शोमैन राज कपूर की कई सुपरहिट फिल्मों के कलेक्शंस में से यह पहली सुपरहिट फिल्म थी। और इस फिल्म की सफलता के बाद ही उन्होंने आरके स्टूडियो का निर्माण किया था। बॉलीवुड की यह सुपरहिट फिल्म 21 अप्रैल 1949 को हिंदी सिनेमा में रिलीज़ हुयी और वो भी राज कपूर और नरगिस की सुपरहिट जोड़ी के साथ।
2 घंटे और 51 मिनट्स की इस फिल्म में राज कपूर ने प्रेम के रिश्ते की गहराइयों को बता है कि किस तरह सच्चा प्रेम हर परेशानियों का सामना कर सकता है। इसका संगीत आज भी बेस्ट बॉलीवुड म्यूजिक में गिना जाता है।
Story Line –
कहानी शुरू होती है दो अमीर दोस्तों के साथ, प्राण और गोपाल। एक दूसरे के विपरीत दोनों दोस्त बड़े ही मज़े से अपना जीवन जी रहे होते हैं। जहाँ पर प्राण एक संवेदनशील व्यक्ति है वहीँ दूसरी तरफ गोपाल किसी की भी महत्ता को ना समझने वाला। मगर उनके जीवन में बदलाव तब आता है जब वह दोनों ही छुट्टियां मनाने कश्मीर की घाटियों में जाते हैं।
वहां पर जहाँ प्राण की मुलाकात रेशमा से होती है वहीँ दूसरी तरफ गोपाल नीला से मिलता है। मगर दोनों का मिलना ही अलग होता है। जहाँ पर प्राण रेशमा में एक सच्चे प्रेम को पाता है तो वहीँ गोपाल नीला को सिर्फ एक सांसारिक वस्तु के रूप में देखता है। उसे नीला के सच्चे प्रेम का भी आभास नहीं होता है।
दोनों वापस अपने शहर लौट जाते हैं और रेशमा और नीला के पास रह जाता है एक लम्बा इंतज़ार और उनके किये हुए बहुत सारे वादे। रेशमा को उसी के गांव का एक लड़का बहुत पसंद करता है और उसके साथ शादी करना चाहता है, मगर रेशमा मना कर देती है। और अपने बाबूजी का इंतेज़ार करती हैं। गोपाल नीला को भूल जाता है और जीवन में व्यस्त रहता है मगर प्राण रेशमा को नहीं भूल पाता।
उसकी याद में हमेशा ही दुखी रहता है। गोपाल उसको बहुत समझाता है, उसका मन बदलने के लिए उसको घुमाने भी ले जाता है मगर इन सब का कोई भी फायदा नहीं होता। वहीँ दूसरी तरफ इतना इंतज़ार करते करते सभी गांव वाले रेशमा का विवाह उसी लड़के से तय कर देते हैं और जिस दिन विवाह हो रहा होता है तो गांव के पास ही प्राण की कार का एक्सीडेंट हो जाता है। रेशमा प्राण को पहचान लेती है और शादी करने से मना कर देती है। रेशमा के मंगेतर को जब यह पाता चलता है तो वह उसको मारने का प्रयास करता है तभी रेशमा आकर बचा लेती है। और पुलिस उसको पकड़ कर ले जाती है।
प्राण और रेशमा दोनों मिल जाते हैं। गोपाल को सच्चे प्रेम का आभास होता है कि वह सच में नीला से बहुत प्रेम करता है। और वह पश्चाताप की अग्नि में जलकर अपने किये गए व्यव्हार की माफ़ी मांगने नीला के पास जाता है तो उसको पाता चलता है कि नीला की कुछ समय पहले ही मोत हुयी है। अब गोपाल के पास सिर्फ नीला की यादें ही रह गयी है जिनके साथ उसमे पूरा जीवन बिताने का सोचा है।
Songs & Cast –
ब्लॉकबस्टर फिल्म में शंकर जयकिशन ने संगीत दिया है और इस फिल्म का संगीत बॉलीवुड के बेस्ट संगीत और गानों में शरीक है – ” हवा में उड़ता जाये मेरा लाल दुप्पटा”, जिया बेक़रार है “, “अब मेरा कौन सहारा “, ” मै जिंदगी में हरदम रोता ही रहा”, “बरसात में हम से मिले तुम “, “मुझे किसी से प्यार हो गया “, “मेरी आखों में बस गया कोई रे ” और इन सभी गानों को लता मंगेशकर और मुकेश ने गया है।
बरसात राज कपूर की सुपरहिट फिल्म में अभिनय उनके साथ साथ नरगिस , प्रेमनाथ और निम्मी ने किया है। इस फिल्म के साथ निम्मी ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुवात की थी। यह फिल्म 2 युगल जोड़ो पर आधारित है जिसमे राज कपूर ने प्राण और नरगिस ने रेशमा की भूमिका निभाई वहीँ प्रेमनाथ ने गोपाल और निम्मी ने नीला के चरित्र को निभाया।
Review –
वैसे तो राज कपूर की हर फिल्म सुपरहिट और यादगार रही है मगर उनमे से कुछ तो बेहद ही उम्दा हैं, जिन्होंने हिंदी सिनेमा को देश में ही नहीं विदेश में भी पहचान दी है। बरसात उनकी बनायीं गयी एक ऐसी ही फिल्म है, जो दो युगल प्रेमियों की कहानी है। जिसमे से जहाँ पर एक प्यार सच्चा है और हर मुश्किलों का सामना करता है और अपनी मंज़िल पाता है। वहीँ दूसरी तरफ एक युगल का प्यार भौतिक सुखों से निर्मित होता है और एक हलके से झोकें में ही बिखर जाता है।
फिल्म में यह समझाया गया है कि चाहे कितनी भी परेशानियां आ जाये सच्चा रिश्ता हमेशा साथ होता है। और यही हर चुनौतियों का सामना करने कि शक्ति भी देता है। फिल्म के निर्माता और निर्देशक राज कपूर साहेब ही हैं।