• About
  • Advertise
  • Careers
  • Contact
Friday, June 27, 2025
  • Login
No Result
View All Result
NEWSLETTER
Movie Nurture
  • Bollywood
  • Hollywood
  • Indian Cinema
    • Kannada
    • Telugu
    • Tamil
    • Malayalam
    • Bengali
    • Gujarati
  • Kids Zone
  • International Films
    • Korean
  • Super Star
  • Decade
    • 1920
    • 1930
    • 1940
    • 1950
    • 1960
    • 1970
  • Behind the Scenes
  • Genre
    • Action
    • Comedy
    • Drama
    • Epic
    • Horror
    • Inspirational
    • Romentic
  • Bollywood
  • Hollywood
  • Indian Cinema
    • Kannada
    • Telugu
    • Tamil
    • Malayalam
    • Bengali
    • Gujarati
  • Kids Zone
  • International Films
    • Korean
  • Super Star
  • Decade
    • 1920
    • 1930
    • 1940
    • 1950
    • 1960
    • 1970
  • Behind the Scenes
  • Genre
    • Action
    • Comedy
    • Drama
    • Epic
    • Horror
    • Inspirational
    • Romentic
No Result
View All Result
Movie Nurture
No Result
View All Result
Home Bollywood

Naya Daur نیا زمانہ : उड़े जब जब जुल्फें तेरी, कुंवरियों का दिल मचले

by Sonaley Jain
April 7, 2021
in Bollywood, Hindi, Movie Review, old Films, Top Stories
0
Naya Daur نیا زمانہ : उड़े जब जब जुल्फें तेरी, कुंवरियों का दिल मचले
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

नया दौर बॉलीवुड की एक रोमेंटिक ब्लैक एन्ड वाइट् सुपरहिट फिल्म है , जिसका निर्देशन और निर्माण बी आर चोपड़ा ने किया था।  और यह फिल्म भारतीय सिनेमा में 15 अगस्त 1957 को रिलीज़ हुयी।  यह फिल्म उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली दूसरी फिल्म बनी मदर इंडिया के बाद। 

इस फिल्म की कामयाबी के देखते हुए इस को कलर्ड बनाकर दुबारा रिलीज़ किया गया 3 अगस्त 2007 को। यह फिल्म दो दोस्तों की अपनी नफरत और दोस्ती के बीच की कहानी है। 

Movie Nurture: Naya Daur

Story Line – 

सुपरहिट क्लासिक फिल्म नया दौर की कहानी शुरू होती है दो दोस्तों की दोस्ती के साथ – शंकर और कृष्ण।  दोनों अपने गांव में और अपने काम के साथ बहुत ख़ुशी से रह रहे थे।  मगर जहाँ ख़ुशी होती है वहां पर कुछ समय बाद परेशानियां जरूर आती हैं और ऐसा ही शंकर और कृष्ण के जीवन में भी हुआ। 

कुंदन नाम की परेशानी ने गांव में कदम रखा और वो भी एक मकसद के साथ – वह गांव में व्यवसाय का आधुनिकीकरण और मशीनीकरण करना चाहता है ।  जिसकी वजह से अभी गावं वालों की नौकरियां ख़तम हो रही थी।  इसका विरोध शंकर और कृष्ण दोनों करते हैं।  एक दिन शंकर के गांव में ट्रेन से रजनी और उसकी माँ और भाई उतरते हैं।  उसी समय शंकर को रजनी की सादगी से प्रेम हो जाता है।  और कुछ समय से दोनों की पहचान एक अटूट प्रेम में बदल जाती है। 

Movie Nurture : Naya Daur

वहीँ दूसरी तरफ कृष्ण भी रजनी से प्यार करने लगता है बिना यह जाने कि वह उससे प्रेम भी करती है या नहीं। दोनों दोस्त अपनी – अपनी तरह से रजनी से विवाह करने कि प्लानिंग करते रहते हैं।  मगर जब दोनों को पता चलता है कि रजनी से दोनों ही प्रेम करते हैं तो वह यह फैसला करते हैं कि अगर रजनी मंदिर में चढ़ाने के लिए सफ़ेद फूल लाती हैं तो शंकर उससे विवाह करेगा और अगर वह पीले फूल लाती है तो कृष्ण विवाह करेगा।  यह बात शंकर कि बहन मंजू सुन लेती है जो कृष्ण से प्रेम करती है।  

