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Home Bollywood

Jagte Raho – जिंदगी ख्वाब है, ख्वाब में झूठ क्या और भला सच है क्या

Sonaley Jain by Sonaley Jain
December 6, 2020
in Bollywood, Hindi, Movie Review, old Films
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Movienurture :- Raj kapoor
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जागते रहो हिंदी कॉमेडी फिल्म भारतीय सिनेमा में 1 जनवरी 1956 में रिलीज़ हुयी थी और इसका निर्देशन शम्भु मित्रा और अमित मित्रा ने किया था। यह फिल्म उस ज़माने की एक सुपर हिट और सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म बनी थी। 
इस फिल्म में निर्देशक ने एक गरीब किसान के शहर आने और उसने एक ही रात में जीवन के बहुत से नए रंग देख लिए , जहाँ उसको एक बून्द पानी पीने के लिए भी पूरी रात संघर्ष करना पड़ता है और हर मोड़ पर कुछ मज़ेदार किस्से जुड़े हुए हैं। 
Movienurture :- Raj kapoor

Story – कहानी शुरू होती है शहर की एक सुनसान सड़क के साथ जहां पर दरवान जागते रहो की आवाज़ लगाता है , शहर में नया नया आया हुआ एक गरीब किसान प्रशांत, सड़कों पर भटकते हुए जब उसको पानी की प्यास लगती है तो वह सड़क किनारे पानी पीने के लिए रुक जाता है मगर सड़क पर घूमते हुए दरवान को लगता है कि वह एक चोर है और उसको वहां से भगा देता है। 

थोड़ी दूर जाकर प्रशांत एक जगह बैठ जाता है और कुछ खाने को जैसे ही निकालता है तो वहां पर एक कुत्ता आ जाता है और अपने हिस्से के खाने में से कुछ भाग  उसे भी दे देता है, खाने के बाद प्रशांत को पानी की प्यास लगती है और उसे एक जगह नल दिखता है, जैसे ही प्रशांत नल को खोलता है पानी पीने के लिए, वैसे ही उसे कोई देख लेता है और चोर चोर चिल्लाने लगता है। 
यह देखकर प्रशांत भागकर एक बिल्डिंग में चला जाता है और उस बिल्डिंग के सभी लोग चोर की आवाज़ सुनकर अपने अपने घर से निकलकर बाहर आ जाते हैं चोर को पकड़ने के लिए। डंडों के साथ सभी लोग पूरी बिल्डिंग में चोर को ढूंढते हैं और प्रशांत एक डरपोक प्रदीप के घर में जाकर छुप जाता है, प्रदीप उसको देखकर डर जाता है।
Movienurture :- Raj Kapoor
प्रशांत उसको अपनी असलियत बताता है और जब तक सभी लोग घबराकर वहां आ जाते हैं और प्रदीप और प्रशांत दोनों पलग के नीचे छुप जाते हैं क्योकि वह घर प्रदीप की प्रेमिका सती का घर होता है। घर में सभी लोग घुस जाते हैं और सती के पिता बताते हैं कि यहाँ तो कोई नहीं है और जब सब बाहर निका रहे होते हैं तो प्रशांत और प्रदीप भी उस भीड़ के साथ बाहर निकल जाते हैं।   
जैसे ही प्रशांत उस बिल्डिंग से बाहर निकलने की कोशिश करता है वैसे ही पुलिस आ जाती है तो वह भागकर बिल्डिंग में वापस चला जाता है। और कहीं आश्रय ना मिलते हुए वह इधर उधर भटकता रहता है एक बार तो उसके कुछ लोग देख लेते हैं फिर तो उसको पकड़ने के लिए बिल्डिंग के सभी लोग भागते रहते हैं तो प्रशांत एक घर में जाकर छुप जाता है।
जहाँ उसको पता चलता है कि उस घर में रहने वाले गलत कामों में सम्मिलित हैं और प्रशांत की वजह से वह पुलिस के हाथों पकड़े जाते हैं, मगर प्रशांत को पानी पीने की एक बून्द भी नहीं मिली थी।  प्रशांत उस बिल्डिंग से बाहर निकल जाता है और एक मंदिर में जाकर रुकता है जहाँ एक महिला प्रशांत को पीने के लिए पानी देती है और इसी के साथ फिल्म का अंत हो जाता है। 
Movienurture :- Raj kapoor

Songs & Cast –  इस फिल्म में में संगीत सलिल चौधरी ने दिया था और इन गीतों को लिखा शैलेन्द्र और प्रेम धवन ने  – “जिंदगी ख्वाब है, ख्वाब में झूठ क्या और भला सच है क्या”, “मै कोई झूठ बोलिया “, ” जागो मोहन प्यारे”, “ठन्डे ठन्डे सावन की फुहार”, “मैने जो ली अंगड़ाई” और इन गानों को गया है मोहम्मद रफ़ी , लता मंगेशकर, आशा भोंसले, हरिधन, संध्या मुखर्जी और मुकेश ने।

इस इल्म में राज कपूर ने एक गरीब किसान प्रशांत का किरदार निभाया है और उनका साथ दिया है प्रदीप कुमार, सुमित्रा देवी, सुलोचना चटर्जी, स्मृति बिस्वास, मोतीलाल और इस फिल्म में नागिस ने भी एक बहुत ही छोटा सा किरदार निभाया था जो फिल्म के अंत में प्रशांत को पानी पिलाती है। 
इस फिल्म की अवधि 2 घंटे और 27 मिनट्स की है और इस फिल्म का निर्माण आर के फिल्म्स ने किया था।  
Location –  इस फिल्म की शूटिंग कलकत्ता शहर में की गयी थी। 
Tags: Best Bollywood FilmClassic Movieold best FilmRaj Kapoor
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