नरगिस दत्त एक [प्रसिद्ध भारतीय क्लासिक बॉलीवुड अभिनेत्री और राजनीतिज्ञ थीं, जिन्होंने हिंदी सिनेमा में अपनी सफलता और अभिनय से एक अलग स्थान प्राप्त किया दर्शकों के दिलों में। उन्हें भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे महान अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है। महज 6 वर्ष में अपने अभिनय से सभी लोगों के दिल में जगह बनानी शुरू कर दी थी।
अपने तीन दशकों के करियर में, नरगिस ने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। राज कपूर के साथ उनकी जोड़ी को बेहद पसंद किया जाता था। वह जाने-माने अभिनेता अनवर हुसैन की छोटी बहन थीं।
नरगिस की मृत्यु कैंसर से 3 मई 1981 को मुंबई में हुयी थी और उसी समय उनके बेटे संजय दत्त अपनी पहली फिल्म रॉकी के साथ भारतीय सिनेमा में कदम रखने वाले थे। उनकी याद में 1982 में नरगिस दत्त मेमोरियल कैंसर फाउंडेशन की स्थापना की गई थी।
Early Life
नरगिस का असली नाम फातिमा राशिद था और उनका जन्म 1 जून 1929 को कलकत्ता, ब्रिटिश भारत में एक पंजाबी मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता अब्दुल रशीद, रावलपिंडी के एक धनी पंजाबी हिंदू थे, जिन्होंने बाद में इस्लाम धर्म को अपना लिया था। उनकी मां जद्दनबाई, एक हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायिका थीं और भारतीय सिनेमा के एक महत्वपूर्ण पिलर में से एक थीं।
फातिमा ने मात्र 6 वर्ष की उम्र में ही फ़िल्मी करियर की शुरुवात कर ली थी, उनकी पहली फिल्म तलाशे हक़ 1935 में रिलीज़ हुयी थी। बचपन से ही माँ ने फातिमा को उस समय भारत में चल रही फिल्म संस्कृति के बारे में शिक्षा दी थी।
Professional Life
नरगिस ने अपना फ़िल्मी करियर मात्र 6 वर्ष की उम्र में 1935 में आयी तलाशे हक़ में बेबी नरगिस के रूप में शुरू किया। नरगिस (نرگس ) एक फारसी शब्द है जिसका अर्थ है डैफोडिल फूल से होता है। बाद में फातिमा को उनकी सभी फिल्मों में नरगिस के रूप में ही जाना गया।
इसके बाद 1943 में 14 साल की उम्र में, वह पसंदीदा निर्देशक महबूब खान की फिल्म तकदीर में दिखाई दीं। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही, और उनके प्रदर्शन के लिए उनकी काफी प्रशंसा हुई।
नरगिस की बरसात फिल्म 1949 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी, उसी के साथ ही उनकी फिल्म अंदाज़ भी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए अब तक की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बनी। इन फिल्मों की सफलता ने नरगिस को उस युग का सबसे लोकप्रिय और योग्य सितारों में से एक माना।
इसके बाद, नरगिस ने 1950 की फिल्मों जोगन और बाबुल में दिलीप कुमार के साथ मुख्य भूमिकाएँ निभाईं। ये दोनों बॉक्स-ऑफिस पर हिट रहीं और बाबुल में उनके प्रदर्शन को सबसे अधिक सराहना मिली।
अंदाज़ और बरसात की सफलता के बाद जनता ने राज कपूर और नरगिस की ऑनस्क्रीन जोड़ी को बहुत ही पसंद किया। इसके बाद उन्होंने ये जोड़ी आवारा में भी बनायीं। इन दोनों की जोड़ी न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी बहुत पसंद की जा रही थी। कुछ ही समय में नरगिस और राज ग्रीस और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में प्रसिद्ध सितारे बन गए।
सुनील दत्त से विवाह के पश्चात् नरगिस ने अपना फ़िल्मी करियर ख़तम कर दिया था आखिरी फिल्म रात और दिन 1967 में रिलीज़ हुयी थी।
Personal Life
