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Home 1950

समाधि (1950): भारतीय सिनेमा का एक कालातीत क्लासिक

by Sonaley Jain
October 9, 2023
in 1950, Bollywood, Films, Hindi, Movie Review, old Films, Top Stories
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Movie Nurture: Samathi
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समाधि 1950 की बॉलीवुड जासूसी फिल्म है, जिसका निर्देशन रमेश सहगल ने किया है। यह 1950 की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म थी। यह ब्लैक एन्ड व्हाइट फिल्म 1 जनवरी 1950 को भारतीय सिनेमा घरों में रिलीज़ की गयी थी।

Movie Nurture: Samathi
Image Source: Google

स्टोरी लाइन

फिल्म में अशोक कुमार ने शेखर की भूमिका निभाई है, जो एक स्वतंत्रता सेनानी है जो जासूस के रूप में दुश्मन के शिविर में घुसपैठ करता है, वहीँ उसकी मुलाकात लिली डिसूजा (नलिनी जयवंत) से होती है, जो एक नर्तकी है और जल्द ही दोनों में प्रेम हो जाता है। लिली
शेखर को दोखा देती है और दोनों अलग हो जाते हैं। भारतीय सेना की जासूसी करने के जुर्म में लिली और उसकी बहन डॉली डिसूजा (कुलदीप कौर) पकड़े जाते हैं और मृत्यु दंड की सजा पाते हैं। इस सजा से उन्हें सुभाष चंद्र बोस बचाते हैं और उनसे ब्रिटिश सेना की जासूसी करने को कहते हैं।

वह दोनों तैयार हो जाती हैं और ब्रिटिश सेना की जासूसी करने लगती हैं। कुछ समय बाद लिली की मुलाकात शेखर से होती है, और दोनों की गलतफहमियां दूर होती है और फिल्म के अंत में दोनों एक हो जाते हैं।

यह फिल्म एक जासूस की सच्ची कहानी पर आधारित है जिसने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। फिल्म में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भी एक चरित्र के रूप में दिखाया गया है और उनके प्रसिद्ध नारे “कदम-कदम बढ़ाये जा” को एक गीत के रूप में इस्तेमाल किया गया है।

Mvoie Nurture: Samathi
Image Source: Google

फिल्म को इसके शानदार अभिनय के लिए सराहा गया है, खासकर अशोक कुमार और कुलदीप कौर के अभिनय के लिए, जिन्होंने जटिल और विरोधाभासी किरदार निभाए। फिल्म में सी.रामचंद्र द्वारा रचित और राजिंदर कृष्ण द्वारा लिखित कुछ यादगार गाने भी हैं, जैसे “गोरे गोरे ओ बांके छोरे, कभी मेरी गली आया करो”, “अभी शाम आएगी”,”नेताजी का जीवन है”, जिन्हे लता मंगेशकर, अमीरबाई कर्नाटकी, सी. रामचन्द्र और शमशाद बेगम ने गाया है।

समाधि रमेश सहगल द्वारा निर्देशित और फिल्मिस्तान के बैनर तले निर्मित 165 मिनट की एक गाथा है। यह फिल्म, जो स्पष्ट रूप से एक सच्ची कहानी पर आधारित है, विभिन्न संघर्ष को दिखाते हुए और अपने शानदार प्रदर्शन के माध्यम से बेहद सफल रही, खासकर अशोक कुमार और कुलदीप कौर द्वारा अभिनीत उनके किरदार।

अपनी कमजोर और काल्पनिक पटकथा के बावजूद, समाधि अपने शानदार प्रदर्शन और नाटकीय स्थितियों के माध्यम से सफल होती है। यह फिल्म बॉलीवुड सिनेमा के प्रशंसकों के लिए अवश्य देखी जानी चाहिए।

Tags: 1950sAshok kumarMovie Reviewold film
Sonaley Jain

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