चोरी – चोरी एक बॉलीवुड क्लासिक रोमेंटिक फिल्म है, जिसका निर्देशन अनंत ठाकुर ने किया और यह फिल्म सिनेमा घरों में 1 जनवरी 1956 को रिलीज़ हुयी थी। यह फिल्म 1934 में रिलीज़ हुयी एक हॉलीवुड फिल्म इट हैपन्ड वन नाइट से प्रेरित होकर बनायीं गयी थी। एवीएम प्रोडक्शंस की पहली ब्लेक एन्ड व्हाइट फिल्म थी जो बाद में कलर्ड में भी रिलीज़ की गयी थी।
Story Line
कहानी शुरू होती है एक विधवा युवती कम्मो के साथ। वह अपने ससुर के साथ एक खुशहाल जीवन जी रही होती है। पिता जैसे ससुर के पास धन की कोई कमी नहीं थी मगर वह कम्मो के लिए ऐसा जीवन साथी चाहते थे जो धन का लालच ना करके कम्मो का जीवन साथी बने।
मगर कम्मो एक लालची सुमन कुमार से प्रेम करने लगती है और उसी के साथ विवाह करना भी चाहती है। पिता की अनुमति ना होते हुए भी कम्मो एक दिन मौका पाकर घर से भाग जाती है सुमन कुमार से मिलने और उसके साथ विवाह करने के लिए। पिता के पता चलते ही सभी रेडियो और अख़बार में कम्मो की गुमशुदगी की खबर फैल जाती है। और सुरक्षित वापसी के लिए पिता एक इनाम 1. 25 लाख की घोषणा भी करते हैं।
कम्मो भागने के लिए बस का सहारा लेती है, जहाँ पर उसकी मुलाकात एक युवा पत्रकार सागर से होती है। जो अपनी कहानी की तलाश में बेंगलोरे जा रहा है। दोनों की पहली मुलाकात तकरार से शुरू होती है। कुछ समय बाद बस थोड़ी देर के लिए रूकती है, जहाँ पर कम्मो रास्ता भटक जाती है और वापस बस तक नहीं पहुँच पाती और उसकी बस छूट जाती है।
सागर कम्मो की मदद करने के लिए वहीँ रुक जाता है। फिर दोनों दूसरी बस पकड़ते हैं, जहाँ पर एक कवि कम्मो को परेशां करता है अपनी कवितायेँ सुनाकर और तभी सागर वहां आ जाता है और अपना परिचय कम्मो के पति के रूप में करता है। सफर अच्छा चल रहा होता है कि तभी बस ख़राब हो जाती है। और सभी यात्रियों को पास के सराय में रात गुजरना पड़ता है। सराय में कमरा सिर्फ शादीशुदा को ही मिलता है तो सागर उस समय भी कम्मो का पति बन जाता है।
वह दोनों एक ही कमरे को शेयर करते हैं ,मगर दोनों का झगड़ा उनसे कमरा छुड़वा देता है। दोनों फैसला करते हैं कि अब पैदल चलकर ही बेंगलोर जायेंगे। रास्ते में आने वाली हर चीज़ और जगह कम्मो को बहुत अच्छी लगती है , खुले आसमान में सोना , खेत – खलियान और गांव का साधारण सा जीवन सब से उसको प्यार हो गया था। इसी बीच सागर और कम्मो की दोस्ती भी प्यार बे बदलने लगी थी।
सागर और कम्मो एक सराय में रुकते हैं और किराया देने के लिए सागर अपने संपादक से पैसे लेने के लिए सुबह जल्दी ही बेंगलोर के लिए निकल जाता है मगर सोती हुयी कम्मो के लिए वह एक चिठ्ठी छोड़ जाता है जो उसको मिलती ही नहीं है। सुबह उठकर कम्मो को पता चलता है कि सागर बिना बताये बेंगलोर चला गया है। उसको लगता है कि उसने कम्मो का इस्तेमाल सिर्फ अपनी नयी कहानी के लिए किया था।
कम्मो अपने पिता को फ़ोन करके बुलाती है और उनके साथ घर वापस चली जाती है। कम्मो को उदास देखकर पिता गिरधारी लाल को लगता है कि सुमन कुमार से विवाह ना होने का गम है तो वह कम्मो की सगाई सुमन कुमार से करने का एलान करते हैं।
उधर दूसरी तरफ सागर जब वापस आता है और कम्मो के बारे में पता चलता है तो उसको लगता है कि शायद ना तो कम्मो ने कभी उससे प्यार किया और ना ही वह बंधन में बंधना चाहती थी। सगाई के फंक्शन में प्रेस वालों को भी बुलाया जाता है। सागर भी आता है और गिरधारी लाल को पता चलता है कि सागर ने किस तरह से कम्मो की मदद की तो वह सागर को इना म के पैसे देना चाहते हैं मगर सागर उन्हें सफर के दौरान खर्च हुए 15 रुपये और 12 आने का बिल देता है और बस उसको वही चाहिए था।
गिरधारी लाल को सागर की ईमानदारी बहुत पसद आती है और वह सागर के जाने के बाद कम्मो को उसकी खूबियां बताते हैं और कहते हैं कि वह इस सगाई से भाग जाए और सागर से विवाह करे। पिता की यह बात सुनकर कम्मो भाग जाती है और अंत में सागर और कम्मो मिल जाते हैं।
Songs & Cast
फिल्म में संगीत शंकर जयकिशन का है और इसके सुपरहिट गानों को हसरत जयपुरी और शैलेन्द्र ने लिखा है। “आजा सनम मधुर चांदनी में हम “,”ऑल लाइन क्लियर”, “रसिक बलमा से दिल क्यों लगा”, “जहां में जाति हूं वहीँ चले आते हो ” , “मनभावन के घर जय गोरी”, “सवा लाख की लॉटरी” और इन मधुर गीतों को आवाज़ में पिरोया है लता मंगेशकर, आशा भोंसले, मन्ना डे ,मोहम्मद रफ़ी और एम एल वसंतकुमारी ने।
यह सुपरहिट फिल्म कई बड़े बड़े कलाकारों को लेकर बनायीं गयी थी , इसमें मुख्य भूमिका में राज कपूर और नरगिस दिखे हैं सागर और कम्मो के रूप में। प्राण ने सुमन कुमार के लालची किरदार को बखूबी निभाया है। फिल्म में भगवान दादा , जॉनी वॉकर , डेविड और गोपे जैसे कई बड़े दिग्गजों को लिया गया था।
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