नरगिस का अभिनेता राज कपूर के साथ लंबे समय तक रिश्ता रहा। उन्होंने राज कपूर के साथ कई सुपरहिट फिल्मे की जैसे – आवारा श्री 420 और भी फिल्में। जब राज कपूर ने अपनी पत्नी को तलाक देने से इनकार नरगिस ने अपना नौ साल पुराना रिश्ता एक ही पल में ख़तम कर दिया।
उसके बाद 11 मार्च 1958 को नरगिस ने अभिनेता सुनील दत्त से शादी की। उस समय सुनील दत्त ने मदर इंडिया के सेट पर नरगिस की जान बचाई थी। विवाह से पश्चात नरगिस ने हिन्दू धर्म को अपना लिया था। उनके तीन बच्चे हुए : संजय, जो एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं , नम्रता ने अनुभवी अभिनेता राजेंद्र कुमार के बेटे अभिनेता कुमार गौरव से शादी की और प्रिया एक राजनेता और संसद सदस्य हैं।
नरगिस ने सुनील दत्त के साथ मिलकर अजंता कला सांस्कृतिक मंडली का गठन किया, जिसमे वह उभरते कलाकारों को प्रशिक्षण देते थे।
नरगिस को जितना सफेद साड़ी पहनना पसंद था उतना ही सड़कों पर बिकने वाली पानीपुरी खाना भी। एक अच्छी तैराकऔर गोल्फर होने के साथ साथ उन्हें क्रिकेट देखना बेहद पसंद था।
Legacy
नरगिस भारतीय सिनेमा की एक ऐसी सबसे प्रसिद्ध और खूबसूरत अभिनेत्री थी जिन्होंने अपने बहुत ही छोटे से फ़िल्मी सफर में अपर सफलता और जनता का प्यार पाया। उनकी याद में मुंबई के बांद्रा में एक सड़क का नाम नरगिस दत्त रोड रखा गया है।
30 दिसम्बर 1993 में भारतीय डाक द्वारा नरगिस के सम्मान में 100 पैसे का डाक टिकट जारी किया।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के समूह ने नरगिस दत्त को हिंदी सिनेमा में उनकी उपलब्धियों के लिए सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार की स्थापना करके सम्मानित किया।
Awards
नरगिस को देश विदेशी कई फ़िल्मी पुरुस्कार से नवाज़ा गया।
National Award – नरगिस भारत सरकार द्वारा चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री की उपाधि से सम्मानित होने वाली पहली फिल्म अभिनेत्री थीं। यह अवार्ड उन्हें 1958 में मिला था।
Filmfare Award – नरगिस को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए 1958 में आयी मदर इंडिया के लिए फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड मिला और 1969 की उनकी आखिरी फिल्म रात और दिन के लिए नामांकित किया था।
Karlovy Vary International Film Festival – 1958 में आयी मदर इंडिया के लिए नरगिस को यह अवार्ड मिला।
“Best Actor of the Millennium” – 2001 में यह सम्मान नरगिस को अमिताभ बच्चन के साथ दिया गया था।
National Film Award – 1968 की फिल्म रात और दिन के लिए नरगिस को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।
Films
तलाशे हक (1935), मैडम फैशन (1936), मोती का हार (1937), परदानाशीन (1942), तकदीर (1943), हुमायूँ (1945), नरगिस (1946), मेहंदी (1947), रोमियो और जूलियट (1947), आग (1948 ), अंजुमन (1948 ), रूमाल (1949), लाहौर (1949), अंदाज़ (1949), बरसात (1949), मीना बाजार (1950), खेल (1950), जोगन (1950), छोटी भाभी (1950), बाबुल (1950), सागर (1951), प्यार की बातें (1951), हलचल (1951), आवारा (1951), बेवफा (1952), आशियाना (1952), पहली शादी (1953), श्री 420 (1955), जागते रहो (1956), मदर इंडिया (1957), परदेसी (1957), अदालत (1958), घर संसार (1958), काला बाजार (1960), रात और दिन (1967)
Lights, camera, words! We take you on a journey through the golden age of cinema with insightful reviews and witty commentary.