साल 1951, दुनिया अभी दूसरे महायुद्ध के सदमे से उबर भी नहीं पाई थी कि एक नई दहशत ने जकड़...
Read moreयाद है वो पुरानी, धूल भरी अटारी? जहाँ दादी का ट्रंक खुलता था तो किताबों की खुशबू और पुराने खिलौनों...
Read moreक्लासिक हॉरर मूवीवो रात... वो चाँद... वो दहशत! 1941 में रिलीज़ हुई 'द वुल्फ मैन' सिर्फ एक मॉन्स्टर मूवी नहीं...
Read moreकल्पना कीजिए एक ऐसी दुनिया की, जहां सबसे मीठी मुस्कान वाली, चाय-बिस्कुट परोसने वाली, प्यारी बुजुर्ग चाचियाँ... एक सनसनीखे़ज़ राज़...
Read moreकल्पना कीजिए एक आवाज़। ठहरी हुई, मख़मली, थोड़ी धुंधली सिगार के धुएं जैसी... जिसमें सैकड़ों साल के स्पेनिश इतिहास का...
Read moreतेलुगु सिनेमा, यानी टॉलीवुड, सिर्फ "मसाला" और बड़े-बड़े सेट्स का नाम नहीं है। यह एक ऐसी दुनिया है जहाँ दिल...
Read moreसोचिए, एक दिन डॉक्टर आपको बता दे कि आपको गैस्ट्रिक कैंसर है, और बस कुछ ही महीने बाकी हैं। अब...
Read moreसाल 1952 की बात है, सिनेमाघरों में पहली बार रंगीन रोशनी दिखी । दर्शकों ने देखा मीना कुमारी सफ़ेद घोड़े...
Read more1920 का दशक, लंदन के एक छोटे से थियेटर में अँधेरा छा गया। स्क्रीन पर सफेद-काले रंगों में एक नाव...
Read moreक्या आपको कभी लगता है कि आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कुछ खो सा गया है? वो सादगी, वो...
Read moreदुनिया की सबसे अनमोल फ़िल्में और उनके पीछे की कहानियाँ – सीधे आपके Inbox में!
हमारे न्यूज़लेटर से जुड़िए और पाइए क्लासिक सिनेमा, अनसुने किस्से, और फ़िल्म इतिहास की खास जानकारियाँ, हर दिन।
SUBSCRIBE
Movie Nurture एक ऐसा ब्लॉग है जहाँ आपको क्लासिक फिल्मों की अनसुनी कहानियाँ, सिनेमा इतिहास, महान कलाकारों की जीवनी और फिल्म समीक्षा हिंदी में पढ़ने को मिलती है।
© 2020 Movie Nurture
© 2020 Movie Nurture