Donga Ramudu फिल्म जो 1 अक्टूबर 1955 को भारतीय सिनेमा में रिलीज़ हुयी और यह फिल्म अन्नपूर्णा पिक्चर्स की पहली फिल्म बनी। इसका निर्देशन के वी रेड्डी ने किया था। इसी फिल्म को 1956 में तमिल में थिरुट्टू रमन के नाम से डब किया गया। और बाद में इसे हिंदी में 1962 में मन -मौजी नाम से बनाया। फिर इसको तमिल में वासंती (1988) नाम से भी निर्देशक ने बनाया।
यह फिल्म भाई बहन के रिश्ते में बनी एक पारिवारिक फिल्म है। अक्कीनेनी नागेश्वर राव और सावित्री की सुपरहिट जोड़ी वाली एक सुपरहिट फिल्म है।
Story Line –
कहानी शुरू होती है दो गरीब भाई बहन रामुडू और लक्ष्मी से, दोनों भाई बहन एक दूसरे का बहुत बड़ा सपोर्ट होते हैं। मगर पूरा महोल्ला और शहर उसकी शरारतों से बहुत ही परेशां रहता है। एक दिन उसकी माँ सुब्बम्मा की तबियत बहुत ख़राब हो जाती है और बिना दवा वह ठीक नहीं हो सकती। यह बात सुनकर रामुडू दवा के लिए चोरी करता है और पकड़ा जाता है। रामुडू को चोरी के जुर्म में जेल हो जाती है और उसकी माँ बिना दवा के मर जाती है।
और बिना परिवार के लक्ष्मी को अनाथालय भेज दिया जाता है। कुछ समय बाद रामुडू जेल से अपनी सजा काटकर छूटता है और अपनी बहन की तलाश करता है। एक दिन रामुडू एक बच्चे की जान बचाता है और यह बच्चा शहर के एक अमीर कंजूस व्यापारी वीरभद्रैया का बेटा है। इसके बाद उसकी मुलाकात सीता नामक एक सब्जी बेचने वाली से होती है। और पहले हुयी दोस्ती बहुत जल्दी ही प्यार में बदल जाती है। सीता की मदद से रामुडू लक्ष्मी को ढूंढने से सफल होता है।
लक्ष्मी को वह यह बताता है कि वह एक बहुत बड़ा व्यापारी बन गया है और उसके कॉलेज कि फीस भी भर देगा। रामुडू ने वादा तो कर दिया मगर वह पैसे जुटाने कि बहुत कोशिश करता है। मगर अंत में वह व्यापारी वीरभद्रैया के घर चोरी करता है और पकड़ा जाता है। यह बात जानकर लक्ष्मी को अपने भाई पर बहुत शर्म आती है। इसके बाद लक्ष्मी अनाथाश्रम छोड़ देती है और वह एक ठग बबलू के झांसे में आ जाती है और वहां से उसको सीता बचाती है।
घायल लक्ष्मी को हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाता है, जहाँ पर उसको डॉक्टर मोहन द्वारा सहायता मिलती है। जब डॉक्टर मोहन को पता चलता है कि लक्ष्मी अकेली है तो वह उसको अपने घर में पनाह देता है। और लक्ष्मी के अच्छे व्यव्हार से जल्दी ही वह उससे शादी करने का फैसला लेता है।
रामुडू जेल से छूटता है और अपनी बहन कि बातें याद करके वह फैसला लेता है कि वह अब सही राह पर चलेगा। और उसको जल्दी ही मोहन के घर ड्राइवर की नौकरी मिल जाती है। जब उसका सामना लक्ष्मी से होता और उसको पता चलता है कि मोहन की शादी उसकी बहन से हो रही है तो वह बहुत खुश होता है। मगर वह अपना अतीत अपनी बहन की खुशियों के बीच नहीं आने देना चाहता। तो वह लक्ष्मी से वचन लेता है कि वह कभी भी यह नहीं बताएगी किसी को भी कि रामुडू उसका भाई है।
और रामुडू मोहन का घर छोड़ने की सोचता है मगर उससे पहले ही उस पर चोरी का झूठा इलज़ाम लग जाता है और उसको बेज्जत करके घर से निकाल दिया जाता है। यह बात जब वीरभद्रैया को चलती है तो तो वह इस मोके का फायदा उठाने की कोशिश करता है क्योकि वीरभद्रैया अपनी बेटी की शादी मोहन से करवाना चाहता था मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
लक्ष्मी और मोहन की शादी होती है तो उस दिन बहन की शादी में सम्मिलित होने के लिए रामुडू भेष बदल कर आता है और अपनी बहन आशीर्वाद देता है। यह बात बबलू को पता चल जाती है और वह उसी दिन अपनी दुश्मनी निकालने के लिए वीरभद्रैया की हत्या कर देता है और इसका इलज़ाम रामुडू पर लगाता है। मगर उसी समय लक्ष्मी आकर सब सच बता देती है कि रामुडू उसका भाई है और शादी के दिन वो उसी के साथ था। उसके बाद सीता भी पुलिस को बबलू के कातिल होने का सबूत देती है। बबलू को जेल हो जाती है और रामुडू और सीता का विवाह हो जाता है। इसी के साथ फिल्म का अंत खुशियों के साथ हो जाता है।
Songs & Cast –
इस सुपरहिट फिल्म में पेंड्यला नागेश्वर राव ने संगीत दिया है और इनके गाने जैसे – “चिगुरकुलु चिलकम्मा చిగురకులలో చిలకమ్మ”, “भले तथा मन बापूजी భలే తథా మన బాపుజీ”, “ररोई मां इंटिकी రారోయి మా ఇంటికి”,”चेरसला पलैनवा చేరసళ పలైనావ”, “लेवोई चिन्नवदा లెవోయి చిన్నవాడ”, “तेलिसिंडा बाबू తెలిసిందా బాబు”, “एंडा चंदला सोगसारी वाडु అండ చందల సోగసారి వాడు”, “अनुरागमु विरिसेना అనురాగము విరిసేన” और इन गानों में अपनी आवाज़ दी है जानकी , घंटाशाला और पी सुशीला।
फिल्म में कन्नड़ प्रसिद्ध अभिनेताअक्किनेनी नागेश्वर राव ने अभिनय किया है और उन्होंने रामुडू के किरदार को निभाया है। और उनका साथ दिया है सावित्री ने सीता के किरदार के साथ और बाकी कलाकारों में जमुना ( लक्ष्मी ), जग्गय्या (डॉ मोहन), आर नागेश्वर राव ( बबलू ), रिलंगी (वीरभद्रैया)।
Review –
Donga Ramudu एक कन्नड़ सुपरहिट फिल्म है, जिसमे भाई बहन के ऐसे मज़बूत रिश्तों के बारें में बताया गया है, जिसको दुनिया की कोई भी ताकत नहीं तोड़ सकती और ना ही ज़िन्दगी की कोई भी परेशानी हिला सकती है। इसमें अक्किनेनी नागेश्वर राव और सावित्री ने साउथ सिनेमा की सुपरहिट जोड़ी बनायीं है। यह फिल्म औरों की अपेक्षा थोड़ी सी लम्बी है फिर भी 3 घंटे और 17 मिनट्स आपको पता ही नहीं चलेगा कि इतनी जल्दी ख़तम भी हो गए, फिल्म की कहानी आपको इस कदर बांधे रखती है।
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