एक क्लासिक हॉलीवुड फिल्म “द शॉप अराउंड द कॉर्नर” एक प्यारी रोमांटिक कॉमेडी फिल्म के रूप में समय की कसौटी पर खरी उतरी है। अर्नस्ट लुबित्श द्वारा निर्देशित और 1940 में रिलीज़ हुई यह फिल्म दो सहकर्मियों की कहानी है जो गुमनाम पत्रों के माध्यम से अनजाने में एक-दूसरे के प्यार कर बैठते हैं।
99 मिनट्स की इस ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म अमेरिका में 12 जनवरी 1940 को रिलीज़ हुयी थी। और यह फिल्म 1937 में मिक्लोस लेज़्लो द्वारा लिखित हंगेरियन नाटक परफ्यूमेरी पर आधारित है। इस सुपरहिट फिल्म का नाम टाइम्स की ऑल टाइम 100 फिल्मों में आता है।
Story Line
यह फिल्म बुडापेस्ट में चमड़े के सामान की एक छोटी दुकान के दो कर्मचारियों, अल्फ्रेड क्रालिक और क्लारा नोवाक के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है। उनके लगातार कलह और असहमति के बावजूद, वे दोनों गुप्त रूप से गुमनाम मित्रों को पत्र लिख रहे हैं जिनसे वे कभी नहीं मिले हैं।
जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, कई दिलचस्प मोड़ आते हैं, जैसे शॉप के मालिक ह्यूगो माटुशेक को लगता है कि उसकी पत्नी का अफेयर क्रालिक के साथ है और वह उसको जॉब से निकाल देता है, वहीँ दूसरी तरफ जब क्रालिक अपने अनदेखे प्रेम से मिलने जाता है तो कॉफी शॉप में उसको पता चल जाता है कि जिससे वह प्रेम करता है वह नोवाक है। नोवाक उसकी सोच और कल्पना से बेहद अलग है और वह अनजान बनकर उसको बोलता है कि वह यहाँ पर अपने दोस्त से मिलने आया है।
माटुशेक एक प्राइवेट डिटेक्टिव हायर करता है और वह बताता है कि उसकी पत्नी का अफेयर उसी के एक कर्मचारी-फेरेंज़ वाडास से चल रहा है। माटुशेक आत्महत्या करने की कोशिश करता है मगर वह पेपी द्वारा बचा लिया जाता है। क्रालिक माटुशेक से मिलने हॉस्पिटल जाता है, जहाँ वह क्रालिक को अपनी कंपनी का मैनेजर बनाकर नौकरी फिर से देता है।
क्रिसमिस पर कंपनी की बहुत अच्छी सेल होती है और उसी दिन क्रालिक नोवाक को उस गुमनाम प्रेमी के बारे में सब कुछ बता देता है और अंत में दोनों साथ हो जाते हैं।
Character Building
“द शॉप अराउंड द कॉर्नर” फिल्म की ताकत में से एक इसके सुविकसित पात्र हैं। कलाकारों के प्रत्येक सदस्य को केवल कैरिकेचर के बजाय उन्हें वास्तविक लोगों की तरह महसूस कराने के लिए पर्याप्त गहराई और सूक्ष्मता दी गयी है।
जेम्स स्टीवर्ट अल्फ्रेड क्रालिक के रूप में चमकते हैं, एक ऐसा व्यक्ति जो चुपचाप अपने काम के प्रति भावुक है और अपने कस्टमर के प्रति वफादार है, तब भी जब चीजें कठिन हो जाती हैं। मार्गरेट सुलवन क्लारा नोवाक के समान ही प्रभावशाली हैं, एक हठी और स्वतंत्र महिला जो अपनी शर्तों पर जीवन में सफल होने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
Cinematography and Direction
जब कॉमेडी की बात आती है तो निर्देशक अर्न्स्ट लुबित्श अपने कुशल अनुभव के लिए जाने जाते थे , और “द शॉप अराउंड द कॉर्नर” एक ऐसी ही उनकी फिल्म है। यह फिल्म कॉमेडी , चतुर दृश्य परिहास, और वास्तविक दिल के दर्द के पलों से भरी हुई है जो सभी दर्शकों को अपनी और आकर्षित करती है।
सिनेमैटोग्राफी, विलियम एच। डेनियल द्वारा की गयी है , और इसमें मूड और वातावरण बनाने के लिए प्रकाश और छाया का उपयोग भी उल्लेखनीय है। दुकान में सेट किए गए दृश्य, उनके गर्म, चमकदार और हलचल वाली ऊर्जा विशेष रूप से प्रभावशाली हैं।
“द शॉप अराउंड द कॉर्नर” एक रमणीय और आकर्षक फिल्म है। प्यार, संबंध और रोजमर्रा की जिंदगी की खुशियों की इसकी टाइमलेस थीम आज भी दर्शकों के दिलों में गूंजती रहती है, इसके रिलीज के लगभग 80 साल बाद भी। यदि आप दिल से एक अच्छी-अच्छी फिल्म की तलाश कर रहे हैं, तो हॉलीवुड के स्वर्ण युग के इस रत्न से आगे नहीं देखें।
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