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जेसल तोरल (1971): ए सिनेमैटिक टेल ऑफ़ लव, रिडेम्पशन, एंड स्पिरिचुअल अवेकनिंग

Sonaley Jain by Sonaley Jain
April 19, 2023
in Films, Gujarati, Hindi, Movie Review, old Films, Top Stories
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Movie Nurture:jesal toral
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जेसल तोरल જેસલ તોરલ  1971 में बनी एक गुजराती फिल्म है, जिसका निर्देशन रवींद्र दवे ने किया है। यह फिल्म गुजरात के दो लोक नायकों जेसल और तोरल की पौराणिक प्रेम कहानी पर आधारित है, जिन्हें उनकी भक्ति और निस्वार्थता के लिए आज भी याद किया जाता है। फिल्म जेसल, एक कुख्यात डाकू, और तोरल, एक धर्मपरायण और सदाचारी महिला की कहानी है, और कैसे उसका प्यार जेसल को एक बेहतर इंसान में बदल देता है।

137 मिनट्स की यह फिल्म लोक कथाओं पर आधारित थी तो गुजरात सरकार ने इसको कर मुक्त किया था। 25 हफ़्तों तक चलकर यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट रही। इसके बाद इस गुजराती फिल्म ने सरकार से विवेश अवसरों में 17 पुरुस्कार जीते।

Movie Nurture:jesal toral
Image source: Google

स्टोरी लाइन

फिल्म की कहानी शुरू होती है एक डाकू जेसल से, जिसने अपनी क्रूरता से सभी लोगों को डराया हुआ था। उसके डर से गांव के लोग घरों से निकलने में डरा करते हैं , यह सब जानकर जेसल की भाभी एक दिन उसको चुनौती देती है कि वह काठिवाड़ जाकर तोरल को लेकर आये। जेसल यह बात मानकर काठिवाड़ जाता है।

जेसल तोरल की भगवान की भक्ति और उसके सद्गुणों से मोहित होकर उसके साथ ज़्यादा समय बिताता है। धीरे – धीरे दोनों अच्छे मित्र बन जाते हैं और जेसल के आग्रह पर तोरल उसके साथ उसके गांव चल देती है।

Movie Nurture: jesal toral
Image Source: Google

रास्ते में जब दोनों नाव से जा रहे होते हैं तो अचानक से तूफ़ान आ जाता है, जेसल यह देखकर डर जाता है और बचने का रास्ता खोजता है, उतने में ही उसकी नज़र नाव में शांत बैठी तोरल पर पड़ती है, उसकी भगवन भक्ति पर विश्वास देखकर अचंभित जेसल को अपने सारे पाप याद आ जाते हैं , और उसके बाद वह भी तोरल की तरह भगवान भक्ति में लग जाता है। कुछ समय बाद दोनों विवाह कर लेते हैं और भगवन में लीन हो जाते हैं।

फिल्म में उपेंद्र त्रिवेदी जेसल के रूप में और अनुपमा तोरल के रूप में हैं। दोनों कलाकार यादगार परफॉर्मेंस देते हैं और बड़ी कुशलता और सूक्ष्मता के साथ अपने किरदारों को जीवंत करते हैं। दोनों अभिनेताओं के बीच की केमिस्ट्री देखने लायक है, इसके आलावा फिल्म में रमेश मेहरा, अरविन्द, जयंत भट्ट, मुकुंद और लक्ष्मी ने भी अपनी प्रतिभाशाली अदाकारी प्रस्तुत की है।

जेसल तोरल केवल एक प्रेम कहानी नहीं है; यह आध्यात्मिकता, मोचन और जीवन को बदलने के लिए प्रेम की शक्ति के बारे में भी एक फिल्म है। यह फिल्म लोक कथाओं की स्थायी अपील और गुजरात की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है।

Movie Nurture: jesal toral
Image Source: Google

अविनाश व्यास द्वारा रचित फिल्म का संगीत फिल्म का एक और आकर्षण है। गाने आज भी लोकप्रिय हैं, और उनमें से कई अपने आप में टाइमलेस क्लासिक्स बन गए हैं। फिल्म का सबसे प्रसिद्ध गीत “जेसल करिले विचार” है।

जेसल तोरल एक सुंदर और प्रेरक फिल्म है जिसे दुनिया भर के दर्शकों द्वारा देखा और सराहा गया है। फिल्म के प्रेम, आध्यात्मिकता और मोचन के विषय सार्वभौमिक हैं, और इसका संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि 50 साल पहले जब फिल्म पहली बार रिलीज हुई थी। यह भारतीय सिनेमा, लोक कथाओं, और गुजरात की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए जरूरी है।

Tags: Gujarati MovieIndian cinemaMovie Reviewलोक कथाएं
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