मंजू रजनी की पूजा की थाली में पीले फूल की जगह सफ़ेद फूल रख देती है।  और यह करते हुए उसे कृष्ण देख लेता है और वह यह समझता है कि यह सब करने के लिए मंजू को शंकर ने ही कहा होगा। यह धोखा देखकर कृष्ण शंकर से लड़ाई कर लेता है और अपनी इतनी गहरी दोस्ती को तोड़ देता है।  

शंकर इस बात से आहात होकर रजनी से दूर जाने को कहता है और वो यह भी मंटा है कि अगर उसे यह बात पहले पता होती कि उसका दोस्त भी रजनी से प्रेम करता है तो वह रजनी को कभी का छोड़ देता।  मगर रजनी यह मानती है कि चाहे कुछ भी हो जाये ना तो वह शंकर का साथ छोड़ेगी और ना ही उसका प्रेम कभी भी समाप्त होगा।  

कुंदन गांव में बस लेकर आता है, जिसका विरोध अकेले शंकर ही करता है।  कुंदन उसके सामने एक शर्त रखता है कि अगर उसका टांगा बस से तेज चला तो वह गांव में बस नहीं लेकर आएगा।  मगर अगर इस रेस में बस जीत गयी तो वह टांगा चलना बंद कर देगा।  यह शर्त गांव वालों के विरोध में भी शंकर मान जाता है। मगर सही समय पर बस ख़राब हो जाती है। तो कुंदन दौड़ करने की बात करता है। शंकर वह भी मान जाता है। 

Movie Nurture : Naya Daur

तीन महीने का समय होता है जिसमे गांव वालों को दौड़ के लिए 6 मील की सड़क बनानी है , जिस पर ही दौड़ की प्रतियोगिता होगी। सभी गाँव वाले शंकर के इस पागलपन में उसका साथ देने को मना कर देते हैं।  मगर शंकर गांव वालों के लिए और अपने गांव के लिए अकेले ही सड़क के निर्माण में जुट जाता है। मगर कुछ समय बाद जब उसका हौसला टूटता है तो उस समय उसको सँभालने के लिए रजनी आ जाती है और वह भी उसके साथ मिलकर काम करने लगती है।  

धीरे धीरे सभी गांव वाले शंकर के साथ आ जाते हैं और सड़क निर्माण का काम तेजी पकड़ लेता है। मगर यह सब देखकर दो लोग दुखी होते हैं एक तो कुंदन और दूसरा कृष्ण जो इस समय कुंदन के साथ है , शंकर से अपनी नफरत निभाने के लिए।  अंत में कृष्ण फैसला करता है कि वह गांव वालों द्वारा बनाया गया पुल तोड़ देगा।  और उसे पुल तोड़ते हुए मंजू देख लेती है, और उसको सच बताती है कि रजनी की थाली के फूल  उसने ही बदले थे क्योकि वह उससे प्रेम करती है।  शंकर को तो इस बारे में कुछ पता ही नहीं है। 

यह बात जानकर कृष्ण बहुत दुखी होता है और दोनों मिलकर फिर से पुल की मरम्मत कर देते हैं। अंत में शंकर दौड़ की प्रतियोगिता जीत जाता है।  और दोनों दोस्त एक हो जाते हैं । शंकर का रजनी से विवाह हो जाता है और कृष्ण और मंजू भी एक साथ होते हैं। 

Movie Nurture :Naya Daur

Songs & Cast – 

इस फिल्म के सभी गाने सुपरहिट रहे और आज भी 15 अगस्त को ये देश है वीर जवानों का गाना गाया जाता है। और पार्टियों में “उड़े जब जब जुल्फें तेरी, कुंवरियों का दिल मचले” इस गाने की डिमांड जरूर होती है।  फिल्म में संगीत ओ पी नय्यर साहेब ने दिया है और इन खूबसूरत गानों को साहिर लुध्यानवी ने लिखा है – “आना है तो आ” , “दिल लेके दगा देंगे “, “में बम्बई का बाबू “, ” मांगके साथ तुम्हारा मेने मांग लिया संसार “, “साथी हाथ बढ़ाना साथी रे “, “रेशमी सलवार, कुर्ता जाली का” और इनको आवाज़ दी है आशा भोंसले, शमशाद बेगम , मोहम्मद रफ़ी और एस बलबीर ने। 

