• About
  • Advertise
  • Careers
  • Contact
Friday, June 27, 2025
  • Login
No Result
View All Result
NEWSLETTER
Movie Nurture
  • Bollywood
  • Hollywood
  • Indian Cinema
    • Kannada
    • Telugu
    • Tamil
    • Malayalam
    • Bengali
    • Gujarati
  • Kids Zone
  • International Films
    • Korean
  • Super Star
  • Decade
    • 1920
    • 1930
    • 1940
    • 1950
    • 1960
    • 1970
  • Behind the Scenes
  • Genre
    • Action
    • Comedy
    • Drama
    • Epic
    • Horror
    • Inspirational
    • Romentic
  • Bollywood
  • Hollywood
  • Indian Cinema
    • Kannada
    • Telugu
    • Tamil
    • Malayalam
    • Bengali
    • Gujarati
  • Kids Zone
  • International Films
    • Korean
  • Super Star
  • Decade
    • 1920
    • 1930
    • 1940
    • 1950
    • 1960
    • 1970
  • Behind the Scenes
  • Genre
    • Action
    • Comedy
    • Drama
    • Epic
    • Horror
    • Inspirational
    • Romentic
No Result
View All Result
Movie Nurture
No Result
View All Result
Home Hindi

Missamma మిస్సమ్మ : बेरोज़गारी से होने वाले युवाओं पर प्रभाव

by Sonaley Jain
June 8, 2021
in Hindi, Movie Review, old Films, South India, Telugu, Top Stories
0
Movie Nurture: Missamma
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

मिसम्मा మిస్సమ్మ एक तेलुगु रोमेंटिक फिल्म है, जो दक्षिण भारतीय सिनेमा में 12 जनवरी 1955 को रिलीज़ हुयी थी। यह फिल्म प्रसिद्ध  विजया वाहिनी स्टूडियो के द्वारा निर्मित की गयी और निर्देशन एल. वी. प्रसाद द्वारा किया गया। यह फिल्म 1955 में ही  तमिल भाषा में “मिसियाम्मा” नाम से भी रिलीज़ हुयी। 1957 में प्रसाद ने इस फिल्म को मिस मैरी के नाम से हिंदी में दुबारा बनाया और उसी साल यह फिल्म मराठी सिनेमा में झाकली मूथ के नाम से रिलीज़ हुयी.

यह फिल्म देश की एक बहुत ही बड़ी समस्या बेरोज़गारी से  होने वाले युवाओं पर बुरे प्रभाव को दिखाती है, कि किस तरह अपनी बेरोज़गारी और क़र्ज़ में डूबे होने के कारण कभी ना कभी हर युवा कुछ ना कुछ गलत राह पर चलता जरूर है।

Movie Nurture: Missamma

Story Line – 

कहानी शुरू होती है एक छोटे से गांव अप्पापुरम में रहने वाले जमींदार गोपालम से , जिनके सुखी परिवार में एक पत्नी और दो बेटियां महालक्ष्मी और सीता है।  वह गांव में अपनी बड़ी बेटी महालक्ष्मी के नाम से एक स्कूल बनवाते हैं और उसी स्कूल में प्रिंसिपल के तौर पर काम करते हैं।

एक दिन जब पूरा परिवार तीर्थयात्रा करने गया तो वहां पर भीड़ की वजह से महालक्ष्मी गुम हो जाती है। बहुत ढूढने पर भी वह नहीं मिलती और हताश और दुखी परिवार घर वापस आ जाता है। वहीँ दूसरी तरफ महालक्ष्मी को मद्रास में रहने वाला एक ईसाई परिवार गोद लेकर अपनी बेटी की तरह परवरिश करते हैं। और उसे  नाम मैरी देते हैं।

धीरे -धीरे समय के साथ मैरी बड़ी होती है। अच्छी शिक्षा होने के बाद भी बेरोज़गारी और क़र्ज़ ने  मैरी को बहुत परेशां कर रखा होता है। अपने परिवार के पालन पोषण के लिए मैरी डेविड नाम के एक आदमी से क़र्ज़  लेती है। वहीँ दूसरी तरफ गोपालम का भतीजा राजू जासूसी में रूचि रखने के कारण महालक्ष्मी को ढूढने के बारे में सोचता है। मगर गोपालम को अपने स्कूल में दो शिक्षकों की जरुरत हो जाती है। अख़बार में वह विज्ञापन देते हैं  एक शर्त होती है कि यह नौकरी वह सिर्फ विवाहित  को ही देंगे।

Movie Nurture: Missamma

नौकरी का इश्तिहार मैरी देखती है, और उसके बारे में वह सोच ही रही होती है कि उतने में ही डेविड वहां आ जाता है और क़र्ज़ माफ़ी के बदले वह मैरी से शादी करने की इच्छा जाहिर करता है। मैरी अपने दोस्त एम. टी. राव से इस जॉब की बात करती है और दोनों बेरोज़गार अंत में दोनों विवाहित जोड़ा बनकर नौकरी पा लेते हैं।

मैरी इस नौकरी के लिए खुद का नाम और धर्म  बदल लेती है और वह गोपालं के सामने महालक्ष्मी बनकर जाती है।  गोपालम और उसकी पत्नी मैरी और राव को अपने बच्चों की तरह प्यार देते हैं मगर मैरी को हिन्दू रीति रिवाज़ पसंद नहीं आते। सीता राव से हर शाम संगीत की शिक्षा लेती है। गोपालम और उसके परिवार का बेइंतिहां प्यार पाकर मैरी को हमेशा खुद के गलत करने का दुःख होता है। और जब भी वह उन्हें सच बताने का सोचती है तो राव आकर क़र्ज़ की बात करके उसको रोक लेता है।

