साल 1952 की बात है, सिनेमाघरों में पहली बार रंगीन रोशनी दिखी । दर्शकों ने देखा मीना कुमारी सफ़ेद घोड़े पर सवार होकर “आन” की […]
Author: Sonaley Jain
ब्रिटेन का साइलेंट सिनेमा: वो दौर जब तस्वीरें बोलती थीं
1920 का दशक, लंदन के एक छोटे से थियेटर में अँधेरा छा गया। स्क्रीन पर सफेद-काले रंगों में एक नाव समुद्र की लहरों से टकरा […]
पुराने जमाने की फिल्मों से सीखें जिंदगी के 5 अनमोल पाठ
क्या आपको कभी लगता है कि आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कुछ खो सा गया है? वो सादगी, वो इंसानियत, वो दिल से जुड़ाव? […]
स्पेशल इफेक्ट्स के शुरुआती प्रयोग: जब जादू बनता था हाथों से, पिक्सल्स नहीं!
आज जब हम ‘अवतार’ में नीले नावी जाति को पंडोरा के जंगलों में उड़ते देखते हैं, या ‘जंगल बुक’ में मोगली को जानवरों से बात […]
ग्रेगोरी पेक: हॉलीवुड के इस क्लासिक अभिनेता की जंग और जीत की कहानी
उस चेहरे को देखो, गहरी नज़रें जिनमें एक अजीब सा दर्द समाया है, मगर उसके ऊपर सवार एक अटूट इंसाफ पसंदी, जबड़े की रेखाएँ सख़्त, […]
क्लासिक स्टार्स की आखिरी फिल्में: वो अंतिम चित्र जहाँ रुक गया समय
सिनेमा हॉल का अँधेरा, पर्दे पर चेहरा, वो आवाज़, वो अदाएँ, कुछ पल के लिए हम भूल जाते हैं कि ये हमारे और हमारे बीच […]
जब तक फिल्म चुप थी, लोग दूर थे…जब बोली, सबके दिल से जुड़ गई!
सिनेमा हॉल का अँधेरा। चलचित्रों की रुपहली रोशनी। पर्दे पर चेहरे भाव बदल रहे हैं – हँस रहे हैं, रो रहे हैं, गुस्सा कर रहे […]
Late Spring: ओज़ू की वो फिल्म जो दिल के किसी कोने में घर कर जाती है
कल्पना कीजिए एक ऐसी फिल्म जिसमें कोई भीषण एक्शन नहीं, कोई जोरदार ड्रामा नहीं, कोई भावुक भाषण नहीं। बस जीवन है। रोज़मर्रा की साधारण सी […]
इन गानों को ना भूल पाये हम – ना भूल पायेगी Bollywood!
आंखें मूंदो। कान खोलो। क्या सुनाई देता है? शायद दूर से आती कोई सीटी… या फिर रेडियो पर बजता कोई पुराना सा सुर… और अचानक, […]
ग्लैमर से परे: जब हॉलीवुड के सुनहरे सितारों की रोशनी में दिखी अकेलेपन की परछाइयाँ
सोचिए एक पल। 1950 का दशक। एक विशाल सिनेमा हॉल। पर्दे पर क्लार्क गेबल अपनी विद्युत चुम्बकीय मुस्कान बिखेर रहे हैं। ग्रेटा गार्बो की आँखों […]