यक़ीन मानिए, अगर आपने कभी भी किसी पुरानी, धूल भरी अलमारी में रखे फिल्मी पोस्टरों को पलटा हो, तो आपकी नज़र ज़रूर उस तस्वीर पर […]
Category: Movie Review
केवल प्रेम कहानी नहीं—‘अनमोल घड़ी’ में छुपा समाज और वर्ग का संदेश!
कल्पना कीजिए। साल 1946। देश आज़ादी की लड़ाई के आख़िरी दौर से गुज़र रहा है। हर तरफ उथल-पुथल, अनिश्चितता और बदलाव की हवा बह रही […]
सनसेट बुलेवार्ड: हॉलीवुड के सड़े हुए सपनों का कब्रिस्तान
सोचिए एक ऐसी दुनिया जहाँ समय रुक गया हो। जहाँ हवा में चमकते सितारों की बजाय बस धूल भरी यादें हों। जहाँ शीशे हर पल […]
नर्क का नृत्य: ‘सक्कुबस’ (1968) – स्पेन की वह अजीबो-ग़रीब हॉरर फिल्म जो आपको झकझोर देगी
सोचिए… एक अँधेरा थिएटर। स्क्रीन पर लाल रंग के पर्दे फड़फड़ाते हैं। एक ख़ूबसूरत औरत, लोर्ना, मंच पर है। उसकी आँखों में एक अजीब सी […]
क्रांति की चिंगारी, बर्फ़ की चादर: ‘ट्रैक्स इन द स्नोवी फॉरेस्ट’ (1960) की वह दमदार दास्तान
“Tracks in the Snowy Forest” (चीनी: 林海雪原, पिनयिन: Lín Hǎi Xuě Yuán), 1960 में रिलीज़ हुई एक क्लासिक चीनी फ़िल्म है, जो चीनी क्रांतिकारी सिनेमा […]
कल्पना से परे एक दिन: 1951 की ‘द डे द अर्थ स्टूड स्टिल’ क्यों आज भी चुभती है?
साल 1951, दुनिया अभी दूसरे महायुद्ध के सदमे से उबर भी नहीं पाई थी कि एक नई दहशत ने जकड़ लिया – शीत युद्ध। पूरब […]
बचपन के अटारी में चमकती एक पुरानी मूवी: इचबॉड और मिस्टर टोड का जादू
याद है वो पुरानी, धूल भरी अटारी? जहाँ दादी का ट्रंक खुलता था तो किताबों की खुशबू और पुराने खिलौनों का रहस्य निकलता था? वॉल्ट […]
द वुल्फ मैन (1941): वह रात जब चांदनी ने एक दिल को भेड़िये में बदल दिया
क्लासिक हॉरर मूवीवो रात… वो चाँद… वो दहशत! 1941 में रिलीज़ हुई ‘द वुल्फ मैन’ सिर्फ एक मॉन्स्टर मूवी नहीं थी। यह एक दिल को […]
आर्सेनिक एंड ओल्ड लेस (1944): डार्क ह्यूमर का मास्टरपीस जो आज भी ज़हर का मज़ा देता है!
कल्पना कीजिए एक ऐसी दुनिया की, जहां सबसे मीठी मुस्कान वाली, चाय-बिस्कुट परोसने वाली, प्यारी बुजुर्ग चाचियाँ… एक सनसनीखे़ज़ राज़ छिपाए बैठी हों। वो राज़? […]
इकीरू (1952): कागजों के पहाड़ में दफन एक आदमी, और जीने की वजह ढूंढने की कोशिश
सोचिए, एक दिन डॉक्टर आपको बता दे कि आपको गैस्ट्रिक कैंसर है, और बस कुछ ही महीने बाकी हैं। अब सवाल ये: अगले छह महीने […]