क्रांति की चिंगारी, बर्फ़ की चादर: ‘ट्रैक्स इन द स्नोवी फॉरेस्ट’ (1960) की वह दमदार दास्तान

“Tracks in the Snowy Forest” (चीनी: 林海雪原, पिनयिन: Lín Hǎi Xuě Yuán), 1960 में रिलीज़ हुई एक क्लासिक चीनी फ़िल्म है, जो चीनी क्रांतिकारी सिनेमा […]

बैंड वैगन (1940): वो ब्रिटिश कॉमेडी जिसने युद्ध के बीच में बिखेरी थी हँसी की चिंगारी

1940 का साल। यूरोप में द्वितीय विश्वयुद्ध की आग धधक रही थी, और ब्रिटेन के आसमान पर जर्मन बमवर्षकों के छाये होने के बावजूद, सिनेमाघरों […]

Five Golden Flowers (1959): चीन की वो फिल्म जिसमें खिले थे प्यार और समाजवाद के रंग

साल 1959 की बात है। चीन में ‘ग्रेट लीप फॉरवर्ड’ का दौर चल रहा था—जहाँ एक तरफ़ लोहे के कारख़ाने धुआँ उगल रहे थे, वहीं […]

“लॉरेंस ऑफ अरेबिया” की दृश्यात्मक भव्यता: एक समीक्षा

सिनेमा की दुनिया में कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जो अपने समय से बहुत आगे होती हैं और दशकों बाद भी उनकी प्रासंगिकता और भव्यता […]

“भूतिया हवेली की डरावनी रात: 1959 की हॉरर फिल्म की अनोखी कहानी

“हाउस ऑन हॉन्टेड हिल” 1959 की एक मशहूर हॉरर फिल्म है। विलियम कैसल द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने कई सालों तक दर्शकों को डरा और […]

होमटाउन इन माई हार्ट (1949) – एक दिल को छू लेने वाली कोरियाई फिल्म समीक्षा

“होमटाउन इन माई हार्ट” 1949 की एक क्लासिक कोरियाई फिल्म है, जिसका निर्देशन यूं योंग-ग्यू ने किया है। यह फिल्म एक युवा लड़के की अपनी […]

द टेन कमांडमेंट्स (1956) – एक क्लासिक हॉलीवुड फिल्म समीक्षा

1956 की हॉलीवुड महाकाव्य “द टेन कमांडमेंट्स” एक क्लासिक फिल्म है जो अपनी भव्यता और कहानी कहने के तरीके से दर्शकों को आकर्षित करती है। […]

द डांसिंग गर्ल ऑफ़ इज़ू (1933): ए टेल ऑफ़ लव एंड फेट

1933 में रिलीज़ हुई “द डांसिंग गर्ल ऑफ़ इज़ू” हीनोसुके गोशो द्वारा निर्देशित एक क्लासिक जापानी फ़िल्म है। यह फ़िल्म अपनी दिल को छू लेने […]

समाज का आईना: ‘देवी’ फिल्म समीक्षा

देवी” 1960 में रिलीज़ हुई एक क्लासिक बंगाली फ़िल्म है। महान सत्यजीत रे द्वारा निर्देशित, इस फ़िल्म का बंगाली सिनेमा प्रेमियों के दिल में एक […]

कैमरे की जुबानी कहानी: मूक सिनेमा का सिनेमाटोग्राफी

मूक सिनेमा (Silent Cinema) एक ऐसा युग था जब फिल्में बिना संवादों के बनाई जाती थीं, और दर्शकों तक कहानी पहुँचाने के लिए कैमरे की […]