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Home Bollywood

Madhubala – द वीनस क्वीन ऑफ इंडियन सिनेमा

by Sonaley Jain
November 5, 2020
in Bollywood, Hindi, Super Star, Top Stories
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Madhubala –  द वीनस क्वीन ऑफ इंडियन सिनेमा
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मधुबाला भारतीय सिनेमा में एक बेहतरीन कलाकार के रूप में जानी जाती है। उन्होंने अपनी अदाकारी से 1942 से 1964 तक के बीच में कई बड़ी और सुपर हिट फिल्मे दी। उनकी तुलना हॉलीवुड की अभिनेत्री मर्लिन मुनरो के साथ भी की जाती है।  अपनी सुंदरता, व्यक्तित्व और दुखद महिलाओं के संवेदनशील अभिनय के लिए जानी जाने वाली, माथुबला को “द ब्यूटी विद ट्रेजेडी” और “द वीनस क्वीन ऑफ इंडियन सिनेमा” के नाम से भी जाना जाता था।

मधुबाला ने अपने फ़िल्मी सफर की शुरुवात महज 9 वर्ष की उम्र में एक बाल कलाकार के रूप में बसंत फिल्म से की थी, जो 1942 में भारतीय सिनेमा में रिलीज़ हुयी और इस फिल्म में मधुबाला की अदाकारी से प्रभवित होकर सभी निर्देशकों ने उन्हें अपनी फिल्मों में काम देना शुरू कर दिया। 14 वर्ष की उम्र में उन्होंने अभिनेत्री के तौर पर राज कपूर के साथ नीलकमल फिल्म में काम किया। मधुबाला की अदाकारी इतनी प्रभावित थी कि महज 22 वर्ष की उम्र तक वह 73 हिंदी फिल्मो में काम कर चुकी थी।  

Early Life – मधुबाला का असली नाम मुमताज जहान बेगम देहलवी था और उनका जन्म 14 फरवरी 1933 में पेशावर के पश्तूनों की यूसुफ़ज़ई जनजाति के एक परिवार में हुआ था। उनके पिता अताउल्लाह खान और माँ आयशा बेगम थे और पिता एक टोबैको कंपनी में नौकरी करते थे। मुमताज़ अपने 11 भाई बहनों में से पांचवे नम्बर की बहन थी। उनके पिता की नौकरी चले जाने के बाद वह सभी पेशावर छोड़कर दिल्ली आ गए।  कुछ समय दिल्ली में रहने के बाद काम के सिलसिले में पूरा परिवार दिल्ली से बॉम्बे आ गया। 

इस दौरान मुमताज़ की तीन बहनें और दो भाई बहुत कम उम्र में ही उन सभी को छोड़कर इस दुनिया से रुकसत हो गए थे। पूरा परिवार बहुत गहरे सदमे से गुजर ही रहा था कि एक दिन जब सारा परिवार एक स्थानीय थिएटर में फिल्म देखने गए थे तब 1944 में हुए डॉक विस्फोट और आग ने उनका पूरा घर जला दिया। उसके बाद मुमताज़ अपने पिता के साथ बॉम्बे फिल्म स्टूडियो में लगातार जाकर संपर्क बनाने की कोशिश करते रहे और एक दिन वह संपर्क हुआ और मुमताज़ को अपनी पहली फिल्म बसंत  मिली। 

Professional Life –मधुबाला ने अपना फ़िल्मी सफर बसंत फिल्म से शुरू किया, इस फिल्म ने उन्हें बेबी मुमताज़ के नाम से नवाजा और यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट होने के साथ -साथ उस वर्ष की सबसे कमाने वाली फिल्म भी बनी। इस फिल्म के निर्देशक किदार शर्मा ने 1945 और 1946 में आयी अपनी सभी फिल्मो धन्ना भगत, पुजारी, फूलवारी और राजपूतानी में बेबी मुमताज़ को लिया और यह सभी फिल्मे अपने ज़माने की सुपर हिट रही। 

1947 में किदार शर्मा ने 14 वर्षीय मुमताज़ को अभिनेत्री के रूप में लॉंच किया वो भी राज कपूर के साथ नील कमल में। फिल्म के सुपरहिट होने के साथ -साथ मुमताज़ का अभिनय इतना प्रभावशाली था कि अभिनेत्री देविका रानी ने उनका नाम मधुबाला रख दिया जिसका अर्थ “शहद की बेल” से है और इसके बाद मुमताज़ एक सफल अभिनेत्री और एक प्रतिभाशाली इंसान मधुबाला के नाम से इस दुनिया में पहचान मिली। 

