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Home Bollywood

सदाबहार: देव आनंद का जीवन और विरासत

Sonaley Jain by Sonaley Jain
February 27, 2023
in Bollywood, Hindi, National Star, Popular, Super Star, Top Stories
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Movie Nurture: Dev Anand
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देव आनंद भारतीय फिल्म उद्योग के सबसे प्रतिष्ठित और प्रिय अभिनेताओं में से एक थे। 1923 में पंजाब में जन्मे, देव आनंद 1940 के दशक में अभिनय में अपना करियर बनाने के लिए बॉम्बे आये थे। छह दशकों के फ़िल्मी सफर में एक अभिनेता, लेखक, निर्देशक और निर्माताके रूप में उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और कई फिल्मों का लिखाण और निर्माण किया।

राज कपूर और दिलीप कुमार के साथ वह ट्रिनिटी – द गोल्डन ट्रायो का हिस्सा भी रहे। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए सरकार द्वारा वह 2001 में पद्म भूषण और 2002 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित हुए। उन्हें दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला और 1993 में फिल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी मिला।

एक तेज संवाद और उसके साथ ही सिर हिलाना फिल्मों में देव आनंद का एक ट्रेडमार्क बन गया था। उनकी इसी शैली को कई अभिनेताओं ने कॉपी भी किया मगर सफलता नहीं मिली। देव आनंद अक्सर अपनी फिल्मों में सामाजिक दृष्टिकोण को दिखाना पसंद करते थे और ऐसे कई विषय उनकी फिल्म में हमेशा देखने को मिले।

Movie Nurture: Dev anand
Image Source: Google

Early Life & Career

देव आनंद का जन्म 23 सितम्बर 1923 को पंजाब के गुरदासपुर के एक छोटे से जिले की शकरगढ़ तहसील में हुआ था। देव का बचपन का नाम धरमदेव पिशोरीमल आनंद था। देव के पिता पिशोरी लाल आनंद पेशे से वकील थे और गुरदासपुर जिला न्यायालय में वकालत करते थे। देवा ने अपनी प्राम्भिक शिक्षा सेक्रेड हार्ट स्कूल, डलहौजी से की और बाद में देव ने गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। ग्रेजुएशन के बाद वे बॉम्बे आ गए और वहां पर मिलिट्री सेंसर ऑफिस में काम करने लगे। यहीं उनकी मुलाकात अभिनेता अशोक कुमार से हुई, जिन्होंने उन्हें अभिनय में हाथ आजमाने के लिए प्रोत्साहित किया।

देव आनंद की पहली फिल्म “हम एक हैं” (1946) थी, जिसे उन्होंने निर्मित और अभिनीत किया था। यह फिल्म व्यावसायिक रूप से सफल नहीं थी, लेकिन इस फिल्म से देव ने फ़िल्मी उद्योग में अपने करियर की शुरुआत की। अगले कुछ वर्षों में, देव आनंद “जिद्दी” (1948) सहित कई फिल्मों में दिखाई दिए, जो एक बड़ी हिट बन गई और उन्होंने खुद को एक प्रमुख अभिनेता के रूप में स्थापित कर दिया।

Movie Nurture: Dev Anand
Image Source: Google

Rise To Fame

देव आनंद की सफलता फिल्म “बाज़ी” (1951) के साथ आई, जिसे गुरु दत्त ने निर्देशित किया था। फिल्म एक व्यावसायिक सफल रही और गुरुदत्त के साथ देव आनंद की दोस्ती की शुरुवात हुयी। दोनों ने “जाल” (1952), “बाज़” (1953) और “सीआईडी” (1956) सहित कई फिल्मों में साथ काम किया।

1950 और 1960 के दशक के दौरान, देव आनंद ने पहली रंगीन फिल्म “गाइड” (1965) की और इस फिल्म में उनका अभिनय उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक माना जाता है। उन्होंने अपनी स्वयं की प्रोडक्शन कंपनी, नवकेतन फिल्म्स की भी स्थापना की, जिसने वर्षों तक कई सफल फिल्मों का निर्माण किया।

70 और 80 के दशक के दौरान, उन्होंने जॉनी मेरा नाम (1970) जैसी कई बॉक्स ऑफिस हिट फिल्मों में काम किया। हरे रामा हरे कृष्णा (1971), बनारसी बाबू (1973), हीरा पन्ना (1973), वारंट (1975 देस परदेस (1978), लूटमार (1980) और स्वामी दादा (1982), हम नौजवान (1985) और लश्कर (1989)।

Movie Nurture: Dev Anand
Image Source: Google

अपने अभिनय करियर के अलावा, देव आनंद अपनी अनूठी शैली और फैशन के लिए भी जाने जाते थे। उन्हें अक्सर ट्रेडमार्क स्कार्फ और फेडोरा टोपी पहने देखा जाता था, जो उनका सिग्नेचर लुक बन गया।

देव आनंद भारतीय फिल्म उद्योग के एक ऐसे दिग्गज थे, जिनका प्रभाव आज भी महसूस किया जा सकता है। प्रतिष्ठित प्रदर्शन और शैली की अनूठी भावना से चिह्नित उनके लंबे और शानदार करियर ने भारतीय सिनेमा के लेजेंड में अपनी एक अलग जगह बनाई है।

अपने काम के माध्यम से, देव आनंद ने फिल्म निर्माताओं और अभिनेताओं की पीढ़ियों को प्रेरित किया और उनकी विरासत आने वाले कई वर्षों तक जीवित रहेगी। उन्हें हमेशा भारतीय सिनेमा के एक सदाबहार आइकन के रूप में याद किया जाएगा, जिनके योगदान को फिल्म की दुनिया में कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।

 

Tags: BollywoodBollywood actorClassic BollywoodDev anand
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