दोनों को अपनी पहली सेलरी मिलती है, मैरी उससे अपना पूरा क़र्ज़ चुकाती है। धीरे धीरे समय बीतता है और दोनों गोपालम के परिवार के साथ घुल मिल जाते हैं।  राजू जो सीता से प्रेम करता है उसको लगता है कि राव सीता को पसंद करता है और वह राव को हमेशा सीता से दूर करने की कोशिश में लगा रहता है।

Movie Nurture: Missamma

दूसरे महीने के अंत में मैरी सच बताने का फैसला करती है मगर राव गोपालम के परिवार को कोई ठेस ना पहुंचे इसके लिए मैरी की मृत्यु का नाटक करता है। राजू की मुलाकात डेविड से होती है और वह बताता है कि मैरी एक ईसाई है और इस नौकरी को पाने के लिए उसने सभी से झूठ बोला था। मैरी मद्रास वापस आ जाती है, मगर दोनों को एक दूसरे की कमी प्यार का अहसास कराती है।

डेविड मैरी से शादी करना चाहता है, मगर वह राव से प्यार होने का इज़हार डेविड के सामने करती है।  दूसरी तरफ राजू का शक मैरी पर उसको मद्रास लेकर आता है और उसको मैरी के महालक्ष्मी होने का पता चलता है। यह जानकर गोपालम और उसका परिवार बहुत खुश होते हैं , मगर सच जानकर भी महालक्ष्मी अपने पालक माता पिता के साथ ही रहती है।  मैरी का विवाह राव से तय हो जाता है और उधर राजू भी सीता से विवाह कर लेता है।

movie Nurture :Missamma

Songs & Cast – 

फिल्म में संगीत एस राजेश्वर राव  ने दिया है , उन्होंने इसमें लगभग 11 गानें रखे , “राग सुधारसा రాగ సుధరస”, “अदावरी मतलाकु अर्थले वेरुले అదావరి మాతలం అర్ధలే వెర్లే “, “बालनुरा मदना బాలనురా మదనా “, “तेलुसुकोनावे चेल्ली తెలుసుకోనవే చెల్లి “, “करुनिंचु मेरी माथा కరునించు మేరీ మాథా “, “ई नवनवभ्युदय ఈ నవనవభ్యదయ “, वृंदावनमदि अंदरीदी బృందావనామది అండరిడి “, “रवोई चंदामामा రావోయి చండమమ”, “यमितो ई माया యెమిటో ఇ మాయ” और इन गानों को गया है ए.एम. राजा, पी. लीला और पी सुशीला ने।

फिल्म में एन. टी. रामा राव और सावित्री ने एम. टी. राव और मैरी / महालक्ष्मी का किरदार निभाया है। अक्किनेनी नागेश्वर राव ने राजू और जमुना ने सीता को बड़ी ही खूबसूरती के साथ निभाया है।  इतने कलाकारों के साथ भी निर्देशक ने सभी के किरदारों के साथ जो समायोजन किया है, इसी वजह ने इस फिल्म को सुपरहिट बनाया। इसके अलावा एस. वी. रंगा राव ने गोपालम , रमना रेड्डी ने डेविड दोरास्वामी ने मिस्टर पॉल  की भूमिका निभाई।

Tags: Classic CinemaMovie ReviewSavitritelugu cinema
Sonaley Jain

Sonaley Jain

Lights, camera, words! We take you on a journey through the golden age of cinema with insightful reviews and witty commentary.

Next Post
Movie Nurture: dil apna aur preet parai

Dil Apna Aur Preet Parai دل اپنا اور پریت پارائی - नफरत और जलन की कहानी

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended

Movie Nurture: विक्टोरिया नंबर 203

पुरानी यादें और साज़िश: “विक्टोरिया नंबर 203” की समीक्षा – 1972 का एक बॉलीवुड क्लासिक

1 year ago
शिंपा स्टेज से सिल्वर स्क्रीन तक: नोबुको फ़ुशिमी का जीवन

शिंपा स्टेज से सिल्वर स्क्रीन तक: नोबुको फ़ुशिमी का जीवन

1 year ago

Popular News

    Connect with us

    Newsletter

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetuer adipiscing elit. Aenean commodo ligula eget dolor.
    SUBSCRIBE

    Category

    • 1920
    • 1930
    • 1940
    • 1950
    • 1960
    • 1970
    • Action
    • Behind the Scenes
    • Bengali
    • Bollywood
    • Comedy
    • Drama
    • Epic
    • Films
    • Genre
    • Gujarati
    • Hindi
    • Hollywood
    • Horror
    • Indian Cinema
    • Inspirational
    • International Films
    • International Star
    • Kannada
    • Kids Zone
    • Korean
    • Malayalam
    • Marathi
    • Movie Review
    • National Star
    • old Films
    • Others
    • Popular
    • Romentic
    • Science Fiction
    • South India
    • Super Star
    • Tamil
    • Telugu
    • Top 10
    • Top Stories
    • Uncategorized

    Site Links

    • Log in
    • Entries feed
    • Comments feed
    • WordPress.org

    About Us

    We bring you the best Premium WordPress Themes that perfect for news, magazine, personal blog, etc. Check our landing page for details.

    • About
    • Advertise
    • Careers
    • Contact

    © 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

    No Result
    View All Result
    • Home

    © 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

    Welcome Back!

    Login to your account below

    Forgotten Password?

    Retrieve your password

    Please enter your username or email address to reset your password.

    Log In
    Copyright @2020 | Movie Nurture.