kunku : बाल – विवाह की और इंगित करने वाली एक मराठी फिल्म

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कुंकू एक सुपरहिट क्लासिक मराठी फिल्म है, जिसने समाज को महिलाओं की संघर्ष की कहानी बताई है। यह फिल्म 27 अक्टूबर 1937 को मराठी सिनेमा में रिलीज़ हुयी और इसका निर्देशन वी. शांताराम ने किया था। यह फिल्म नारायण हरि आप्टे के उपन्यास ना पटनारी गोष्ट पर आधारित है,और इस फिल्म की कहानी भी नारायण हरि आप्टे ने लिखी थी।

इस फिल्म को मराठी के साथ – साथ हिंदी भाषा में भी दुनिया ना माने के नाम से रिलीज़ किया गया। हिंदी और मराठी दोनों फिल्मों को एक साथ ही शूट किया गया।

यह फिल्म आलोचनात्मक और व्यावसायिक दोनों तरह से सफल रही, और इसे वेनिस अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में दिखाया गया।

Movie Nurture: Kunku

Story Line

फिल्म की कहानी शुरू होती है एक छोटे से गांव से, जहाँ पर एक युवती निर्मला अपने पालक माता – पिता के साथ बड़ी ही ख़ुशी से रहती है। मगर उसकी यह ख़ुशी बहुत जल्द ही काफूर हो जाती है, जब उसको पता चलता है कि उसके चाचा और चाची उसका विवाह पैसों की खातिर एक बुजुर्ग से कर देते हैं।

यह बात निर्मला के माता -पिता को विवाह के बाद पता चलता है तो वह उन दोनों से रिश्ता तोड़ देते हैं। मगर समाज के डर से वह अपनी बेटी की मर्जी के बिना उसकी विदाई कर देते हैं।

Moive Nurture: Kunku

निर्मला दुखी मन से अपने ससुराल में प्रवेश करती है, जहाँ पर उसका बहुत सम्मान होता है। इतना सब होने पर भी निर्मला इस विवाह को स्वीकार नहीं करती। वहीँ दूसरी तरफ निर्मला के बुजुर्ग पति को ऐसा लगता है कि वह इतना भी बूढ़ा नहीं हुआ है कि वह निर्मला की साथ अपना फिर से गृहस्थ जीवन ना शुरू कर सके।

धीरे – धीरे निर्मला घर की जिम्मेदारियां उठानी शुरू करती है और वह घर में खुद को ढालने की कोशिश करती है। मगर निर्मला के पति के बच्चे उम्र में निर्मला से भी बड़े होते हैं। विधवा बेटी हमेशा निर्मला का साथ देती है और बेटा जो कि कॉलेज जाता है वह हमेशा निर्मला के साथ फ़्लर्ट करता है।

इन सके बाद भी निर्मला बड़ी ही बहादुरी के साथ हर रिश्ते को सँभालने से साथ – साथ पूरी मर्यादा से उनको निभाती भी है। दुखी निर्मला का समय भी बदलता है जब उसी के घर की एक युवा सुशीला उसकी मित्र बन जाती है। अब निर्मला ज्यादादर समय सुशीला के साथ व्यतीत करती है।

Movie NUrture: Kunku

निर्मला उसके साथ खेलती है और उसी के साथ वो जीवन भी जीती है जो उसका विवाह के पश्चात् कहीं लुप्त हो गया था। निर्मला के पति को उसका यह व्यव्हार थोड़ा सा अलग लगता है और सोचने पर उसको अहसास होता है बिना मर्ज़ी के एक बुजुर्ग से विवाह करने का निर्मला का दर्द।

इस अपराध बोध का अहसास उसको जीने नहीं देता और वह कुछ समय में ही आत्महत्या कर लेता है।

Movie NUrture: Kunku

Songs & Cast

इस फिल्म में संगीत केशवराव भोले ने दिया है और इसके गीतों को शांताराम आठवले ने लिखा है – “सौन्दर्य खेले दारी “, “मन शुद्ध तुझा ” और इन गीतों को गाया है मुख्य अभिनेत्री शांता आप्टे ने।

फिल्म में मुख्य अभिनेत्री निर्मला का किरदार शांता आप्टे ने निभाया और बाकि के कलाकारों में राजा नेने, केशवराव दाते, मास्टर छोटू ,शकुंतला ,वसंती , गौरी आदि सभी ने फिल्म को सफल बनाने में अपना सहयोग दिया।

Movie Nurture: Kunku

Review

कुंकु 1930 की एक ऐसी फिल्म थी, जिसने समाज को उसके एक ऐसे चेहरे से रूबरू करवाया, जहाँ पर ना तो महिलाओं को बराबरी का सम्मान दिया जाता था और ना ही उनके साथ अच्छा व्यव्हार। उस समय बाल – विवाह की परम्परा पूरे देश को अपने कब्जे में ले चुकी थी।

बाल – विवाह से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में ना तो परिवार सोचते थे और ना ही यह समाज। इस फिल्म के जरिये समाज को वक्त लगा महिलाओं को समझने में। उस समय इस फिल्म को आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था मगर इस फिल्म से कई लोगों की महिलाओं के प्रति सोच बदली

 

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