उसके बाद मधुबाला का सफर हर वर्ष एक नयी उचाईयों को छूता चला गया। बहुत कम उम्र में ही उन्होंने इस दुनिया से रुक्सत ले ली थी मगर जब तक रही वो एक नायब पहचान बनायीं उन्होंने इस दुनिया में। 

बॉलीवुड के साथ -साथ मधुबाला की लोकप्रियता हॉलीवुड में भी थी। 1950 में जब एक फोटोग्राफर जेम्स बर्क ने मधुबाला की कुछ तस्वीरें खींची और वह उसने अमेरिकी पत्रिका थिएटर आर्ट्स में दिखाई और वह  मधुबाला की खूबसूरती से इतने प्रभावित हुए कि अगस्त 1952 के अंक में,मधुबाला पर एक लेख लिखा वो भी पूरे पृष्ठ की तस्वीर के साथ, जिसमे शीर्षक था: “द बिगेस्ट स्टार इन द वर्ल्ड” उसके बाद मधुबाला के पास कई हॉलीवुड फिल्मो के ऑफर भी आये मगर उनके पिता ने सभी को अस्वीकार कर दिया उनका मानना था कि मधुबाला सिर्फ बॉलीवुड के लिए ही काम करेगी। 

Personal Life – मधुबाला का निजी जीवन बहुत ही अलग रहा है और उन्होंने अपने जीवन में प्रारम्भ से लेकर अंत तक कई दुखों का सामना किया है। युवा वस्था में मधुबाला का लतीफ नाम का एक दोस्त था जो उनके बेहद करीब था। जब वह मुंबई से जा रहा था तो उन्होंने एक लाल गुलाब का फूल लतीफ को दिया था अपने प्रेम का संकेत देने के लिए। 
मधुबाला एक जिंदादिल इंसान थी और उनके जीवन में कई ऐसे रिश्ते बने जिनको मंज़िल नहीं मिली, मगर फिर भी मधुबाला ने अपने जीवन को अपने तरीके से ही जिया।  मधुबाला का विवाह उस ज़माने के सुपर हिट एक्टर किशोर कुमार से 1960 में हुआ था और 1969 में उनकी महज 36 वर्ष की उम्र में उनकी मृत्यु भी हो गयी थी। 

मधुबाला की मात्र भाषा पश्तो थीं और वह उसकी भाषा का प्रयोग ज्यादा करती थी और उसके साथ – साथ वह उर्दू और हिंदी में कुशल थीं। वह अंग्रेजी का एक शब्द नहीं बोल सकती थी लेकिन उन्होंने शीघ्र ही यह भाषा भी सीख ली। मधुबाला ने मात्र बारह साल की उम्र में ड्राइविंग सीखी और उन्हें लॉन्ग ड्राइव का बेहद शौक था। 

Films –  “बसंत (1942)”, “मुमताज़ महल (1944)”, “धन्ना भगत (1945)”, “पुजारी (1946 )”, “फूलवाली (1946)”, “राजपूतानी (1946)”, “नील कमल (1947)”, “मेरे भगवन (1947)”, “दिल की रानी (1947)”, “खूबसूरत दुनिया (1947)”, “सात समुन्दर पार की मल्लिका (1947)”, “अमर प्रेम (1948)”, “देश सेवा (1948)”, “लाल दुपट्टा (1948)”, “अंगारी (1949)”, “महल (1949)”, “इम्तिहान (1949)”, “पारस (1949)”, ” दुलारी (1949)”, ” दौलत (1949)”, “परदेस (1950 )”, “निशाना (1950 )”, “निराला (1950)”, ” मधुबाला (1950)”, “बेक़सूर (1950)”, “तराना (1951)”, नाज़नीन (1951)”, “नादान (1951)”, “खज़ाना (1951)”, “बादल (1951)”, “संगदिल (1952)”, “रेल का डिब्बा (1953)”, ” अरमान (1953)”, “अमर (1954)”, “बहुत  दिन हुए (1954)”, “नक़ाब (1955)”, “नाता (1955)”, “मिस्टर एन्ड मिसेज़ 55 (1955)”, “शिरीन फराद (1956)”, “यहूदी की लड़की (1957)”, “एक साल (1957)”, “काला पानी (1958)”, “पुलिस (1958)”, “हावड़ा ब्रिज़ (1958)”,”चलती का नाम गाड़ी (1958)”, “कल हमारा है (1959)”, “ज्वाला (1971)”, “शराबी (1967)”, “हाफ टिकट (1962)”, “महलों के ख्वाब (1960)”, “जाली नोट (1960)”, “मुगले आज़म (1960)”, “बरसात की रात (1960)”, “पासपोर्ट (1961)”

Tags: Bollywood actressMadhubalaNational Star
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