अमर ज्योति امر جیوتی एक क्लासिक बॉलीवुड फिल्म, जो कि सिनेमा घरों में 30 नवम्बर, 1935 को रिलीज़ हुयी थी। यह एक सामाजिक, एक्शन एडवेंचर, ड्रामा फिल्म थी, जिसका निर्देशन शांताराम राजाराम वंकुद्रे ने किया था। इस फिल्म में अभिनेत्री दुर्गा खोटे ने अपनी सबसे “यादगार” भूमिकाओं में से एक का प्रदर्शन किया था।
2 घंटे और 46 मिनट्स की यह ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म एक ऐसी महिला की कहानी है जो एक राजकुमारी होते हुए भी हालातों के चलते एक डाकू में परिवर्तित हो जाती है।
StoryLine
फिल्म की कहानी शुरू होती है एक छोटे से प्रान्त की महारानी सौदामिनी से ,जिसका पति किसी कारण वश उसको और उसके छोटे से राजकुमार को अकेला छोड़कर चला जाता है। मगर आने वाले दर्दों से बेखबर रानी सौदामिनी अपने बेटे के साथ खुश रहने की कोशिश करने लगती है। मगर सौदामिनी की रानी की नफरत और उसके अत्याचारी मंत्री दुर्जय की वजह से वह अपने बेटे से जुदा हो जाती है।
अपने बेटे की जुदाई और बेज्जती से क्रोधित एक माँ सौदामिनी दुर्जय से प्रतिशोध लेने के लिए अपना राज्य छोड़ देती है। फिर कुछ समय तक दर दर भटकने के बाद वह एक समुद्री डाकू बन जाती है।और बहुत जल्द ही वह अपनी एक बड़ी सेना खड़ी कर लेती है।
एक दिन सौदामिनी की अधिकृत जगह से शाही जहाज गुजरता है , यह देखकर उसकी सेना शाही जहाज पर हमला कर देती है। मगर जहाज में राजकुमारी नंदिनी के साथ – साथ सौदामिनी का दुश्मन मंत्री दुर्जय भी मिल जाता है और सभी डाकुओं द्वारा पकड़ा जाता है।
सोदामिनीं मंत्री दुर्जय को देखकर अपने क्रोध में उसके पैर काट देती है और उसको कैदी बना लेती है।कैद में होने के कारण नंदिनी बहुत क्रोधित होती है और क्रोध में आकर वह अपना खाना फेंख देती है। मंत्री दुर्जय नंदिनी की खूबसूरती को देखकर उसकी और आकर्षित होता है और अपने प्रेम का इज़हार उससे कर देता है और अपना खाना भी उसको देता है। मगर नंदिनी को ना तो उसका खाना स्वीकार होता है और ना ही प्रेम।
राजकुमारी नंदिनी पहले से ही अपना दिल किसी और को दे चुकी होती है। सुधीर नामक एक चरवाहे से वह प्रेम करती है। धीरे – धीरे नंदिनी को सौदामिनी की कहानी का पता चलता है और वह बहुत जल्द ही सौदामिनी के डाकुओं के समूह के साथ मिल जाती है। अब नंदिनी भी रेखा और सौदामिनी के साथ मिलकर मंत्री दुर्जय से अपनी शत्रुता निभा रही थी।
कुछ दिनों के बाद मौका मिलते ही दुर्जय सुधीर की मदद से कैद से भाग जाता है और शीघ्र ही अपनी सेना की मदद से सौदामिनी को बंधक बना लेता है, मगर बाकी के डाकू भागने में कामयाब हो जाते हैं। बंधक सौदामिनी को दुर्जय से पता चलता है कि सुधीर उसका खोया हुआ पुत्र है, जिसकी परवरिश एक चरवाहे परिवार द्वारा की जाती है।
नंदिनी और रेखा अपनी सेना की साथ मिलकर राज्य में हमला कर देते हैं और दुर्जय और उसकी सेना को परास्त करके सौदामिनी को मुक्त करवाते हैं। अंत में सौदामिनी सुधीर को विवाह नंदिनी से तय करती है और राज्य भी उसको सौंप देती है। वहीँ दूसरी तरफ वह रेखा को भी अपनी समुद्री डाकुओं की बागडोर सँभालने को देती है और अपने परिवार के साथ सुखी से रहती है।
Songs & Cast
इस महिला प्रधान फिल्म में संगीत दिया है मास्टर कृष्णराव ने, और पी नरोत्तम व्यास ने इन गीतों को लिखा था – “अखियां के तुम तारे प्यारे” , “जीत ज्योति तेज चमक रहा है” , “भूल जा भूल जा”, “अब मैंने जाना है है प्रेम क्या है”, “कहती कलियां रसभरी”, “मेरे प्रभुजी मत बिलमाओजी”, “सुनो सुनो बन बन के प्राणी ” और इन गानों को वसंती, बी नंद्रेकर, शांता आप्टे, वसंत देसाई और दुर्गा खोटे ने गाया है।
इस फिल्म में दुर्गा खोटे के अभिनय को उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ अभिनय माना गया है। उन्होंने इस फिल्म में सौदामिनी का किरदार निभाया है। नंदिनी के किरदार में शांता आप्टे ने भी खूब प्रसिद्धि पायी थी। बाकि के कलाकारों में वसंती, चंद्र मोहन , बी.नांद्रेकर, एस.के. कुलकर्णी, के.नारायण काले और गजेंद्र ने भी अपनी अदाकारी से सभी दर्शकों का मन मोह लिया था।
Review
एक एडवेंचर क्लासिक और दुर्गा खोटे द्वारा की गयी सर्वश्रेष्ठअभिनीत फिल्म, जो 1935 में भारतीय सिनेमा में आयी और एक सुपरहिट फिल्म साबित हुयी। अमर ज्योति पहली भारतीय फिल्म बनी, जिसको वेनिस फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया था।
यह फिल्म सुपरहिट बनी , 3 वजह से, पहली दुर्गा खोटे का अद्भुद अभिनय डाकू सौदामिनी के रूप में, दूसरा वी अवधूत द्वारा दिए गए स्पेशल इफेक्ट्स फिल्म को बेहद इंटरेस्टिंग बनाता है। और तीसरा फिल्म में कृष्णराव दिए गए गीत।
यह फिल्म एक सामाजिक विषय पर बनी, जहाँ पर समाज सिर्फ पितृसत्तात्मक कानूनों का पालन करता था। जहाँ पर माता का कोई भी अस्तित्व नहीं था। अगर पिता है तो बच्चे को सम्मान और पालन पोषण का अधिकार , वरना कुछ भी नहीं। इस फिल्म के जरिये निर्देशक ने यह सन्देश दिया है कि पिता के बिना भी बच्चे के लिए माँ का अस्तित्व सबसे अधिक होता है।