Movie Nurture: Bama Vijayam

Bama Vijayam பாமா விஜயம் : एक अच्छी फिल्म कुछ पारिवारिक लम्हों के साथ

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बामा विजयम பாமா விஜயம் एक तमिल पारिवारिक और हास्य फिल्म जो दक्षिण भारतीय सिनेमा में 24 फरवरी 1967 में रिलीज़ हुयी थी। के. बालाचंदर द्वारा लिखित और निर्देशित इस फिल्म को दर्शकों ने खूब सराहा और इसे तमिल सिनेमा में एक क्लासिक माना जाता है। इस फिल्म को बालाचंदर ने “भाले कोडल्लु” के नाम से तेलुगु में भी बनाई थी। इस फिल्म का रीमेक हिंदी में भी बना तीन बहुरानियों के नाम से।

इस फिल्म में शिवाजी गणेशन और पद्मिनी मुख्य भूमिकाओं में हैं। इस फिल्म की कहानी बालाचंदर के जीवन में हुयी एक घटना से प्रेरित है। बामा विजयम ने बेस्ट फिल्म के लिए चेन्नई फिल्म फैन्स एसोसिएशन पुरुस्कार भी जीता। फिल्म की अपार सफलता के कई वर्षों बाद 1998 में, इसे मलयालम में श्रीकृष्णपुराथे नक्षत्रथिलक्कम के रूप में बनाया गया था।

Movie Nurture: Bama Vijayam
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Story Line

फिल्म की कहानी शुरू होती है एक मध्यवर्गीय संयुक्त परिवार से जहाँ एथिराज अपने तीन बेटों उनकी पत्नियों और बच्चों के साथ रहते हैं। एथिराज के तीन बेटे महेश्वरन, रमन और कृष्णन, सबसे बड़ा बेटा महेश्वरन एक कॉलेज में हिंदी का प्रोफेसर है। मझला बेटा रमन हाई कोर्ट में एक क्लर्क की नौकरी करता है और सबसे छोटा बेटा कृष्णन एक मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव की नौकरी पर है। एथिराज ने अपने बड़े से घर को तीन हिस्सों में बाँट दिया ताकि आगे चलकर किसी में भी मन मुटाव ना हो।

एथिराज की तीनों बहुएं पार्वती, सीता और रुक्मिणी अपने – अपने हिस्से का घर संभालती हैं। एथिराज के तीनों बेटे अपनी सैलरी अपने पिता को देते हैं और सभी वित्तीय मामले में उनकी राय लेते हैं। जहाँ महेश्वरन और पार्वती के 5 बच्चे हैं वहीँ रमन के पास 2 बच्चे। एथिराज अपने भरे पूरे परिवार के साथ ख़ुशी से रह रहे हैं।

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मगर बदलाव की शुरुवात वहां से आती है जब उनके पड़ोस में एक प्रसिद्ध अभिनेत्री बामा रहने आती है। बामा को देखकर पार्वती रुक्मणि और सीता उससे दोस्ती करने के सपने देखती हैं और उसी के चलते वह तीनों बामा को अपने घर खाने के लिए बुलाती हैं। जिसके लिए वह सभी जबरदस्ती अपने पतियों को मनाती है और उधार पर बिना जरुरत की कई सारे सामान लेकर आती हैं। एथिराज के कई बार समझाने पर भी वह नहीं मानती।

वो दिन भी आता है जिस दिन बामा उनके घर मेहमान बनकर आती है। इसके बाद तीनों बहुएं खुद को और अपने पति को अच्छा साबित करने की कोशिश में लगी रहती है और कई हास्य घटनाएं घटती हैं जैसे पार्वती अपने आप को युवा बताने के चक्कर में अपने तीन बच्चों को कमरे में बंद करके रखती हैं मगर रुक्मणि उनको बाहर निकलकर बामा के सामने लाती है। इतना ही नहीं उन्होंने तो अपने पतियों के काम को भी बड़ा चढ़ा कर बोल दिया था।

Mvie Nurture: Bama Vijayam
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इतने आदर सत्कार के बाद सिंपल सी बामा के सभी दोस्त बन जाते हैं, उसके साथ पिकनिक पे जाना और शूटिंग के लिए जाना, यह सब अब चलता रहता है। कुछ ही समय में तीनों को पता चलता है कि बामा का अफेयर उनके पतियों में से किसी के साथ चल रहा है। यह जानकर पार्वती, सीता और रुक्मणि अपने – अपने पतियों पर निगरानी रखनी शुरू करती हैं। मगर फिर एक दिन अख़बार में खबर आती है कि बामा का अफेयर महेश्वरन से चल रहा है। हास्य पूर्ण घटनाओं की श्रंखला के बाद अंत में पता चलता है कि किसी का भी अफ़ेयर बामा से नहीं चल रहा और सभी को उनके अमीर बनने के दिखावे का पछतावा होता है और सभी एथिराज से माफ़ी मांगते हैं।

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