फिल्म में दो दोस्तों शंकर और कृष्ण का किरदार दिलीप कुमार और अजीत खान ने निभाया है।  वैजन्तीमाला ने रजनी को बड़ी ही सादगी से परदे पर उतारा है। कुंदन को जीवन ने निभाया और मंजू के किरदार को जीवित किया चांद उस्मानी ने।  बाकि सभी कलाकारों ने बेहद उम्दा कलाकारी की है फिल्म में।  

Movie Nurture : Naya Daur

Review –

2 घंटे 53 मिनट्स की बनी एक ब्लॉकबस्टर क्लासिक बॉलीवुड फिल्म , नया दौर।  यह फिल्म 15 अगस्त 1957 को भारतीय सिनेमा में आयी और आते ही इस फिल्म की कहानी इसके किरदार और इसके बेहद खूबसूरत गानों ने सभी के दिलों में अपनी एक जगह बना ली।  जैसे साथ हाथ बढ़ाना साथी रे और ये देश है वीर जवानो का अलबेलों का मस्तानो का यह दोनों गाने आज हमारी आजादी के गानोंमें सम्मिलित हो चुके हैं।  

बी आर चोपड़ा द्वारा निर्मित यह फिल्म कलर्ड में आने के बाद भी उतनी ही पसंद की गयी जितनी कि यह ब्लैक एन्ड वाइट में की गयी थी। आमिर खान की लगान फिल्म में कुछ दृश्य इससे प्रेरित होकर रखे गए थे।  इस फिल्म के लिए, दिलीप कुमार ने लगातार चौथी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। बाद में इस फिल्म को तमिल में पट्टालिन सबाथम के नाम से डब करके रिलीज़ किया गया।

Tags: Classic BollywoodClassic MovieMovie Review
Sonaley Jain

Sonaley Jain

Lights, camera, words! We take you on a journey through the golden age of cinema with insightful reviews and witty commentary.

Next Post
Movie Nurture : Top 10 Bollywood Life changing film

Top 10 Bollywood movies that can change your life forever

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended

How Home Gardens are changing the way Americans cook food.

8 years ago
Movienurture:Tamil cinema2020

Top 10 Tamil hit movies in 2020 collection

4 years ago

Popular News

    Connect with us

    Newsletter

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetuer adipiscing elit. Aenean commodo ligula eget dolor.
    SUBSCRIBE

    Category

    • 1920
    • 1930
    • 1940
    • 1950
    • 1960
    • 1970
    • Action
    • Behind the Scenes
    • Bengali
    • Bollywood
    • Comedy
    • Drama
    • Epic
    • Films
    • Genre
    • Gujarati
    • Hindi
    • Hollywood
    • Horror
    • Indian Cinema
    • Inspirational
    • International Films
    • International Star
    • Kannada
    • Kids Zone
    • Korean
    • Malayalam
    • Marathi
    • Movie Review
    • National Star
    • old Films
    • Others
    • Popular
    • Romentic
    • Science Fiction
    • South India
    • Super Star
    • Tamil
    • Telugu
    • Top 10
    • Top Stories
    • Uncategorized

    Site Links

    • Log in
    • Entries feed
    • Comments feed
    • WordPress.org

    About Us

    We bring you the best Premium WordPress Themes that perfect for news, magazine, personal blog, etc. Check our landing page for details.

    • About
    • Advertise
    • Careers
    • Contact

    © 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

    No Result
    View All Result
    • Home

    © 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

    Welcome Back!

    Login to your account below

    Forgotten Password?

    Retrieve your password

    Please enter your username or email address to reset your password.

    Log In
    Copyright @2020 | Movie Nurture.