कभी – कभी हास्य फिल्मे कुछ ऐसे संजीदा कलाकारों को लेकर बनती है, जिनके बारे में हम कभी सोच भी नहीं सकते हैं कि यह कलाकार कभी भी हास्य फिल्म कर सकते हैं। पड़ोसन फिल्म ने यह बताया कि किस तरह से सुनील दत्त सबको हँसा भी सकते हैं।
पड़ोसन फिल्म 1968 में सिनेमा में रिलीज़ हुयी थी, यह रीमेक थी एक बंगाली फिल्म की। इस फिल्म को निर्देशित ज्योति स्वरुप ने किया था।
“कभी हसाते हैं तो कभी रुलाते हैं, तो कभी मज़बूर कर जाते हैं सोचने के लिए,
इतना सा फलसफ़ा होता है कलाकारों का, कि जिंदगी क्या है ये सीखा जाते हैं। “
Story – फिल्म शुरू होती है एक बहुत ही भोले इंसान भोला से जो अपनी पड़ोसन बिंदु से बहुत प्यार करता है मगर उसके पास बिंदु की तरह न तो बहुत पैसा है और ना ही दिखने में बहुत अच्छा लगता है। मगर बिंदु उसको बिलकुल भी पसंद नहीं करती है। भोला का मित्र विद्यापति ( गुरु) जो एक सिंगर भी है वह भोला को हर दिन नये – नये आइडियाज देता रहता है बिंदु के दिल में अपने लिए प्रेम की ज्योति जलाने के लिए।
बिंदु को संगीत से बहुत प्रेम होता है तो उसके माता पिता एक साउथ इंडियन म्यूजिक टीचर (मास्टरजी ) को बुलाते हैं संगीत सिखाने के लिए। और उधर भोला विद्यापति की मदद से यह प्रिटेंड करता है कि वह भी संगीत में माहिर है।
जहां – जहां बिंदु मास्टरजी के साथ जाती है वहां – वहां भोला भी अपने मित्रों के साथ पहुंचकर अपने गाने से बिंदु के दिल में अपने लिए खास जगह बनाने की कोशिश करता है और मास्टरजी को परेशान भी करता है। धीरे -धीरे बिंदु को भी भोला से प्यार हो जाता है। फिर एक दिन बिंदु के जन्म दिन पर भोला गुरु की सहायता से एक गाना गाता है और भोला का ये झूठ बिंदु की सहेलियों द्वारा पकड़ा जाता है।
यह धोखा देखकर बिंदु दुखी हो जाती है और कुंवर प्रताप सिंह से शादी करने के लिए हाँ कर देती है, जिससे उसने पहले मना किया था। यह बात जानकर भोला परेशान हो जाता है फिर गुरु अपने दोस्तों के साथ प्रताप सिंह के घर मिलने जाते हैं , गुरु पूरी बात बताकर प्रताप से शादी तोड़ने की गुज़ारिश करता है जिसे वह मान लेता है।
जब बिंदु को यह पता चलता है कि कुंवर प्रताप ने शादी करने से मना कर दिया है तो वह अपने माता पिता से मास्टरजी के साथ शादी करने को कहती है, मास्टरजी भी तैयार हो जाते हैं। इसके बाद गुरु एक नया नाटक रचता है भोला के आत्महत्या करने का, वह यह बात हर तरफ फैला देता है।
बिंदु को जब यह पता चलता है तो वह शादी छोड़कर भोला के पास आती है और उससे अपने प्यार का इज़हार करती है , भोला भी होश में आने का नाटक करता है और पूरा परिवार दोनों की शादी के लिए राज़ी हो जाता है।
फिल्म के अंत में दिखाया गया है कि भोला और बिंदु की शादी में मास्टरजी शहनाई बजा रहे हैं लगातार उनकी आँखों से आंसू बह रहे हैं।
Songs & Cast – फिल्म को बहुत ही खूबसूरत गानों से पिरोया गया है जिसमे आशा भोंसले , लता मंगेशकर , मन्ना डे और किशोर कुमार जैसे सुरीले गायकों ने इस फिल्म में जान ही डाल दी हो, जैसे – “Main Chali Main Chali” , “Ek Chatur Naar” आदि अन्य।
सुनील दत्त और सायरा बानो ने बहुत ही उम्दा कलाकारी दिखाई है फिल्म में और इन का साथ दिया है महमूद और किशोर कुमार ने।
Location – इस फिल्म को Mysore शहर और उसके आस पास के लोकेशन पर फिल्माया गया है, जैसे Brindavan Garden
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