नर्क का नृत्य: ‘सक्कुबस’ (1968) – स्पेन की वह अजीबो-ग़रीब हॉरर फिल्म जो आपको झकझोर देगी

सोचिए… एक अँधेरा थिएटर। स्क्रीन पर लाल रंग के पर्दे फड़फड़ाते हैं। एक ख़ूबसूरत औरत, लोर्ना, मंच पर है। उसकी आँखों में एक अजीब सी […]

क्रांति की चिंगारी, बर्फ़ की चादर: ‘ट्रैक्स इन द स्नोवी फॉरेस्ट’ (1960) की वह दमदार दास्तान

“Tracks in the Snowy Forest” (चीनी: 林海雪原, पिनयिन: Lín Hǎi Xuě Yuán), 1960 में रिलीज़ हुई एक क्लासिक चीनी फ़िल्म है, जो चीनी क्रांतिकारी सिनेमा […]

पुरानी फिल्मों में दिखाए गए सामाजिक मुद्दे: क्यों आज भी हमारी आँखों में चुभते हैं?

क्या आपने कभी कोई पुरानी हिंदी फिल्म देखते हुए सोचा है, “अरे! यह तो आज भी वैसा ही है!”? फिर चाहे वो गरीबी का दर्द […]

दिलीप कुमार: वो पांच फ़िल्में जहाँ उनकी आँखों ने कहानियाँ लिखीं

किसी अभिनेता की महानता का पैमाना क्या है? क्या वो हिट फ़िल्में हैं, पुरस्कारों का ढेर, या फिर दर्शकों के दिलों पर छोड़ी गई वो […]

आशीर्वाद (1968): एक पिता के वज्र की कहानी

कल्पना कीजिए एक घर जहाँ दीवारों पर पुराने चित्र लटके हैं, हवा में हल्की खुशबू है गुलाबजल की, और बैठक में बूझे हुए सिगार की […]

सिनेमा के स्वर्ण युग की 10 क्लासिक फ़िल्में जिन्होंने हॉलीवुड को आकार दिया

हॉलीवुड का स्वर्ण युग, जो 1920 के दशक के अंत से लेकर 1960 के दशक की शुरुआत तक फैला हुआ है, जो फ़िल्म इतिहास में […]

पुराना बॉलीवुड संगीत: सुनहरी धुनों के ज़रिए एक सफ़र

पुराना बॉलीवुड संगीत खूबसूरत गानों से भरा एक ख़ज़ाना है जो हमें समय में वापस ले जाता है। ये गाने आज भी दादा-दादी से लेकर […]

“लॉरेंस ऑफ अरेबिया” की दृश्यात्मक भव्यता: एक समीक्षा

सिनेमा की दुनिया में कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जो अपने समय से बहुत आगे होती हैं और दशकों बाद भी उनकी प्रासंगिकता और भव्यता […]

एक मुसाफिर, एक हसीना : कश्मीर की वादी में प्यार का इम्तिहान

“एक मुसाफ़िर एक हसीना” 1962 की एक क्लासिक बॉलीवुड फ़िल्म है। राज खोसला द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म में जॉय मुखर्जी और साधना मुख्य भूमिकाओं में […]

आंसू, प्यार और त्याग: चिन्ना मरुमगल का दिल छू लेने वाला सफर

1960 की तमिल फ़िल्म “चिन्ना मरुमगल” तमिल सिनेमा के इतिहास में एक टाइमलेस क्लासिक के रूप में जानी जाती है। प्रशांत कुमार द्वारा निर्देशित इस […]