रजनीकांत दक्षिण भारतीय सिनेमा के एक सुपर स्टार होने के साथ – साथ एक राज नेता भी है यह बात बहुत कम लोग जानते हैं। उनकी स्टाइल हर युग के युवा अपनाते हैं और बेहद पसंद भी करते हैं। 4 दशक से ज्यादा फिल्मों में अभिनय , राइटिंग और फिल्म निर्माण के अनुभव से उन्होंने दक्षिण भारतीय सिनेमा को पूरे विश्व में एक अलग स्थान दिया है।
रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव है और फ़िल्मी दुनिया में कदम रखने के बाद वह रजनीकांत के नाम से प्रसिद्ध हुए। शिवाजी का जन्म 12 दिसम्बर 1950 को एक मराठी परिवार में हुआ था। वह दो बड़े भाई और 1 बड़ी बहन के सबसे छोटे और लाडले भाई है।
Early Life – रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गकेवड़ है और उनका जन्म एक मराठी परिवार में 12 दिसम्बर 1950 को बेंगलोर में हुआ था। वह अपने चार भाई – बहनो में सबसे छोटे हैं। उनकी माँ एक ग्रहणी और पिता पुलिस कांस्टेबल थे। शिवाजी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बेंगलोर के कन्नड़ मॉडल प्राइमरी स्कूल से की थी। मात्र 9 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपने माँ को खो दिया था। शिवाजी बचपन से ही शरारती होने के साथ – साथ क्रिकेट , फुटबाल और बास्केटबॉल में बेहद रूचि रखते हैं। इसी के साथ उनके भाई ने उन्हें रामकृष्ण मठ में भी भर्ती किया अध्यात्म की शिक्षा के लिए।
1978 में लीड रोल में उनकी पहली फिल्म ” Shankar Salim Simon” आयी, और उसके बाद उनके करियर को एक ऐसा रास्ता मिला जिसने उन्हें उन उचाईयों से मिलवाया जहाँ उन्होंने दुनिया के सामने दक्षिण भारतीय सिनेमा को एक पहचान दी।
1983 तक रजनीकांत दक्षिण सिनेमा के एक प्रसिद्ध और बेहद लोकप्रिय हीरो बन चुके थे। उन्होंने तमिल , मलयालम , तेलुगु और कन्नड़ में कई सुपर हिट फिल्में दी। फिर 1983 में उन्होंने हिंदी बॉलीवुड सिनेमा में कदम रखा अपनी पहली हिंदी फिल्म “अँधा कानून” से।
1990 से 2001 तक रजनीकांत ने जितनी भी फिल्मे की वह सभी बॉक्स ऑफिस पर एक मील का पत्थर साबित हुयी, सभी फिल्मे सुपर हिट रही। “Panakkaran”, “Laawaris”, “Dharmadorai”, “Thalapathi”, “Hum”,”Valli”, “Veera”,”Muthu”, “Baashha”, “Padayappa”
इसके बाद उन्होंने अभिनय के साथ -साथ राइटिंग और फिल्म का निर्माण भी किया और इस क्षेत्र में ही उन्हें सफलता ही मिली। एक के बाद एक सुपर हिट फिल्मों का कारवां चलता ही रहा और आज भी वो जो भी फिल्म करते हैं वो ब्लॉक बस्टर ही रहती है।
रजनीकांत के अभिनय को हॉलीवुड में भी बहुत सराहना मिली है उन्होंने 1988 में आयी फिल्म “BloodStone” में भी काम किया है।
Awards & Recognition – रजनीकांत को बहुत से राष्ट्रीय और फ़िल्मी पुरुस्कारों से नवाज़ा गया है।
National Awards – रजनीकांत को पदम् भूषण राष्ट्रीय पुरुस्कार 2000 में मिला था और 2016 में उन्हें एक और राष्ट्रीय पुरुस्कार पदम् विभूषण मिला। यह दोनों पुरुस्कार उन्हें अपने दक्षिण भारतीय सिनेमा को एक नयी पहचान देने में सहयोग के लिए मिला।
Vijay Awards – “Linga” और “shivaji” के लिए यह अवॉर्ड उन्हें फेवरेट हीरो के लिए मिला। और “Enthiran” के लिए बेस्ट विलेन का।
Tamil Nadu State Films Awards – “Mullum Malarum” और “Moondru Mugam” के लिए उन्हें स्पेशल अवॉर्ड मिला और 4 फिल्मों “Shivaji”, “Chandramukhi”, “Muthu” और “Padayappa”के लिए बेस्ट एक्टर का।
Cinema Express Awards – 8 अलग – अलग फिल्मों के लिए रजनीकांत को यह अवार्ड1984 से 1995 तक मिला। “Nallavanukku Nallavan”, “Sri Raghavendrar”, “Thalapathi”,”Annaamalai”, “Muthu” “Bloodstone” , “Valli” और “Baashha”
FilmFans Association Awards – यह अवॉर्ड रजनीकांत को 8 बार मिला अपनी अलग – अलग फिल्मो के लिए। 7 बार बेस्ट एक्टर “Aarilirunthu Arubathu Varai”, “Enkeyo Ketta Kural”, “Nallavanukku Nallavan”, “Sri Raghavendrar”, “Thalapathi”,”Annaamalai”, “Muthu” और “Baashha” के लिए और एक बेस्ट स्टोरी राइटर के लिए “Valli ” फिल्म में।
Films – रजनीकांत ने अपने पुरे फ़िल्मी करियर में अब तक 160 फिल्मे की, जिनमे से कुछ को छोड़कर सभी सुपर हिट रही है। “Apoorva Raagangal (1975 )”, “Katha Sangama (1976)”, “Moondru Mudichu (1976)”, “Ondu Premada Kathe (1977)”, “Raghupathi Raghavan Rajaram (1977)”, “Naan Vazhavaippen (1979)”, “Hum (1991)”, “Mangudi Minor (1978)”, “Sadhurangam (1978)”, “Vayasu Pilichindi (1978)”, “Aval Appadithan (1978)”, Paavathin Sambalam (1978)”, Thappida Thala (1978)”, “Priya (1978)”, “Ninaithale Inikkum (1979)”, “Dharma Yuddham (1979)”, “Billa (1979)”, Ram Robert Rahim (1980)”, “Kaali (1980)”, ” Thee (1981)”, “Kazhugu (1981)”, ” Thillu Mullu (1981)”, “Ranga (1982)”, ” Pokkiri Raja (1982)”, ” Paayum Puli (1982)”, “Andha Kanoon (1983)”, ” Jeet Hamaari (1983)”, ” Thanga Magan (1983), ” Thambikku Entha Ooru (1984)”, “Meri Adaalat (1984)”, “Gangvaa (1984)”, “Naan Sigappu Manithan (1985)”, “Un Kannil Neer Vazhindal (1985)”, ” Bewafai (1985)”, ” Manithan (1987)”, ” Tamacha (1988)”, “ChaalBaaz (1989)”, “Dharma Durai (1991)”, ” Thalapathi (1991)”, ” Padayappa (1999)”, ” Chandramukhi (2005)”
Lights, camera, words! We take you on a journey through the golden age of cinema with insightful reviews and witty commentary.
1 thought on “Rajnikanth – दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुपर स्टार”