अब्राहम लिंकन एक अमेरिकन फिल्म , जो 1861 में हुए अमेरिका के गृह युद्ध पर आधारित है। इस फिल्म का निर्देशन डी.डब्ल्यू. ग्रिफ़िथ ने किया और यह फिल्म 25 अगस्त 1930 में सिनेमाघरों में रिलीज़ की गयी। यह फिल्म वाल्टर हस्टन और ऊना मर्केल दोनों मुख्य कलाकारों की दूसरी साउंड फिल्म थी।
इस फिल्म में अब्राहम लिंकन बने वाल्टर हस्टन की अदाकारी की सभी ने सराहना की। 94 मिनट्स की इस फिल्म में अब्राहम लिंकन के जीवन से जुड़े हुए ऐसे पहलुओं को बताया गया जो बहुत ही अद्भुद थे , जहाँ वह एक तरफ एक प्रेमी के रूप में अपना सब कुछ निछावर करने को तैयार थे , वहीँ दूसरी तरफ अपने देश में हो रहे गृहयुद्ध से बचाने के लिए तत्पर प्रयास।
Story Line
फिल्म की कहानी शुरू होती है 1809 से जब इंग्लैंड अमेरिका को नया इंग्लैंड बनाने की कोशिह में लगा हुआ था। उसी समय 12 फरवरी 1809 को एक साधारण से परिवार में अब्राहम लिंकन का जन्म होता है। बुदिमान और समझदार अब्राहम समय के साथ साथ युवा होते हैं। किताबों में दिलचस्पी होने की वजह से वह खुद ही अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं।
उसके बाद वह न्यू सलेम में एक स्टोर कीपर के रूप में अपनी पहली नौकरी करते है। वहीँ पर उनकी मुलाकात ऐन रटलेज से होती है, दोनों एक दूसरे से प्रेम करने लगते हैं। मगर कुछ ही समय में ऐन की मृत्यु हो जाती है। उसके कुछ सालों बाद अब्राहम की मुलाकात मेरी टॉड से होती है और जल्द ही दोनों विवाह कर लेते हैं।
फिल्म के दूसरे भाग में अब्राहम लिंकन को एक राष्टपति के रूप में दिखाया जाता है। जहाँ पर वह 1861 में हो रहे अपने देश के गृहयुद्ध से देश को बचाने का प्रयास करते हैं। यह युद्ध उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के बीच था , जहाँ एक पक्ष दास प्रथा का समर्थन कर रहा था तो वही दूसरी तरफ दास प्रथा को ख़तम करने की आवाज उठ रही थी।
4 सालों तक चले इस युद्ध को अब्राहम लिंकन ने दोनों पक्षों को साथ में बिठाकर इस प्रथा के होने वाले हर नुकसान को समझाया। इस गृहयुद्ध को ख़तम करने में अब्राहम लिंकन का बहुत बड़ा योगदान रहा। जहाँ कुछ लोग उनके विचारों का समर्थन कर , वही कुछ उनका विरोध भी कर रहे थे। कुछ लोग ऐसे भी थे जो उनसे इतने नाराज़ हो गए कि 15 अप्रैल 1865 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।
फिल्म के अंत को वाल्टर हस्टन ने इतनी खूबसूरती के साथ निभाया कि ऐसा लगा कि सच में एक महान युग का अंत हो गया।