फ्रॉम रशिया विद लव एक हॉलीवुड जासूसी फिल्म, जो सिनेमा घरों में 10 अक्टूबर 1963 को रिलीज़ हुयी थी। यह फिल्म ईऑन प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित जेम्स बॉन्ड सीरीज की दूसरी फिल्म थी। और इसकी कहानी इयान फ्लेमिंग के 1957 में आये एक प्रसिद्ध उपन्यास फ्रॉम रशिया विद लव पर आधारित है।
इस फिल्म का निर्देशन टेरेंस यंग ने किया, और यह फिल्म उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बानी और इसकी सफलता ने इसको 1960 के दशक की एक ब्लॉकबस्टर फिल्म बना दिया था।
story Line
कहानी शुरू होती है जमैका में एक एजेंट डॉ. नो की मौत हो जाती है और उसका बदला जेम्स बॉन्ड से लेने के लिए MI6 एजेंट अपनी टीम को प्रशिक्षित करता है। जेम्स बॉन्ड को मारने के लिए एक संगठन नियुक्त किया जाता है। यह संगठन एक आयरिश हत्यारे डोनाल्ड ग्रांट को यह काम सोंपता हैं। और उस पर नज़र रखने के लिए संगठन सोवियत काउंटर-इंटेलिजेंस के एक पूर्व कर्नल, रोजा क्लेब को मिशन की देखरेख करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि ग्रांट सही समय पर बॉन्ड की हत्या को अंजाम दे सके।
वहीँ दूसरी तरफ लंदन में, जेम्स बॉन्ड को एम के साथ एक बैठक के लिए बुलाया जाता है और उसको यह बताया जाता है कि रोमानोवा ने ब्रिटिश खुफिया एजेंसी की मदद करने का अनुरोध किया है। मगर क्रोनस्टीन ने सभी को आगाह किया था कि एम बॉन्ड को फ़साने का कोई जाल बन रहा है। लेकिन सभी रोमानोवा के अनुरोध का सम्मान करने का फैसला करते हैं।
इस्तांबुल जाने से पहले एजेंसी बॉन्ड को एक विशेष अटैची केस देती है, जिसमें कई रक्षात्मक गैजेट और एक अरमालाइट एआर -7 स्नाइपर राइफल शामिल है, ताकि बॉन्ड को अपने असाइनमेंट में मदद मिल सके। इस्तांबुल पहुँचते ही बॉन्ड MI6 के एक प्रमुख एजेंटअली केरीम के साथ काम करता है और इंतज़ार करता है रोमानोवा का।
और कुछ समय के बाद एक दिन, केरीम पर सोवियत एजेंट क्रिलेंकू के द्वारा हमला किया जाता है, और वह इस बात से अनजान होता है कि ग्रांट बॉन्ड की रक्षा करने का नाटक कर रहा होता है जब तक कि वह लेक्टर को चुरा नहीं लेता। हमले में केरीम बॉन्ड की मदद से क्रिलेंकू की हत्या कर देता है और शहर को छोड़कर भाग जाता है।
आखिरकार, बॉन्ड रोमानोवा से एक होटल में मिलता है, जहाँ पर वह लेक्टर को चोरी करने में बॉन्ड की मदद करने के लिए सहमत होती है। इन सब बातों से अनजान स्पेक्टर अपनी अलग ही नीतियों में व्यस्त रहता है। वही दूसरी तरफ रोमानोवा से वाणिज्य दूतावास की योजना प्राप्त करने के बाद बॉन्ड और केरीम लेक्टर को चोरी करने की योजना बनाते हैं।
मगर ग्रांट इन तीनो की योजना को बर्बाद कर देता है। और वह केरीम की हत्या कर देता है और बॉन्ड को ट्रेन में रहने के लिए मज़बूर भी करता है। मगर जब ट्रेन बेलग्रेड में आती है, तो बॉन्ड केरीम की मौत की खबर पिता का इंतज़ार करते हुए बेटे को देता है।
बॉन्ड को ज़ाग्रेब शहर जाकर नैश नामक एक ब्रिटिश एजेंट से मिलने का निर्देश मिलता है। असल में नैश ही ग्रांट है और उसने पहले ही नैश का क़त्ल कर दिया था और वह नैश बनकर दोनों को मरने के इरादे से आता है। ग्रांट होटल में बॉन्ड और रोमानवा से मिलता है। वह रोमानवा के खाने में नशीला पदार्थ दाल देता है जिसकी वजह से रोमानवा बेहोश हो जाती है और ग्रांट बॉन्ड के साथ लड़ाई शुरू कर देता है और जल्द ही बॉन्ड के हाथों उसकी मृत्यु हो जाती है।
इसके बाद संगठन क्लेब को आदेश देते हैं कि वह बॉन्ड को ख़त्म कर दे। क्लेब वेनिस के एक होटल में आराम कर रहे बॉन्ड और रोमानोवा के कमरे में एक नौकरानी के भेष में जाता है और पिस्टल की नोक बॉन्ड को कमरे से बाहर कर देता है मगर रोमानोवा क्लेब के हाथों से पिस्टल को गिरा देती है उतने में ही बॉन्ड वहां आ जाता है और दोनों में लड़ाई शुरू हो जाती है। रोमानोवा जमीन पर गिरी पिस्टल को उठती है और क्लेब को मार देती है।
Cast –
फिल्म में जेम्स बॉन्ड के किरदार को सीन कॉनरी ने निभाया है।इस्तांबुल में MI6 स्टेशन T के प्रमुख अली केरीम बे को पेड्रो आर्मेंदरिज़ ने निभाया और रोजा क्लेब के किरदार को जीवित किया लोटे लेन्या ने। रॉबर्ट शॉ ने हत्यारे डोनाल्ड ग्रांट को निभाया और रोमानोवा के रूप में डेनिएला बियानची दिखी फिल्म में।
Interesting facts
फिल्म की ज्यादातर शूटिंग तुर्की में हुयी थी जिसकी वजह से तुर्की का टूरिज्म बिज़नेस में बहुत बढ़ोत्तरी हुयी। इसके अलावा फिल्म की शूटिंग पाइनवुड स्टूडियो, बकिंघमशायर और स्कॉटलैंड में हुयी थी
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