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Home Hindi

Shruthi Seridaaga ಶೃತಿಸೇರಿದಾಗ : सुपरहिट कन्नड़ रोमेंटिक फिल्म

by Sonaley Jain
April 3, 2021
in Hindi, Kannada, Movie Review, old Films, South India, Top Stories
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Movie Nurture :Shruthi Seridaaga
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Shruthi Seridaaga ಶೃತಿಸೇರಿದಾಗ एक कन्नड़ सुपरहिट रोमेंटिक फिल्म 17 अगस्त 1987 को भारतीय साउथ सिनेमा में रिलीज़ हुयी। इस फिल्म का निर्देशन ची दत्ताराज ने किया था। और यह सुपरहिट फिल्म कुमुदा के उपन्यास पलकू पलकू ओलावु पर आधारित है। फिल्म में राजकुमार, माधवी और गीता ने मुख्य भूमिकाएँ निभाईं है।

Movie Nurture :Shruthi Seridaaga

Story Line – 

फिल्म की कहानी शुरू होती है एक युवा डॉक्टर मूर्ति के साथ। जो डॉक्टर होने के साथ – साथ शौकिया तौर पर एक गायक भी हैं। मूर्ति अपने एक मेडिकल सम्मेलन में शरीक होने के लिए अपने अस्सिस्टेंट के साथ एर्नाकुलम जाता है। पिता के कहने पर वह उनके पुराने मित्र मेजर सुब्बन्ना के घर में ठहरता है।

जहाँ वह अपने असिस्टेंट को डॉक्टर बताता है और खुद को अस्सिस्टेंट। और कुछ ही दिनों की नोक झोंक में मूर्ति को मेजर सुब्बन्ना की बेटी राधा से पैर हो जाता है और वो भी मूर्ति से प्रेम करने लगती है। मगर सुब्बन्ना को यह पसंद नहीं होता है कि उनकी बेटी एक मामूली से असिस्टेंट के साथ विवाह करने की सोचे।

मूर्ति के पिता मेजर सुब्बन्ना को समझाते हैं कि उनका बेटा मूर्ति एक डॉक्टर है ना कि एक छोटा सा अस्सिस्टेंट। यह बात जानकर सुब्बन्ना अपनी बेटी राधा का विवाह मूर्ति से करने का निश्चय कर लेता है। वहीँ दूसरी तरफ मूर्ति अपने शिक्षक के गांव जाता है, जहाँ पर उनकी मृत्यु के बाद एक बेटी कमला है जो मानसिक रूप से ठीक नहीं है। तो मूर्ति उसकी अपने साथ घर पर ले आता है और उसका इलाज करता है।

Movie Nurture: Shruthi Seridaaga

दूसरी तरफ मेजर सुब्बन्ना अपनी बेटी के साथ बेंगलोर आ जाते हैं यह सोचकर कि शादी के बाद राधा और मूर्ति उनके साथ बंगलौर में रहेंगे। एक दिन सुब्बन्ना जब दोनों बच्चों की जन्मपत्री लेकर पंडित के पास जाते हैं तो वह बताता है कि मूर्ति के भाग्य में २ विवाह हैं और पहली पत्नी की मृत्यु शीघ्र ही हो जाएगी।

यह सोचकर मेजर सुब्बन्ना चाहते हैं कि मूर्ति का विवाह पहले कमला से हो जाये फिर उसकी मृत्यु क बाद मूर्ति राधा से विवाह कर ले। मूर्ति और कमला का विवाह हो जाता है और कुछ समय बाद कमला ठीक हो जाती है। एक दिन एक ज्योतिष से कमला को मूर्ति कि २ शादियों के बारे में पता चलता है। और वह ज्योतिष कमला पर आये मृत्यु के साये तो दूर करने के लिए भगवन कि पूजा करने की बात करते हैं।

कमला को जब उसकी मृत्यु के बारे में पता चलता है उस समय वह माँ बनने वाली होती है। अपने बच्चे की रक्षा के लिए वह माँ पार्वती की आराधना करती है और कुछ समय बाद कमला एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है और वह खुद भी स्वस्थ होती है । मूर्ति के आने की खबर से राधा बहुत खुश हो जाती है और अपने विवाह के सपने देखने लगती है मगर यह सपने उस समय टूट जाते हैं जब वह मूर्ति के साथ कमला और उसके बच्चे को देखती है।

मेजर सुब्बन्ना को अपनी गलती का अहसास हो जाती है कि उन्होंने ज्योतिष के बहकावे में आकर अपनी बेटी का जीवन बर्बाद कर दिया है। यह जरुरी नहीं होता है कि हमेशा ज्योतिष की की गयी भविष्यवाणी हमेशा ही सही हो। वह गलत भी तो हो सकती है, जरुरी नहीं उसके बताये गए रस्ते पर चलने से हमेशा आपको अपनी मंज़िल ही मिलेगी , कभी कभी आप बर्बाद भी हो सकते हैं या फिर कभी ना ख़त्म होने वाले दर्द के साथ।

Movie Nurture: Shruthi Seridaaga

Songs & Cast – 

फिल्म में संगीत दिया है टी जी लिंगप्पा ने , “नागलारडे अललारडे ನಾಗಲರೇಡ್ ಅಲಲರೇಡ್”, “श्रुति सेराइड ಶ್ರುತಿ ಸೆರೈಡ್”, “बॉम्बेतावैय्या ಬೊಂಬೆಯತವಾಯ” , “राग जीवन राग ರಾಗ ಜೀವನಾ ರಾಗ” , “कनासल्ली बंदनवारे ಕನಸಲ್ಲಿ ಬಂಡವಾನರೆ”, “होनिना थेरिनाली ಹೊನ್ನಿನಾ ಥೆರಿನಾಲಿ” और इस फिल्म के गीत गाये हैं एस जानकी, राजकुमार और वाणी जयराम ने।

इस फिल्म को राजकुमार, माधवी और गीता ने अपनी अदाकारी से इस फिल्म को उस ज़माने की सुपरहिट फिल्म बनाया। राजकुमार ने डॉक्टर मूर्ति, माधवी ने राधा और गीता ने मूर्ति की पत्नी कमला का किरदार निभाया है। और इनका साथ बालकृष्ण, सदाशिव ब्रह्मवर,थुगुदीपा श्रीनिवास,पंडरी बाई, और पार्वतवाणी ने दिया है।

Movie Nurture: Shruthi Seridaaga

Review – 

एक क्लासिक कन्नड़ फिल्म है , जिसने हमारे समाज को यह समझाने की कोशिश की है कि जरुरी नहीं कि हर बार ज्योतिषों द्वारा की गयी भविष्यवाणी सही ही होती है। हमारे समाज में कुछ वर्ग ऐसा भी है जो अपनी मेहनत और लगन पे भरोसा ना करके ज्योतिष द्वारा बताये गए रास्तेपर चलते हैं। मगर कभी भी ना तो उन्हें ख़ुशी मिलती है और ना ही सुकून।

इस फिल्म में समाज की इस बात और इस विश्वास का एक अलग पहलू दिखाने की कोशिश की गयी है। फिल्म में कन्नड़ के सुपरस्टार राजकुमार , माधवी और गीता ने अपने अपने चैरेक्टरको बहुत अच्छे से निभाया है। 2 घंटे 40 मिनट्स की फिल्म में 6 गाने हैं जिनको राजकुमार और एस जानकी ने गाया है।

Tags: Classic MovieKannada best filmMovie Review
Sonaley Jain

Sonaley Jain

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