बगदाद थिरुदान (अनुवादित द थीफ ऑफ बगदाद) 1960 की तमिल भाषा की एक धमाकेदार फिल्म है, जिसका निर्माण और निर्देशन टी. पी. सुंदरम ने किया है। फिल्म में एम.जी.रामचंद्रन और वैजयंती माला मुख्य भूमिका में हैं, जबकि एम.एन. नांबियार, टी.एस. बलैया, टी.आर.रामचंद्रन, एस.ए. अशोकन, एम.एन. राजम, ए. संध्या और एस.एन. लक्ष्मी सहायक भूमिकाओं में हैं। यह 1924 की अमेरिकी फिल्म द थीफ ऑफ बगदाद की रीमेक है और 1951 की फिल्म द प्रिंस हू वाज़ ए थीफ से प्रेरित थी।
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फिल्म बगदाद के मारे गए राजा और रानी के बेटे अबू के कारनामों पर आधारित है। बगदाद के महाराजा और महारानी की हत्या कर दी जाती है और उनके बेटे अबू को बचाने के लिए उसको गायों के एक झुण्ड में छोड़ दिया जाता है। मगर वह लुटेरों के हाथ लग जाता है और लुटेरों के एक समूह के बीच बड़ा होता है और दुष्ट धोखेबाजों से अपना सिंहासन वापस पाने की कसम खाता है, क्योंकि उसको पता चलता है कि एक धोखेबाज़ अबू बगदाद के सिंघासन पर बैठा हुआ है। रास्ते में, उसकी मुलाकात बसरा के सुल्तान की बेटी जरीना से होती है और उससे प्यार हो जाता है, इसके बाद वह उन सब से युद्ध करता है और अपने राज्य को पुनः प्राप्त करता है।
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यह फ़िल्म 6 मई, 1960 को रिलीज़ हुई थी और बॉक्स ऑफ़िस पर औसत प्रदर्शन किया था। इसे आलोचकों और दर्शकों से सकारात्मक समीक्षा मिली। फिल्म में एम.जी.रामचंद्रन और वैजयंतीमाला के अभिनय कौशल का भी प्रदर्शन किया गया, जिन्होंने मुख्य जोड़ी के रूप में शक्तिशाली प्रदर्शन किया। यह फिल्म तमिल सिनेमा की क्लासिक फिल्मों में से एक मानी जाती है ।
इस फिल्म का फाइनैंस गोल्डन स्टूडियो के पूर्व मालिक कृष्णास्वामी नायडू द्वारा किया गया था। उस समय में इस फिल्म का एक सेट तैयार करने में 30 हजार का खर्च आता था, मगर फिल्म के कलाकार रामचंद्रन हमेशा हर बार नए सेट की मांग करते थे, उस समय यह सब बहुत मुश्किल था। एम. जी. रामचंद्रन और वैजयंती माला की यह पहली और आखिरी फिल्म थी जिसमे दोनों ने साथ काम किया था।
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