी कलाकार की कहानी मिलती है जिसने अपनी कला के जरिए समय से आगे की सोच को दर्शाया।

क्या आपने कभी सोचा है कि आज के दौर में शी हुई जैसी प्रतिभाएँ किस दौर से गुजर रही होंगी? सोशल मीडिया और 24×7 मीडिया के इस दौर में कलाकारों पर कितना दबाव होता होगा?

शी हुई की कहानी सिर्फ अतीत की बात नहीं है। यह आज भी उतनी ही प्रासंगिक है। यह हमें याद दिलाती है कि कला हमेशा जिंदा रहती है, चाहे कलाकार इस दुनिया में हो या न हो।

तो अगली बार जब आप कोई पुरानी फिल्म देखें, तो उसमें सिर्फ मनोरंजन न देखें। उसके पीछे की कहानी को समझने की कोशिश करें। हो सकता है, आपको भी कोई शी हुई मिल जाए – कोई ऐसी प्रतिभा जिसकी आवाज समय की धूल में दफन होकर रह गई।

शी हुई सचमुच एक ऐसा सितारा थीं जो बहुत जल्दी डूब गया, लेकिन उसकी रोशनी आज भी हम तक पहुँच रही है। क्या आप उस रोशनी को महसूस कर पा रहे हैं?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *