साइको 8 सितम्बर 1960 को सिनेमा घरों में रिलीज़ हुयी एक मनोवैज्ञानिक हॉरर फिल्म है, जिसका निर्देशन अल्फ्रेड हिचकॉक ने किया है और यह हॉलीवुड फिल्म रॉबर्ट बलोच के साइको नाम के एक उपन्यास पर आधारित है। यह फिल्म नॉर्मन बेट्स नाम के एक युवक की कहानी बताती है, जो एक छोटा सा होटल चलाता है और अपने अतीत से हॉन्टेड है।
यह फिल्म अपने उत्कृष्ट निर्देशन, रहस्यपूर्ण कहानी और प्रतिष्ठित प्रदर्शन के लिए उल्लेखनीय है। हिचकॉक का निर्देशन उत्कृष्ट है, उन्होंने दर्शकों को फिल्म के अंत तक बांधे रखा है। कैमरा एंगल्स, लाइटिंग और संगीत का उनका उपयोग कुशल है और भय और बेचैनी की भावना पैदा करता है, मनोरम है।
फिल्म में सबसे प्रतिष्ठित और यादगार पलों में से एक शॉवर का दृश्य है, जो सिनेमा इतिहास में सबसे प्रसिद्ध दृश्यों में से एक बन गया है। इस दृश्य में मैरियन की हत्या को चाकू के साथ दिखाए जाने वाला एक पॉइंट-ऑफ-व्यू शॉट है।

Story Line
फिल्म की कहानी शुरू होती है एक युवती मैरियन से, जो एक रियल एस्टेट कंपनी में एक सेक्रेटरी का काम करती है। एक दिन वह कंपनी के पैसे चुरा लेती है और वह यह पैसे अपने प्रेमी सैम के कर्ज को चुकाने के लिए चुराती है क्योंकि इस कर्ज की वजह से ही सैम उससे शादी नहीं कर रहा होता है।
उसके बाद मैरियन पैसों के साथ सैम के घर जा रही होती है मगर वह बीच में अपना रास्ता बदल लेती है और शहर के बाहर एक छोटे से होटल में रात गुजरने के लिए रूकती है। उसकी मुलाकात होटल के मालिक नॉर्मन बेट्स से होती है और उसकी हत्या हो जाती है। 8 दिन बाद मैरियन की बहन लीला और सैम उसको ढूढने के लिए एक प्राइवेट इन्वेस्टिगेटर आर्बोगैस्ट को हायर करते हैं। आर्बोगैस्ट अपनी जाँच में पता लगता है कि इस हत्या में नॉर्मन और उसकी माँ का हाथ है मगर वह भी होटल से गायब हो जाता है।

लीला और सैम दोनों नॉर्मन के होटल जाते हैं और वहां जाकर छानबीन करते हैं तो उनको पता चलता है कि 10 साल पहले ईर्ष्या के चलते नॉर्मन ने अपनी माँ और उसके प्रेमी की हत्या कर दी थी। नॉर्मन मानसिक रूप से बीमार है और अभी तक उसके होटल में आये हुए 4 लोग गायब है। इससे पहले भी नॉर्मन ने 2 युवतियों की हत्या कर दी थी।
उसके बाद लीला और सैम नॉर्मन के घर जाते हैं जहाँ पर सैम और नॉर्मन की लड़ाई होती है वहीँ दूसरी तरफ लीला साइको नॉर्मन से बचने ले लिए एक तहखाने में छुप जाती है, जहाँ उसको नॉर्मन की माँ की डेड बॉडी मिलती है जिसको नॉर्मन जिन्दा की तरह रखा हुआ था। और कुछ ही समय बाद नॉर्मन पुलिस द्वारा पकड़ा जाता है और जेल में बैठकर वह अपनी माँ से बातें करता रहता है।

अंत में, साइको एक उत्कृष्ट फिल्म है जो समय की कसौटी पर खरी उतरी है। यह डरावनी शैली का एक क्लासिक है, और यह फिल्म निर्माता के रूप में हिचकॉक के कौशल को दर्शाती है। फिल्म का निर्देशन, प्रदर्शन, कहानी और विषय सभी उत्कृष्ट हैं, और यह एक ऐसी फिल्म है जिसका दर्शकों और फिल्म के प्रति उत्साही लोगों द्वारा समान रूप से पसंद की जाती रही है। उस समय में इस फिल्म ने एक व्यावसायिक और महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की थी और आज भी इसकी कहानी, दृश्य और शक्तिशाली प्रदर्शन सभी को लुभाता है। इसे सिनेमा के इतिहास की सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक माना जाता है जिसने आने वाले वर्षों के लिए इस शैली के मानक तय किए।